ETV Bharat / state

सांसदों के कार्यों का सर्वे एजेंसियों से करा रही भाजपा, नाम नहीं होने पर कटेगा पत्ता

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 18, 2023, 4:25 PM IST

लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी की सभी 80 सीटों पर चुनाव जीतने के लिए भाजपा कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. भाजपा अब सांसद प्रत्याशियों के लिए एजेंसियों से भी सर्वे करा रही है.

Etv Bharat
Etv Bharat
बीजेपी की राजनीति की जानकारी साझा करते भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव.

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी तीन स्तर पर लोकसभा चुनाव के लिए जिलों में सर्वे कर रही है. सर्वे एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर ही भारतीय जनता पार्टी के सांसदों की टिकट पर मुहर लगाई जाएगी. चौंकाने वाली बात यह है कि सर्वे में अगर नाम नहीं आएगा तो किसी भी स्तर पर मौजूद सांसद या मौजूदा केंद्रीय मंत्रियों को भी टिकट नहीं दिया जाएगा. 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों को लेकर अलग-अलग स्तर पर सर्वे कर रही है. इसमें कुछ प्राइवेट सर्वे एजेंसियों के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उनके अनुसांगिक संगठनों से भी कई बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी गई है. सर्वे और अन्य रिपोर्ट के आधार पर ही सांसदों को टिकट दिए जाने का फैसला किया जाएगा.

भाजपा की चुनावी तैयारी.
भाजपा की चुनावी तैयारी.


भारतीय जनता पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. जिन सांसदों की छवि ठीक नहीं है या क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर उन पर लापरवाही के आरोप स्थानीय जनता की तरफ से लगाए जा रहे हैं. वैसे तमाम बिंदुओं को देखते हुए भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व खास करके प्रधानमंत्री कार्यालय और गृहमंत्री अमित शाह खासे चौकन्ने हैं. पार्टी सांसदों के बारे में तीन अलग-अलग एजेंसियों से सर्वे कराया जा रहा है. जिससे सांसदों के बारे में उनके क्षेत्र में आम जनता की क्या राय है. विकास से जुड़े कामकाज कितने कराए गए हैं. क्षेत्र में सांसद की मौजूदा समय में क्या स्थिति है. जनता के बीच पकड़ और पहुंच की क्या स्थिति है. जनता के जुड़े मुद्दों को लेकर स्थानीय सांसद कितना प्रयासरत रहते हैं. इसके अलावा जन सुविधाओं को पूरा करने में उनका क्या रवैया रहता है. क्षेत्र में आने-जाने सहित कई बिंदुओं पर सर्वे एजेंसी के प्रतिनिधि स्थानीय जनता से मिल रहे हैं और फीडबैक जुटाया जा रहा है.

बीजेपी की राजनीति.
बीजेपी की राजनीति.


भाजपा सूत्रों का कहना है कि सपा-बसपा के कुछ सांसदों पर भी केंद्रीय नेतृत्व की नजर है. इसके अलावा अन्य दलों की विधायक जो अच्छा लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं और जीतने की स्थिति में हैं. उसको लेकर भी फीडबैक जुटाया जा रहा है. सर्वे में जो रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर आगे टिकट देने के बारे में फैसला किया जाएगा. भारतीय जनता पार्टी अलग-अलग स्तर पर इंटरनल सर्वे कर रही है. जिससे सांसदों के बारे में विस्तृत आंतरिक रिपोर्ट सामने आ सकेगी, जो सर्वे कराया जा रहा है, उसमें जिन मुख्य बातों पर फोकस है. सांसदों की उनके अपने क्षेत्र में क्या परफॉर्मेंस है. सांसदों की उनके अपने क्षेत्र में लोकप्रियता बढ़ी है या फिर घटी है. सांसदों की क्षेत्र में सक्रियता कितनी है जनता से जुड़े मुद्दों पर वह कितना सक्रिय रहते हैं. ऐसे तमाम बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार करने का काम सर्वे एजेंसी को सौंपा गया है.

