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मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से कई परिवार हो रहे लाभान्वित

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कई गरीब परिवार ऐसे हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत लाभ मिल रहा है. लाभार्थियों ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि इस योजना से उन्हें बहुत फायदा मिला है. अब उनकी बेटियां पढ़ लिखकर आगे बढ़ पाएंगी.

benefit of mukhyamantri kanya sumangla yojana in lucknow
लखनऊ में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से कई परिवार हो रहे लाभान्वित.
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Published : Nov 29, 2020, 3:39 PM IST

लखनऊ: बेटियों को सशक्त बनाने के लिए केंद्र व राज्य सरकारों के द्वारा अलग-अलग योजनाएं चलाई जा रही हैं. ऐसी ही एक योजना उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के नाम से चल रही है, जिसमें बेटियों को पैदा होने से लेकर उनके स्नातक होने तक 15 हजार रुपये मिलने का प्रावधान है. हमने लाभान्वित हुए परिवारों से बात की तो उनका कहना था कि सरकार की इस योजना से उन्हें बहुत खुशी मिली है. उनकी बेटियां इस योजना की मदद से आगे बढ़ पाएंगी.

कन्या सुमंगला योजना के तहत गरीब परिवारों को मिल रहा लाभ.

साल 2019 में हुई थी शुरुआत
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की शुरुआत साल 2019 में की गई. इस योजना के तहत जिन परिवारों में बेटियां जन्म लेती हैं और उनके दो ही बच्चे हैं तो उन बेटियों को उनके जन्म से लेकर स्नातक होने तक 15 हजार रुपये देने का प्रावधान है. यह राशि योजना से लाभान्वित बेटियों को अलग-अलग स्तर पर दी जाती है. मुख्यमंत्री सुमंगला योजना का लाभ लेने के लिए सरकार की वेबसाइट mksy.up.gov.in पर जाकर आवेदन किया जा सकता है.

क्या कहते हैं लाभान्वित परिवार
राजधानी मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर निगोहा में नेशनल हाईवे 30 के किनारे छोटी सी चाय की दुकान लगाकर संगीता अपने पति और बच्चों के साथ गुजर-बसर करती हैं. संगीता ने अपने चाय की दुकान का नाम भी अपनी बेटी दिव्यांशी के नाम पर रखा है. संगीता ने बताया कि उनके परिवार में पति, एक बेटी और एक बेटा है. बेटी दिव्यांशी पास के ही एक स्कूल में पढ़ने जाती है और उसे कन्या सुमंगला योजना के तहत लाभ भी मिल रहा है. मां संगीता का कहना है कि जो परेशानियां एक महिला होकर हमने उठाई है, वह अब उनकी बेटी दिव्यांशी को नहीं सहन करना पड़ेगा. उनकी बेटी इस योजना की मदद से पढ़ लिख कर अब आगे बढ़ सकती है.

वहीं, कुछ दूरी पर ग्राम शेरपुर लवल में मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार को चलाने वाली एक और महिला से हमने बात की, जिनका नाम शशिलता प्रजापति है. वह अपने पति, एक बेटे और एक बेटी के साथ गांव में रहती हैं. पति मजदूरी करता है और शशिलता लोगों के कपड़े सिल कर परिवार को चलाने में अपने पति का साथ देती हैं. शशिलता ने बताया कि उन्होंने कन्या सुमंगला योजना का आवेदन किया था और उन्हें अब लाभ भी मिल रहा है. शशिलता का कहना है कि समाज में एक महिला होने का जो दंश हमने झेला है वह अब मेरी बेटी अंचिता को नहीं झेलना पड़ेगा और मेरी बेटी पढ़ लिख कर समाज में अपना नाम रोशन कर सकती है.

अब तक किए गए 25 हजार आवेदन
इस योजना के बारे में जिला प्रोबेशन अधिकारी सुधाकर शरण पांडे ने बताया कि राजधानी लखनऊ से ही अब तक 25 हजार आवेदन आ चुके हैं, जिनमें से 14 हजार आवेदनों का सत्यापन कर लिया गया है और उन्हें योजना का लाभ भी मिलना शुरू हो गया है. वहीं बचे हुए आवेदनों का भी सत्यापन किया जा रहा है. मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से जहां एक तरफ बेटियों को आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है वहीं दूसरी तरफ उनके परिजनों ने भी सरकार का शुक्रिया अदा किया है.

