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Politics on Global Investors Summit : कांग्रेस ने कहा 'ग्लोबल इवेंट समिट' के जरिए जनता की कमाई लुटा रही सरकार

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Published : Feb 9, 2023, 10:47 PM IST

उत्तर प्रदेश में शुक्रावार से शुरू हो रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Politics on Global Investors Summit) को लेकर कांग्रेस के अखिलेश प्रताप सिंह ने चुटकी ली है. उन्होंने कहा कि यह 'ग्लोबल इवेंट समिट' केवल जनता के पैसे की बर्बादी के लिए आयोजित किया जा रहा है. जनता को इससे कुछ नहीं मिलने वाला. इस इवेंट का हाल भी वर्ष 2018 के आयोजन जैसा होने वाला है.

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश में होने जा रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर कांग्रेस ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि यह 'ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट नहीं है' यह केवल 'ग्लोबल इवेंट समिट' है. सरकार केवल जनता के पैसे से जनता को गुमराह करने का और गाढी कमाई लुटाने का काम कर रही है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार का दावा है कि इस समिट से 21 लाख करोड़ रुपये का निवेश आएगा, पर यह समिट भी बीते इन्वेस्टर समिट की तरह ही खोखली साबित होगी.

कांग्रेस प्रवक्ता व पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह ने गुरुवार को प्रदेश पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में इन्वेस्टर समिट को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस समिति के लिए सरकार ने देश की कई बड़ी इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों को हायर किया है. सरकार बताए कि वह कौन-कौन सी विभिन्न इवेंट एजेंसियों को हायर किया है, वह कहां की हैं और उनको कितना भुगतान किया जाना है. साथ ही इन एजेंसियों के चयन की प्रक्रिया क्या रही है.

यूपी उद्योग मंत्रालय ने इस समिट के लिए 320 करोड़ रुपये दिए : अखिलेश प्रताप सिंह ने आरोप लगाया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए अकेले उत्तर प्रदेश उद्योग विभाग ने लगभग 320 करोड़ रुपये इस समिति के लिए जारी किए हैं. इसी तरह सरकार ने सभी विभागों से इस इवेंट के नाम पर पैसे लिया है और इवेंट कंपनियों को दे दिया है. ताकि इस समिति को बेहतर बताया जा सके. उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 के फरवरी की 21 और 22 तारीख को इसी प्रकार का सबमिट आयोजित हुआ था. जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. इस इन्वेस्टर समिट में भी योगी सरकार ने लगभग 4 लाख 28 हजार करोड़ रुपये के निवेश आने का दावा किया था. सरकार का दावा था कि 1045 कंपनियों के साथ निवेश के लिए एमओयू साइन किया गया है. जिसके बाद सरकार ने दो ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी आयोजित की. इस सेरेमनी में एमओयू साइन करने वाली 1045 कंपनियों में से मात्र 371 कंपनियां ही भूमि पूजन के लिए आईं. अखिलेश प्रताप सिंह आरोप लगाया कि इन्हें 371 कंपनियों में सभी मात्र 106 कंपनियों का ही वाणिज्यिक संचालन शुरू हो पाया है, जो कुल घोषित निवेश का लगभग 9% ही था.

इवेंट पूरा इन्वेस्टमेंट जीरो : अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि वर्ष 2018 में होम मिनिस्टर समय में 9196 लोगों को आमंत्रित किया गया था. 6506 लोगों ने अपना पंजीकरण कराया था. 153 देशों के औद्योगिक घरानों ने भी इन्वेस्टर सम्मिट में अपना पंजीकरण कराया था. उस इन्वेस्टर समिट में भी सरकार के लाख दावों के बाद भी केवल 9% ही निवेश उत्तर प्रदेश को प्राप्त हुए थे. उन्होंने आरोप लगाया कि शुक्रवार से शुरू हो रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए भी बीते 10 महीनों से यूपी सरकार ने 17 देशों में अपने मंत्रियों व अधिकारियों को भेज के भ्रमण व रोड शो के आयोजन किए. वहां से वापस आने के बाद देश के हर महत्वपूर्ण शहर में भी सरकार द्वारा इसी तरह के रोड पर वह भ्रमण का आयोजन किया गया. जिसमें सरकार द्वारा जनता की गाढ़ी कमाई को पानी की तरह बहाया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि कहीं इस इन्वेस्टर समिट का हाल भी पिछले समिट की तरह ना हो जाए.

