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रेमडेसिविर की गुणवत्ता पर उठे सवाल, 5 मरीजों की बिगड़ी तबीयत

कोविड संकट के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदने के लिए लोग मुंहमांगी कीमत चुका रहे हैं. हालांकि कोरोना के इलाज में इसके प्रभावी ढंग से काम न करने पर काफी सवाल उठे हैं. लोकबंधु अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन की डोज देने पर 5 मरीजों की तबीयत बिगड़ गई. अस्पताल के डॉक्टरों ने उच्चधिकारियों को रिपोर्ट भेजी है.

लोकबंधु अस्पताल .
लोकबंधु अस्पताल .
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Published : May 12, 2021, 12:39 AM IST

लखनऊ: कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर हर तरफ मारामारी है. अब राजधानी में इसकी गुण्वत्ता पर ही सवाल उठने लगे हैं. रेमडेसिविर इंजेक्शन के प्रभावी ढंग से काम न करने पर चिंता बढ़ गई है. यहां लोकबंधु अस्पताल में इंजेक्शन लगने के बाद 5 मरीजों की हालत बिगड़ गई. उनमें कई दुष्प्रभाव नजर आए. ऐसे में डॉक्टरों ने अस्पताल प्रशासन से शिकायत की है. अब इसकी गुणवत्ता की जांच कर रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी.

रेमडेसिविर लगने के बाद मरीजों का ऑक्सीजन लेवल कम हुआ
दरअसल, 6 मई को लोकबंधु अस्पताल में भर्ती 5 मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाया गया था. इंजेक्शन लगने के बाद सभी मरीजों ने घबराहट होने की शिकायत की. देखते-देखते मरीजों को कंपकंपी होने लगी. उनमें ऑक्सीजन लेवल कम होना शुरू हो गया. डॉक्टरों का कहना है कि उन मरीजों को सांस की तकलीफ बढ़ गई. किसी तरह दूसरी दवाएं देकर मरीजों को राहत दी गई. इंजेक्शन में इस तरह के दुष्प्रभाव का जिक्र नहीं किया गया था.

नए बैच पर बढ़ी आशंका
लोकबंधु अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर अजय त्रिपाठी के मुताबिक अब तक 100 से ज्यादा मरीजों को रेमडेसिविर की डोज दी जा चुकी है. इनमें से 5 मरीजों की तबीयत बिगड़ी थी. नए बैच के इंजेक्शन देने से ये समस्या उत्पन्न हुई है. ऐसे में इलाज करने वाले डॉक्टरों से सस्पेक्टेड एडवर्स ड्रग रिएक्शन फॉर्म भरा लिया गया है. इसकी रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी. इसी तरह बलरामपुर अस्पताल में भर्ती दो मरीजों को समस्या हुई है.

इसे भी पढ़ें-यूपी में लगातार घट रही कोरोना संक्रमण की दर: सीएम योगी

रेमडेसिविर के लिए मुंहमांगी कीमत दे रहे लोग
सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों को मुफ्त रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए जाते हैं. वहीं निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए लोग इसे खरीदने के लिए मुंहमांगी कीमत भी दे रहे हैं. अभी तक सरकारी अस्पतालों में इंजेक्शन पाउडर के रूप में आता था. इसे डायल्यूट कर अस्पताल में ही इंजेक्शन के रूप में तैयार किया जाता था. अब करीब डेढ़ सप्ताह से तैयार इंजेक्शन की आपूर्ति अस्पतालों में की जा रही है.

एंटीवायरल दवा है रेमडेसिविर
बता दें कि रेमडेसिविर एक एंटीवायरल दवा है, ये काफी पहले कई बीमारियों में प्रयोग की जा चुकी है. रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज में किया जा रहा है. हालांकि कोरोना के इलाज में इसके प्रभावी ढंग से काम करने पर काफी सवाल उठे हैं. कई देशों में इसके इस्तेमाल की मंजूरी नहीं मिली है.

लखनऊ: कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर हर तरफ मारामारी है. अब राजधानी में इसकी गुण्वत्ता पर ही सवाल उठने लगे हैं. रेमडेसिविर इंजेक्शन के प्रभावी ढंग से काम न करने पर चिंता बढ़ गई है. यहां लोकबंधु अस्पताल में इंजेक्शन लगने के बाद 5 मरीजों की हालत बिगड़ गई. उनमें कई दुष्प्रभाव नजर आए. ऐसे में डॉक्टरों ने अस्पताल प्रशासन से शिकायत की है. अब इसकी गुणवत्ता की जांच कर रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी.

रेमडेसिविर लगने के बाद मरीजों का ऑक्सीजन लेवल कम हुआ
दरअसल, 6 मई को लोकबंधु अस्पताल में भर्ती 5 मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाया गया था. इंजेक्शन लगने के बाद सभी मरीजों ने घबराहट होने की शिकायत की. देखते-देखते मरीजों को कंपकंपी होने लगी. उनमें ऑक्सीजन लेवल कम होना शुरू हो गया. डॉक्टरों का कहना है कि उन मरीजों को सांस की तकलीफ बढ़ गई. किसी तरह दूसरी दवाएं देकर मरीजों को राहत दी गई. इंजेक्शन में इस तरह के दुष्प्रभाव का जिक्र नहीं किया गया था.

नए बैच पर बढ़ी आशंका
लोकबंधु अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर अजय त्रिपाठी के मुताबिक अब तक 100 से ज्यादा मरीजों को रेमडेसिविर की डोज दी जा चुकी है. इनमें से 5 मरीजों की तबीयत बिगड़ी थी. नए बैच के इंजेक्शन देने से ये समस्या उत्पन्न हुई है. ऐसे में इलाज करने वाले डॉक्टरों से सस्पेक्टेड एडवर्स ड्रग रिएक्शन फॉर्म भरा लिया गया है. इसकी रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी. इसी तरह बलरामपुर अस्पताल में भर्ती दो मरीजों को समस्या हुई है.

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रेमडेसिविर के लिए मुंहमांगी कीमत दे रहे लोग
सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों को मुफ्त रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए जाते हैं. वहीं निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए लोग इसे खरीदने के लिए मुंहमांगी कीमत भी दे रहे हैं. अभी तक सरकारी अस्पतालों में इंजेक्शन पाउडर के रूप में आता था. इसे डायल्यूट कर अस्पताल में ही इंजेक्शन के रूप में तैयार किया जाता था. अब करीब डेढ़ सप्ताह से तैयार इंजेक्शन की आपूर्ति अस्पतालों में की जा रही है.

एंटीवायरल दवा है रेमडेसिविर
बता दें कि रेमडेसिविर एक एंटीवायरल दवा है, ये काफी पहले कई बीमारियों में प्रयोग की जा चुकी है. रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज में किया जा रहा है. हालांकि कोरोना के इलाज में इसके प्रभावी ढंग से काम करने पर काफी सवाल उठे हैं. कई देशों में इसके इस्तेमाल की मंजूरी नहीं मिली है.

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