लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Chunav 2022) अब अपनी रफ्तार पकड़ चुकी है. चार चरणों के सकुशल मतदान के बाद अब पांचवें चरण के लिए राजनीति दल चुनाव प्रचार में ताकत झोंक रहे हैं. वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक राघवेंद्र सिंह के मुताबिक उत्तर प्रदेश में अब 172 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होना हैं और इन्हीं में से अधिकांश सीटों को जीतकर बीजेपी व सपा अपनी सरकार बनाना चाहेगी. जबकि तीसरा बहुविकल्प में बहुजन समाज पार्टी भी अहम भूमिका निभा सकती है.
वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक राघवेंद्र सिंह के अनुसार निश्चित तौर पर पहले चार चक्र में कांटे का मुकाबला हुआ है. इसलिए अब बचे हुए तीन राउंड की 172 विधानसभा सीटें काफी महत्तपूर्ण हैं या यह भी कह सकते है कि राजनीतिक दलों के लिए यह एक फाइनल मैच है. भाजपा हो या सपा इनमें से अधिकांश सीटों को जीतकर अपनी सरकार बनाना चाहेगी. लेकिन इस लड़ाई में तीसरा कोण साबित हो रही बहुजन समाज पार्टी भी अहम भूमिका निभा सकती है. ऐसे में निर्भर करेगा कि बसपा कितनी सीटें जीतती है और ना जीतने की स्थिति में किस गठबंधन का वोट काटती है. उस आधार पर बचे हुए 3 राउंड का भविष्य तय होगा.
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वहीं, राघवेंद्र सिंह ने कहा कि अवध व पूर्वी उत्तर प्रदेश की इन सीटों पर 2017 में भारतीय जनता पार्टी का वर्चस्व था. अधिकांश सीटें भाजपा के कब्जे में थी. पहले तीन चरण में अनुमानों के हिसाब से भाजपा और सपा का गठबंधन कांटे की लड़ाई में है. आधे से अधिक सीटों की लड़ाई पूरी होने के बाद अब यह तय है कि भाजपा और सपा दोनों ही इन सीटों पर जोर लगा देंगी.
इन मंत्रियों की साख दांव पर
प्रतापगढ़ से ग्रामीण विकास मंत्री मोती सिंह, सिराथू से उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, चित्रकूट से चंद्रिका उपाध्याय, प्रयागराज से ही सिद्धार्थ नाथ सिंह, सुरेश पासी व पूर्व मंत्री अनुपमा जायसवाल सहित कई मंत्रियों की प्रतिष्ठा पांचवें चरण में दांव पर होगी.
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