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महेन्द्र नाथ पांडेय: ABVP संयोजक से कैबिनेट तक का राजनीतिक सफर

ABVP के जिला संयोजक से अपना राजनीतिक कैरियर शुरू करने वाले महेंद्रनाथ पांडेय ने मोदी कैबिनेट में अपनी जगह बनायी है. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में छात्रसंघ के महामंत्री रहे महेंद्रनाथ पांडेय रामजन्म भूमि आंदोलन में भी भागीदार बने. लेकिन यह सफर इतना आसान भी नहीं था.

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Published : May 31, 2019, 11:22 AM IST

महेन्द्र नाथ पांडेय (फाइल फोटो).

लखनऊ: पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में जन्मे महेंद्र नाथ पांडेय ने बीएचयू छात्र संघ महामंत्री के तौर पर राजनीतिक जीवन की प्रभावी शुरुआत की. वो भाजपा की उत्तर प्रदेश व केंद्र के सरकार में मंत्री भी रहे. मुरली मनोहर जोशी और कलराज मिश्र के बाद उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण नेता के तौर पर उनकी पहचान मुकम्मल हुई. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के मुश्किल लक्ष्य को आसान बनाया और अब नरेंद्र मोदी की सरकार में दूसरी बार कैबिनेट मंत्री बनाए गए.

जानकारी देते संवाददाता

महेन्द्र नाथ पांडेय का राजनीतिक सफर

  • महेंद्र नाथ पांडेय का राजनीतिक जीवन पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी को समर्पित रहा.
  • बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में छात्र संघ के महामंत्री के तौर पर उनके राजनीतिक जीवन को प्रतिष्ठा मिली.
  • राम जन्मभूमि आंदोलन में भी उनकी प्रमुख भागीदारी रही.
  • आपातकाल के दौरान भी उन्हें 5 माह के लिए जेल जाना पड़ा था.
  • उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में 1996 के दौरान उन्हें राज्यमंत्री बनने का मौका मिला.
  • 2002 में जब भाजपा की मिली जुली सरकार बनी तो फिर उन्हें मंत्री पद सौंपा गया.
  • भारतीय जनता पार्टी में वह ऐसे नेता हैं, जो संगठन और जनाधार दोनों ही मोर्चे पर प्रभावी भूमिका निभाते रहे.
  • 2014 लोकसभा चुनाव में वह सांसद बने और उन्हें मोदी सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्यमंत्री का दायित्व सौंपा गया.
  • लगभग 1 साल तक राज्यमंत्री रहने के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई.
  • मंत्री पद छोड़कर उन्होंने संगठन पर ध्यान केंद्रित किया.
  • उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के साथ बेहतर तालमेल बनाए रखते हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा को सपा-बसपा गठबंधन के बावजूद सर्वाधिक सीटें दिलाने में कामयाब रहे.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें सीधे केंद्रीय मंत्री बनाकर यह स्पष्ट कर दिया कि वह नरेंद्र मोदी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाले नेताओं में से एक हैं.


शुरूआती सफर...

  • एमए पीएचडी के साथ ही पत्रकारिता में परास्नातक डिग्री.
  • 1975 -76 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के वाराणसी जिला संयोजक रहे.
  • 1985 -86 में भारतीय जनता युवा मोर्चा में प्रदेश मंत्री बने.
  • 1987 में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य, 1991 में गाजीपुर की सैदपुर विधानसभा से पहली बार विधायक बने.
  • 1996 में भी दोबारा सैदपुर से ही विधायक बने.
  • भाजपा-बसपा की 1996 में गठबंधन सरकार के दौरान आवास नगर विकास राज्यमंत्री रहे.
  • कल्याण सिंह की सरकार में नियोजन राज्यमंत्री ( स्वतंत्र प्रभार) की जिम्मेदारी मिली.
  • राजनाथ सिंह और स्वर्गीय राम प्रकाश गुप्ता की 2002 में बनी भाजपा सरकार के दौरान पंचायती राज मंत्री रहे.

लखनऊ: पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में जन्मे महेंद्र नाथ पांडेय ने बीएचयू छात्र संघ महामंत्री के तौर पर राजनीतिक जीवन की प्रभावी शुरुआत की. वो भाजपा की उत्तर प्रदेश व केंद्र के सरकार में मंत्री भी रहे. मुरली मनोहर जोशी और कलराज मिश्र के बाद उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण नेता के तौर पर उनकी पहचान मुकम्मल हुई. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के मुश्किल लक्ष्य को आसान बनाया और अब नरेंद्र मोदी की सरकार में दूसरी बार कैबिनेट मंत्री बनाए गए.