यह भी पढ़ें : भोपाल में पोलिंग बूथ में BJP विधायक ने युवक को जड़ा थप्पड़, विश्वास सारंग का वीडियो आया सामने

दौसा में गरजे जेपी नड्डा, बोले- सरकार बनते ही भ्रष्टाचार को खत्म करना पहली प्राथमिकता

बीजेपी की राजनीति की जानकारी साझा करते भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव.

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी तीन स्तर पर लोकसभा चुनाव के लिए जिलों में सर्वे कर रही है. सर्वे एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर ही भारतीय जनता पार्टी के सांसदों की टिकट पर मुहर लगाई जाएगी. चौंकाने वाली बात यह है कि सर्वे में अगर नाम नहीं आएगा तो किसी भी स्तर पर मौजूद सांसद या मौजूदा केंद्रीय मंत्रियों को भी टिकट नहीं दिया जाएगा. 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों को लेकर अलग-अलग स्तर पर सर्वे कर रही है. इसमें कुछ प्राइवेट सर्वे एजेंसियों के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उनके अनुसांगिक संगठनों से भी कई बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी गई है. सर्वे और अन्य रिपोर्ट के आधार पर ही सांसदों को टिकट दिए जाने का फैसला किया जाएगा.

भाजपा की चुनावी तैयारी.
भाजपा की चुनावी तैयारी.


भारतीय जनता पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. जिन सांसदों की छवि ठीक नहीं है या क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर उन पर लापरवाही के आरोप स्थानीय जनता की तरफ से लगाए जा रहे हैं. वैसे तमाम बिंदुओं को देखते हुए भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व खास करके प्रधानमंत्री कार्यालय और गृहमंत्री अमित शाह खासे चौकन्ने हैं. पार्टी सांसदों के बारे में तीन अलग-अलग एजेंसियों से सर्वे कराया जा रहा है. जिससे सांसदों के बारे में उनके क्षेत्र में आम जनता की क्या राय है. विकास से जुड़े कामकाज कितने कराए गए हैं. क्षेत्र में सांसद की मौजूदा समय में क्या स्थिति है. जनता के बीच पकड़ और पहुंच की क्या स्थिति है. जनता के जुड़े मुद्दों को लेकर स्थानीय सांसद कितना प्रयासरत रहते हैं. इसके अलावा जन सुविधाओं को पूरा करने में उनका क्या रवैया रहता है. क्षेत्र में आने-जाने सहित कई बिंदुओं पर सर्वे एजेंसी के प्रतिनिधि स्थानीय जनता से मिल रहे हैं और फीडबैक जुटाया जा रहा है.

बीजेपी की राजनीति.
बीजेपी की राजनीति.


भाजपा सूत्रों का कहना है कि सपा-बसपा के कुछ सांसदों पर भी केंद्रीय नेतृत्व की नजर है. इसके अलावा अन्य दलों की विधायक जो अच्छा लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं और जीतने की स्थिति में हैं. उसको लेकर भी फीडबैक जुटाया जा रहा है. सर्वे में जो रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर आगे टिकट देने के बारे में फैसला किया जाएगा. भारतीय जनता पार्टी अलग-अलग स्तर पर इंटरनल सर्वे कर रही है. जिससे सांसदों के बारे में विस्तृत आंतरिक रिपोर्ट सामने आ सकेगी, जो सर्वे कराया जा रहा है, उसमें जिन मुख्य बातों पर फोकस है. सांसदों की उनके अपने क्षेत्र में क्या परफॉर्मेंस है. सांसदों की उनके अपने क्षेत्र में लोकप्रियता बढ़ी है या फिर घटी है. सांसदों की क्षेत्र में सक्रियता कितनी है जनता से जुड़े मुद्दों पर वह कितना सक्रिय रहते हैं. ऐसे तमाम बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार करने का काम सर्वे एजेंसी को सौंपा गया है.

यह भी पढ़ें : भोपाल में पोलिंग बूथ में BJP विधायक ने युवक को जड़ा थप्पड़, विश्वास सारंग का वीडियो आया सामने

दौसा में गरजे जेपी नड्डा, बोले- सरकार बनते ही भ्रष्टाचार को खत्म करना पहली प्राथमिकता

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.