लखनऊ: बेटियों को सशक्त बनाने के लिए केंद्र व राज्य सरकारों के द्वारा अलग-अलग योजनाएं चलाई जा रही हैं. ऐसी ही एक योजना उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के नाम से चल रही है, जिसमें बेटियों को पैदा होने से लेकर उनके स्नातक होने तक 15 हजार रुपये मिलने का प्रावधान है. हमने लाभान्वित हुए परिवारों से बात की तो उनका कहना था कि सरकार की इस योजना से उन्हें बहुत खुशी मिली है. उनकी बेटियां इस योजना की मदद से आगे बढ़ पाएंगी.

कन्या सुमंगला योजना के तहत गरीब परिवारों को मिल रहा लाभ.

साल 2019 में हुई थी शुरुआत
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की शुरुआत साल 2019 में की गई. इस योजना के तहत जिन परिवारों में बेटियां जन्म लेती हैं और उनके दो ही बच्चे हैं तो उन बेटियों को उनके जन्म से लेकर स्नातक होने तक 15 हजार रुपये देने का प्रावधान है. यह राशि योजना से लाभान्वित बेटियों को अलग-अलग स्तर पर दी जाती है. मुख्यमंत्री सुमंगला योजना का लाभ लेने के लिए सरकार की वेबसाइट mksy.up.gov.in पर जाकर आवेदन किया जा सकता है.

क्या कहते हैं लाभान्वित परिवार
राजधानी मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर निगोहा में नेशनल हाईवे 30 के किनारे छोटी सी चाय की दुकान लगाकर संगीता अपने पति और बच्चों के साथ गुजर-बसर करती हैं. संगीता ने अपने चाय की दुकान का नाम भी अपनी बेटी दिव्यांशी के नाम पर रखा है. संगीता ने बताया कि उनके परिवार में पति, एक बेटी और एक बेटा है. बेटी दिव्यांशी पास के ही एक स्कूल में पढ़ने जाती है और उसे कन्या सुमंगला योजना के तहत लाभ भी मिल रहा है. मां संगीता का कहना है कि जो परेशानियां एक महिला होकर हमने उठाई है, वह अब उनकी बेटी दिव्यांशी को नहीं सहन करना पड़ेगा. उनकी बेटी इस योजना की मदद से पढ़ लिख कर अब आगे बढ़ सकती है.

वहीं, कुछ दूरी पर ग्राम शेरपुर लवल में मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार को चलाने वाली एक और महिला से हमने बात की, जिनका नाम शशिलता प्रजापति है. वह अपने पति, एक बेटे और एक बेटी के साथ गांव में रहती हैं. पति मजदूरी करता है और शशिलता लोगों के कपड़े सिल कर परिवार को चलाने में अपने पति का साथ देती हैं. शशिलता ने बताया कि उन्होंने कन्या सुमंगला योजना का आवेदन किया था और उन्हें अब लाभ भी मिल रहा है. शशिलता का कहना है कि समाज में एक महिला होने का जो दंश हमने झेला है वह अब मेरी बेटी अंचिता को नहीं झेलना पड़ेगा और मेरी बेटी पढ़ लिख कर समाज में अपना नाम रोशन कर सकती है.

अब तक किए गए 25 हजार आवेदन
इस योजना के बारे में जिला प्रोबेशन अधिकारी सुधाकर शरण पांडे ने बताया कि राजधानी लखनऊ से ही अब तक 25 हजार आवेदन आ चुके हैं, जिनमें से 14 हजार आवेदनों का सत्यापन कर लिया गया है और उन्हें योजना का लाभ भी मिलना शुरू हो गया है. वहीं बचे हुए आवेदनों का भी सत्यापन किया जा रहा है. मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से जहां एक तरफ बेटियों को आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है वहीं दूसरी तरफ उनके परिजनों ने भी सरकार का शुक्रिया अदा किया है.

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