लखनऊ: कोरोन से बचने के लिए सरकार ने सोशल डिस्टेंसिग और सभी को मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है. प्रदेश में बिना मास्क के घर से बाहर निकलने पर पकड़े जाने पर जुर्माना भा लगाया जा रहा है. प्रदेश में मास्क न पहनने वालों से अब तक करोड़ों रुपये का जुर्माना वसूला जा चुका है. राजधानी लखनऊ में मास्क गरीबों को लिए मुश्किल बनता जा रहा है. दिहाड़ी मजदूरों का कहना है कि इतनी मंहगाई में बमुश्किल ही परिवार का खर्च चल पाता है. ऐसे में मास्क का खर्च भारी पड़ रहा है. मास्क को अनिवार्य बनाया गया है. सरकर को गरीबों को मुफ्त में मास्क का वितरण करना चाहिए.
नगर निगम में सफाई का काम करने वाले सग्गू ने बताया कि दिन भर काम करते है. अभी तक केवल एक बार ही निगम की ओर से मास्क मिला है. कभी मास्क घर पर भूल गए, तो दुकान पर 10 रुपये में खरीदना पड़ता है, जो अब काफी मुश्किल हो रहा है. आसिफा ने बताया कि दूसरों के घरों में काम करके के बाद किसी तरह से परिवार का गुजारा होता है. ऐसे में मास्क खरीदना अब मुश्किल हो रहा है. इसलिए वह अपनी साड़ी से ही मुंह को ढकती है. राजकुमारी ने कहा कि पहले पेट भरने की जिम्मेदारी होती है फिर पैसें बचेंगे तो ही कुछ सोचेंगे. उन्होंने कहा कि अगर सरकार को मास्क जरूरी करना है, तो मुफ्त में मास्क का वितरण करना चाहिए.
लखनऊ: गरीबों ने कहा, सरकार मुफ्त में करें मास्क का वितरण - government should distribute masks for free
कोरोना संक्रमण में बचाव के लिए सरकार ने सभी को मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दिहाड़ मजदूरों का कहना है कि जब सरकार ने मास्क को अनिवार्य किया है, तो गरीबों को इसे मुफ्त में वितरण करना चाहिए.
लखनऊ: कोरोन से बचने के लिए सरकार ने सोशल डिस्टेंसिग और सभी को मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है. प्रदेश में बिना मास्क के घर से बाहर निकलने पर पकड़े जाने पर जुर्माना भा लगाया जा रहा है. प्रदेश में मास्क न पहनने वालों से अब तक करोड़ों रुपये का जुर्माना वसूला जा चुका है. राजधानी लखनऊ में मास्क गरीबों को लिए मुश्किल बनता जा रहा है. दिहाड़ी मजदूरों का कहना है कि इतनी मंहगाई में बमुश्किल ही परिवार का खर्च चल पाता है. ऐसे में मास्क का खर्च भारी पड़ रहा है. मास्क को अनिवार्य बनाया गया है. सरकर को गरीबों को मुफ्त में मास्क का वितरण करना चाहिए.
नगर निगम में सफाई का काम करने वाले सग्गू ने बताया कि दिन भर काम करते है. अभी तक केवल एक बार ही निगम की ओर से मास्क मिला है. कभी मास्क घर पर भूल गए, तो दुकान पर 10 रुपये में खरीदना पड़ता है, जो अब काफी मुश्किल हो रहा है. आसिफा ने बताया कि दूसरों के घरों में काम करके के बाद किसी तरह से परिवार का गुजारा होता है. ऐसे में मास्क खरीदना अब मुश्किल हो रहा है. इसलिए वह अपनी साड़ी से ही मुंह को ढकती है. राजकुमारी ने कहा कि पहले पेट भरने की जिम्मेदारी होती है फिर पैसें बचेंगे तो ही कुछ सोचेंगे. उन्होंने कहा कि अगर सरकार को मास्क जरूरी करना है, तो मुफ्त में मास्क का वितरण करना चाहिए.