यह भी पढ़ें : Gorakhpur News: राहुल गांधी की सद्बुद्धि के लिए भाजपाइयों ने किया यज्ञ, राज्यमंत्री ने दी चेतावनी

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में होने जा रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर कांग्रेस ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि यह 'ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट नहीं है' यह केवल 'ग्लोबल इवेंट समिट' है. सरकार केवल जनता के पैसे से जनता को गुमराह करने का और गाढी कमाई लुटाने का काम कर रही है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार का दावा है कि इस समिट से 21 लाख करोड़ रुपये का निवेश आएगा, पर यह समिट भी बीते इन्वेस्टर समिट की तरह ही खोखली साबित होगी.

कांग्रेस प्रवक्ता व पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह ने गुरुवार को प्रदेश पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में इन्वेस्टर समिट को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस समिति के लिए सरकार ने देश की कई बड़ी इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों को हायर किया है. सरकार बताए कि वह कौन-कौन सी विभिन्न इवेंट एजेंसियों को हायर किया है, वह कहां की हैं और उनको कितना भुगतान किया जाना है. साथ ही इन एजेंसियों के चयन की प्रक्रिया क्या रही है.

यूपी उद्योग मंत्रालय ने इस समिट के लिए 320 करोड़ रुपये दिए : अखिलेश प्रताप सिंह ने आरोप लगाया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए अकेले उत्तर प्रदेश उद्योग विभाग ने लगभग 320 करोड़ रुपये इस समिति के लिए जारी किए हैं. इसी तरह सरकार ने सभी विभागों से इस इवेंट के नाम पर पैसे लिया है और इवेंट कंपनियों को दे दिया है. ताकि इस समिति को बेहतर बताया जा सके. उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 के फरवरी की 21 और 22 तारीख को इसी प्रकार का सबमिट आयोजित हुआ था. जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. इस इन्वेस्टर समिट में भी योगी सरकार ने लगभग 4 लाख 28 हजार करोड़ रुपये के निवेश आने का दावा किया था. सरकार का दावा था कि 1045 कंपनियों के साथ निवेश के लिए एमओयू साइन किया गया है. जिसके बाद सरकार ने दो ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी आयोजित की. इस सेरेमनी में एमओयू साइन करने वाली 1045 कंपनियों में से मात्र 371 कंपनियां ही भूमि पूजन के लिए आईं. अखिलेश प्रताप सिंह आरोप लगाया कि इन्हें 371 कंपनियों में सभी मात्र 106 कंपनियों का ही वाणिज्यिक संचालन शुरू हो पाया है, जो कुल घोषित निवेश का लगभग 9% ही था.

इवेंट पूरा इन्वेस्टमेंट जीरो : अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि वर्ष 2018 में होम मिनिस्टर समय में 9196 लोगों को आमंत्रित किया गया था. 6506 लोगों ने अपना पंजीकरण कराया था. 153 देशों के औद्योगिक घरानों ने भी इन्वेस्टर सम्मिट में अपना पंजीकरण कराया था. उस इन्वेस्टर समिट में भी सरकार के लाख दावों के बाद भी केवल 9% ही निवेश उत्तर प्रदेश को प्राप्त हुए थे. उन्होंने आरोप लगाया कि शुक्रवार से शुरू हो रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए भी बीते 10 महीनों से यूपी सरकार ने 17 देशों में अपने मंत्रियों व अधिकारियों को भेज के भ्रमण व रोड शो के आयोजन किए. वहां से वापस आने के बाद देश के हर महत्वपूर्ण शहर में भी सरकार द्वारा इसी तरह के रोड पर वह भ्रमण का आयोजन किया गया. जिसमें सरकार द्वारा जनता की गाढ़ी कमाई को पानी की तरह बहाया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि कहीं इस इन्वेस्टर समिट का हाल भी पिछले समिट की तरह ना हो जाए.

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