लखनऊ : गुजरात कैडर के पूर्व आईएएस अफसर व भारतीय जनता पार्टी के विधान परिषद सदस्य एके शर्मा के लखनऊ कदम रखते ही राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गईं हैं. छह महीनों के भीतर ही पूर्वांचल के कुछ महत्वपूर्ण जिलों में अपनी छाप छोड़ने वाले एके शर्मा ने शनिवार को यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. कुछ नौकरशाहों से भी उनकी मुलाकात हुई. इसके बाद सियासी गलियारे में योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा तेज हो गयी. बताया जा रहा है कि शर्मा को योगी सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है.
वाराणसी समेत पूर्वांचल के मोर्चे पर डटे एके शर्मा
नौकरशाह से राजनेता बने एके शर्मा गत जनवरी को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए. फिर एमएलसी बनाए गए. इसके बाद से उनकी सक्रियता प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में रही है. एके शर्मा की खासतौर पर पूर्वांचल के वाराणसी, गाजीपुर, आजमगढ़ जैसे जिलों में सक्रियता दिख रही है. वाराणसी में कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप बढ़ा तो एके शर्मा ने मोर्चा संभाला. पीएमओ और राज्य सरकार के बीच वह सेतु का भी काम कर रहे हैं. पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में कोविड के खिलाफ लड़ाई को अभूतपूर्व बताया. उन्होंने वाराणसी में कोविड-19 पर काबू पाने के लिए जमकर तारीफ भी की.
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पीएमओ और राज्य सरकार के बीच पूल का काम कर रहे शर्मा
अफसरों को शर्मा के पीएमओ के साथ सामंजस्य की जानकारी है. इसलिए उनके हर सुझाव को आदेश के रूप में लिया जाता है. कुछ जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ उन्होंने बैठक भी की है. अपने अनुभवों के आधार पर सुझाव दिए जिसे लागू किया गया. उसका लाभ भी मिला. सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि पीएमओ से राज्य सरकार के साथ होने वाले पत्राचार में बाकायदा एके शर्मा का नाम लिखा जाता है. उनके सुझावों का जिक्र किया जाता है.
मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज
एके शर्मा ने शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग पर मुलाकात की. इसके बाद सियासी गलियारे में सरगर्मियां तेज हो गयीं. मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कयास लगाए जाने लगे. दलील दी जा रही है कि योगी सरकार के तीन मंत्रियों, दो कैबिनेट मंत्री और एक राज्य मंत्री का कोरोना से निधन हो गया है. तीनों मंत्रियों के पद रिक्त चल रहे हैं.
इसके अलावा तीन से चार और सदस्यों को शामिल किया जा सकता है. यह भी कहा जा रहा है कि चुनावी वर्ष होने के नाते किसी भी सदस्य को बाहर नहीं किया जाएगा. इससे पहले भी मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा तेज हुई थी लेकिन कोविड की दूसरी लहर की वजह से संभव नहीं हो सका था. हालांकि इस बार भी अभी तक विस्तार के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गयी है.