लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर कांग्रेस पार्टी और भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट किया कि कांग्रेस ने केंद्र में अपनी सरकार के चलते पिछड़ों के आरक्षण सम्बंधी मंडल कमीशन की रिपोर्ट को लागू नहीं होने दिया, साथ ही एससी-एसटी आरक्षण को भी निष्प्रभावी बना दिया. अब बीजेपी भी इस मामले में कांग्रेस के पदचिन्हों पर ही चल रही है..जो अति चिन्तनीय है.
-
1. कांग्रेस ने केन्द्र में अपनी सरकार के चलते पिछड़ों के आरक्षण सम्बन्धी मण्डल कमीशन की रिपोर्ट को लागू नहीं होने दिया। साथ ही SC, ST आरक्षण को भी निष्प्रभावी बना दिया। और अब, बीजेपी भी, इस मामले में कांग्रेस के पदचिन्हों पर ही चल रही है। अति चिन्तनीय। (1/3)
— Mayawati (@Mayawati) December 29, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">1. कांग्रेस ने केन्द्र में अपनी सरकार के चलते पिछड़ों के आरक्षण सम्बन्धी मण्डल कमीशन की रिपोर्ट को लागू नहीं होने दिया। साथ ही SC, ST आरक्षण को भी निष्प्रभावी बना दिया। और अब, बीजेपी भी, इस मामले में कांग्रेस के पदचिन्हों पर ही चल रही है। अति चिन्तनीय। (1/3)
— Mayawati (@Mayawati) December 29, 20221. कांग्रेस ने केन्द्र में अपनी सरकार के चलते पिछड़ों के आरक्षण सम्बन्धी मण्डल कमीशन की रिपोर्ट को लागू नहीं होने दिया। साथ ही SC, ST आरक्षण को भी निष्प्रभावी बना दिया। और अब, बीजेपी भी, इस मामले में कांग्रेस के पदचिन्हों पर ही चल रही है। अति चिन्तनीय। (1/3)
— Mayawati (@Mayawati) December 29, 2022
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि सपा सरकार ने भी खासकर अति पिछड़ों को पूरा हक नहीं दिया. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का पदोन्नति में आरक्षण खत्म कर दिया. इससे सम्बन्धित बिल को सपा ने संसद में फाड़ दिया और इसे पास भी नहीं होने दिया. इन सभी वर्गों के लोग सावधान रहें, जबकि बहुजन समाज पार्टी सरकार में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति साथ-साथ अति पिछड़ों व पिछड़ों को भी आरक्षण का पूरा हक दिया गया, इसलिए अब आरक्षण पर बड़ी-बड़ी बातें करने से सपा व अन्य पार्टियों को भी कोई लाभ मिलने वाला नहीं. ये सभी वर्ग इन दोगले चेहरों से भी सतर्क रहें. बता दें कि हाल ही में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा काफी गरमा गया. हाईकोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण के ही स्थानीय निकाय चुनाव संपन्न कराने के सरकार को निर्देश दे दिए, लेकिन अब सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर फिर से आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी की है. मायावती ने रिजर्वेशन को लेकर ही सभी पार्टियों पर निशाना साधा है.
निषाद पार्टी भी ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर जाएगी SC : इसी मुद्दे पर योगी सरकार में मंत्री व निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने प्रेसवार्ता कर कहा कि उनकी पार्टी आरक्षण के मुद्दे पर ओबीसी वर्ग के साथ कदम से कदम मिलाकर खड़ी है. साथ ही मैं जिस सरकार का हिस्सा हूं वह भी ओबीसी के नेतृत्व में बनी हुई सरकार है. उन्होंने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश और देश के अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा और पूरी निष्ठा के साथ ओबीसी को समाज और विकास की मुख्यधारा के साथ जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है. निषाद पार्टी भी सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण को लेकर याचिका दायर करेगी.
राजनीतिक दलों ने प्रदेश सरकार पर साधा निशाना : राष्ट्रीय लोकदल के सदस्यता अभियान के प्रदेश प्रभारी सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि प्रदेश सरकार (Political parties targeted state government) का अन्य पिछड़ा वर्ग विरोधी चेहरा उच्च न्यायालय के आदेश के फलस्वरूप बेनकाब हो गया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछड़ी जातियों के साथ यह साजिश इसलिए रची थी कि प्रदेश की अनेकों क्षेत्रीय पार्टियां पिछड़ी जातियों के आधार पर ही गठित हुई हैं और राजनैतिक क्षेत्रों में उन पार्टियों का दखल भी है. यही कारण है कि भाजपा अपने शासन में पिछड़ी जातियों के साथ साजिश करके उन्हें वंचित रखना चाहती थी. उच्च न्यायालय और लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के फलस्वरूप ही पिछड़ों को न्याय मिला है.
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने खिसकते जनाधार से सवर्ण मतदाताओं को लुभाने के लिए सर्वप्रथम पिछड़ी जातियों के साथ साजिश का कुचक्र तैयार किया था और अगर यह साजिश सफल हो जाती तो अगला कदम अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के आरक्षण पर रोक लगाने की तैयारी थी. हमारे देश में जिस प्रकार विभिन्न धर्मों के साथ-साथ विभिन्न मौसमों एवं विभिन्न भाषाओं और रीति रिवाजों के साथ वेशभूषाओं को मिलाकर हिन्दुस्तान नामक गुलदस्ता बनता है उसी प्रकार विभिन्न जातियों द्वारा समाज नाम का गुलदस्ता तैयार होता है. प्रदेश सरकार ने इसी गुलदस्ते को बिगाड़ने का इरादा किया था. सदस्यता अभियान के प्रदेश प्रभारी सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव के साथ-साथ वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को इस साजिश का खामियाजा भुगतना पडे़गा. उन्होंने कहा कि सभी पिछड़ी जातियां एक साथ मिलकर विपक्ष में मतदान करेंगी, जिससे भाजपा को सत्ता से बाहर जाना होगा और लोकतंत्र की रक्षा में इन जातियों का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा. चौधरी चरण सिंह के सपनों का भारत बनाने में देश की जनता का यह एतिहासिक निर्णय होगा.
कांग्रेस जिला पिछड़ा वर्ग विभाग ने राज्यपाल को भेजा ज्ञापन : कांग्रेस के पिछड़ा वर्ग विभाग ने गुरुवार को राज्यपाल को जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौंपा है. पिछड़ा वर्ग विभाग के जिला अध्यक्ष शमीम कुरैशी का कहना है कि उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग का प्रतिनिधित्व सुरक्षित कराने के लिए आरक्षण की व्यवस्था प्रदान की गई है, लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार पर्याप्त तैयारी व विधि सम्मत सर्वेक्षण न कराए जाने के कारण उच्च न्यायालय में वर्तमान आरक्षण व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पिछड़ों के आरक्षण के हक को मारना चाहती है इसलिए जानबूझकर उसने अधिसूचना जारी करते समय आरक्षण के साथ छेड़छाड़ किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का पिछड़ा वर्ग विभाग उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियों के कारण पिछड़ों के साथ गैर संवैधानिक व उनके अधिकारों के हनन के खिलाफ रोष व्यक्त करती है. ज्ञात हो कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी की ओर से पिछड़े वर्ग के हक की लड़ाई के लिए 26 जनवरी से प्रदेश व्यापी अभियान चलाने की बात कही है.
यह भी पढ़ें : अखिलेश यादव ने कहा, पिछड़ों और दलितों के आरक्षण को समाप्त करना चाहती है भाजपा सरकार