जानकारी देते संवाददाता

महेन्द्र नाथ पांडेय का राजनीतिक सफर

  • महेंद्र नाथ पांडेय का राजनीतिक जीवन पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी को समर्पित रहा.
  • बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में छात्र संघ के महामंत्री के तौर पर उनके राजनीतिक जीवन को प्रतिष्ठा मिली.
  • राम जन्मभूमि आंदोलन में भी उनकी प्रमुख भागीदारी रही.
  • आपातकाल के दौरान भी उन्हें 5 माह के लिए जेल जाना पड़ा था.
  • उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में 1996 के दौरान उन्हें राज्यमंत्री बनने का मौका मिला.
  • 2002 में जब भाजपा की मिली जुली सरकार बनी तो फिर उन्हें मंत्री पद सौंपा गया.
  • भारतीय जनता पार्टी में वह ऐसे नेता हैं, जो संगठन और जनाधार दोनों ही मोर्चे पर प्रभावी भूमिका निभाते रहे.
  • 2014 लोकसभा चुनाव में वह सांसद बने और उन्हें मोदी सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्यमंत्री का दायित्व सौंपा गया.
  • लगभग 1 साल तक राज्यमंत्री रहने के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई.
  • मंत्री पद छोड़कर उन्होंने संगठन पर ध्यान केंद्रित किया.
  • उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के साथ बेहतर तालमेल बनाए रखते हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा को सपा-बसपा गठबंधन के बावजूद सर्वाधिक सीटें दिलाने में कामयाब रहे.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें सीधे केंद्रीय मंत्री बनाकर यह स्पष्ट कर दिया कि वह नरेंद्र मोदी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाले नेताओं में से एक हैं.


शुरूआती सफर...

  • एमए पीएचडी के साथ ही पत्रकारिता में परास्नातक डिग्री.
  • 1975 -76 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के वाराणसी जिला संयोजक रहे.
  • 1985 -86 में भारतीय जनता युवा मोर्चा में प्रदेश मंत्री बने.
  • 1987 में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य, 1991 में गाजीपुर की सैदपुर विधानसभा से पहली बार विधायक बने.
  • 1996 में भी दोबारा सैदपुर से ही विधायक बने.
  • भाजपा-बसपा की 1996 में गठबंधन सरकार के दौरान आवास नगर विकास राज्यमंत्री रहे.
  • कल्याण सिंह की सरकार में नियोजन राज्यमंत्री ( स्वतंत्र प्रभार) की जिम्मेदारी मिली.
  • राजनाथ सिंह और स्वर्गीय राम प्रकाश गुप्ता की 2002 में बनी भाजपा सरकार के दौरान पंचायती राज मंत्री रहे.
Intro:लखनऊ .पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में जन्मे महेंद्र नाथ पांडे ने बीएचयू छात्र संघ महामंत्री के तौर पर राजनीतिक जीवन की प्रभावी शुरुआत की और भाजपा की उत्तर प्रदेश व केंद्र के सरकार में मंत्री रहे. मुरली मनोहर जोशी और कलराज मिश्र के बाद उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण नेता के तौर पर उनकी पहचान मुकम्मल हुई. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के मुश्किल लक्ष्य को आसान बनाया और नरेंद्र मोदी की सरकार में दूसरी बार कैबिनेट मंत्री बन गए.


Body:महेंद्र नाथ पांडे का राजनीतिक जीवन पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी को समर्पित रहा. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में छात्र संघ के महामंत्री के तौर पर उनके राजनीतिक जीवन को प्रतिष्ठा मिली. राम जन्मभूमि आंदोलन में भी उनकी प्रमुख भागीदारी रही आपातकाल के दौरान भी उन्हें 5 माह के लिए जेल जाना पड़ा था. उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में 1996 के दौरान उन्हें राज्य मंत्री बनने का मौका मिला. 2002 में जब भाजपा के मिली जुली सरकार बनी तो फिर उन्हें मंत्री पद सौंपा गया. भारतीय जनता पार्टी में वह ऐसे नेता हैं जो संगठन और जनाधार दोनों ही मोर्चे पर प्रभावी भूमिका निभाते रहे 2014 लोकसभा चुनाव में वह सांसद बने और उन्हें मोदी सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री का दायित्व सौंपा गया. लगभग 1 साल तक राज्य मंत्री रहने के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई मंत्री पद छोड़कर उन्होंने संगठन पर ध्यान केंद्रित किया. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के साथ बेहतर तालमेल बनाए रखते हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा को सपा बसपा गठबंधन के बावजूद सर्वाधिक सीटें दिलाने में कामयाब रहे .उनके इसी राजनीतिक कौशल से प्रभावित होकर मोदी ने अपने दूसरी सरकार में उन्हें सीधे केंद्रीय मंत्री बनाकर यह स्पष्ट कर दिया कि वह नरेंद्र मोदी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाले नेताओं में से हैं और पार्टी और सरकार दोनों के लिए बेहद अहम है. सौम्य और सरल व्यक्तित्व के धनी महेंद्र नाथ पांडे के तौर पर भारतीय जनता पार्टी को दशकों बाद एक ऐसा नेता मिला है जो कार्यकर्ताओं के साथ ही समर्थक मतदाता वर्ग के बीच भी बेहद लोकप्रिय है .

शिक्षा दीक्षा

एम ए पीएचडी के साथ ही पत्रकारिता में परास्नातक डिग्री .
1975 -76 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के वाराणसी जिला संयोजक रहे 1985 -86 में भारतीय जनता युवा मोर्चा में प्रदेश मंत्री बने
1987 में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य, 1991 में गाजीपुर की सैदपुर विधानसभा से पहली बार विधायक बने. 1996 में भी दोबारा सैदपुर से ही विधायक बने.

भाजपा बसपा की 1996 में गठबंधन सरकार के दौरान आवास नगर विकास राज्य मंत्री .बाद में कल्याण सिंह की सरकार में नियोजन राज्य मंत्री( स्वतंत्र प्रभार)
राजनाथ सिंह और स्वर्गीय राम प्रकाश गुप्ता की 2002 में बनी भाजपा सरकार के दौरान पंचायती राज मंत्री रहे.


Conclusion:
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