लखनऊः रमजान के पाक महीने के बाद ईद का त्योहार हर मुसलमान के लिए खास होता है. ईद उल फितर के मौके पर हर शख्स अपने परिवार के साथ ईद मना रहा है, लेकिन इस पाक और खास मौके पर राजधानी के हॉटस्पॉट और संवेदनशील क्षेत्र में तैनात पुलिस कर्मचारी अपने परिवार की यादों को दिलों में संजोकर जिम्मेदारियों का निर्वाह कर रहे हैं. ऐसा नहीं है कि इन्हें इस मौके पर अपने परिवार, मां-बाप, बीवी-बच्चों की याद नहीं आ रही. यह याद पुलिस कर्मचारियों को बेचैन कर रही है, लेकिन तन पर पहनी गई वर्दी इन तमाम बेचैनियों को मात देते हुए जिम्मेदारी का एहसास दिला रही है.
'पापा घर आ जाओ'
ईद के मौके पर ईटीवी भारत ने पुलिस फोर्स में तैनात कर्मचारियों से बात की. पुलिस वालों ने कहा कि इस मौके पर उन्होंने ईद की नमाज अदा की और ऊपर वाले से दुआ की कि जल्द से जल्द वह इस कोरोना वायरस से सभी को निजात दिलाएं. अब्दुल ने बताया कि उन्होंने सुबह उठकर ईद की नमाज अदा की. घर वालों से बात करने पर ईद के मौके पर घर आने की बात कही.
अब्दुल ने कहा कि मां और बीवी को तो किसी तरह से समझा लिया, लेकिन जब बच्चों ने 'पापा घर आ जाओ' कह कर बुलाया तो वर्दी के अंदर बैठा एक पिता भावुक हो उठा. अब्दुल बताते हैं कि ईद के मौके पर परिवार की याद तो आ रही है. खासकर बच्चों की याद आ रही है, लेकिन इन सबसे बढ़कर फर्ज है. इसलिए हम अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं.
हमेशा तो तुम बाहर रहते हो, ईद पर तो घर आ जाओ
लखनऊ के हॉटस्पॉट एरिया में तैनात मोहम्मद सिराज अपनी मां नसीम खातून को याद करते हुए कहने लगे कि इस ईद के मौके पर मां बार-बार जिद कर रही थी कि 'घर आ जाओ'. मां का कहना था कि सभी अपने परिवार के साथ ईद मना रहे हैं. हमेशा तो तुम बाहर रहते हो कम से कम ईद पर तो आ जाया करो.
अगले साल मनाएंगे शानदार ईद
सिराज कहते हैं कि मां की यह बात सुनकर मन बेचैन हो गया, लेकिन फिर मैंने सोचा कि इस समय मां और परिवार से ज्यादा मेरी जरूरत मेरे देश को है. इसलिए इस ईद के मौके पर ड्यूटी पर रहकर देश की सेवा कर रहा हूं. वहीं मोहम्मद अफसर ने बताया कि उनके पिता जी आर्मी में हैं. मां ईद के मौके पर घर आने की जिद कर रही थी, लेकिन पिता ने समझाया कि अपनी खुशियों से ज्यादा बढ़कर फर्ज होता है. ईद का क्या है, अगले साल फिर आ जाएगी और फिर और शानदार तरीके से हम सब मिलकर ईद मनाएंगे.