लखनऊ : यूपी में लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. प्रदेश के कुछ जिले ऐसे हैं जहां की आबोहवा पूरी तरह से खराब है. सर्दी कम होने के साथ ही वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है. इस स्थिति में तमाम मरीज परेशान होते हैं. किसी को सांस लेने में दिक्कत होती है तो किसी को आंखों में जलन होती है. ऐसे में अस्पतालों में भी काफी भीड़ देखने को मिल रही है. सांस के मरीजों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है. जबकि आंखों में जलन के मरीज 40 फ़ीसदी बढ़े हैं. इसके अलावा सर्दी जुकाम से भी पीड़ित मरीजों की संख्या अस्पताल की ओपीडी में बढ़ गई हैं. सीपीसीबी (सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) की बुलेटिन रिपोर्ट के मुताबिक ग्रेटर नोएडा का प्रदुषण स्तर 398, गाजियाबाद 281, बरेली 190, आगरा 335, कानपुर 167, मुजफ्फरनगर 369, मेरठ 189, प्रयागराज 167 और वाराणसी का एक्यूआई 101 है.
सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एके श्रीवास्तव बताते हैं कि एक सप्ताह पहले 100 से 110 मरीज सर्दी-जुकाम बुखार के थे. अब यह 150 पार है. खराश, सर्दी-खांसी, हड्डियों में. दर्द की परेशानी वाले ज्यादा लोग हैं. सर्दी या जुकाम हो तो तुरंत दवा या सीरप न पिएं. भोजन में अजवायन, दालचीनी, सौंफ सब्जी में कम इस्तेमाल करें. संतरा, अंगूर, कीवी, लौकी, पालक, टिंडा, करेला फायदेमंद है.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक इन दिनों लखनऊ की हवा दूषित हो गई है. रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को शहर का एक्यूआई 325 है. प्रदेश के टॉप 10 शहर ऐसे हैं जहां की हवा दीपावली, दशहरा के बाद से अब तक दूषित है. ठंड में कोहरे के साथ वायु प्रदूषण काफी ज्यादा बढ़ जाता है. इस समय मौसम में परिवर्तन हो रहा है इस मौसम परिवर्तन के दौरान वायु प्रदूषित हो चुकी हैं. नए साल के मौके पर भी शहरवासियों ने जमकर आतिशबाजी की. राजधानी के तालकटोरा इंडस्ट्री सेंटर का एक्यूआई 325, सेंट्रल स्कूल का एक्यूआई 256, लालबाग का एक्यूआई 281, गोमतीनगर का एक्यूआई 185, भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी क्षेत्र का एक्यूआई 181 और कुकरेल पिकनिक स्पॉटस्पॉट-1 का एक्यूआई 193 है. राजधानी लखनऊ के यह क्षेत्र इंडस्ट्रियल एरिया में शामिल होते हैं जहां पर कल कारखाने का काम अधिक होता है.
मौसम इस समय ठंड से गर्म की ओर जा रहा है. ऐसे में लखनऊ समेत बहुत से शहरों में प्रदूषण बढ़ने की समस्या उत्पन्न हो जाती है. वायु प्रदूषण के लिहाज से आगरा, कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, अनपरा, गजरौला, खुर्जा, बरेली, मुरादाबाद, झांसी, फिरोजाबाद, रायबरेली और गोरखपुर को संवेदनशील माना गया है. ये वो शहर हैं, जहां की वायु गुणता का स्तर राष्ट्रीय मानक से कम है. इसलिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन शहरों पर विशेष नजर रखने की कार्ययोजना बनाई है. यहां वायु प्रदूषण फैलाने वाले कारकों पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. बलरामपुर अस्पताल में त्वचा विशेषज्ञ डॉ. एमएच उस्मानी ने बताया कि इस मौसम में त्वचा फटने लगती है. त्वचा सूख जाती है. चेहरा गुनगुना पानी से धोएं. कोल्ड क्रीम लगाएं. पर्याप्त पिएं. खुजली संबंधी मरीज 30 फीसदी बढ़ गए हैं. धूप में सनस्क्रीम लगाकर निकलें.
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