लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 24 ऐसे मोस्ट वांटेड अपराधी है, जिन्हें राज्य की पुलिस शिद्द्त से ढूंढ तो रही है लेकिन वे हाथ नहीं आ रहे हैं. इस लिस्ट में मुख्तार अंसारी गैंग के शूटर सहाबुद्दीन और अताउर्रहमान हैं और दो दशक से फरार विश्वास नेपाली और बदन सिंह बद्दो भी शामिल है. इन सभी पर 2 से लेकर ढाई लाख तक का इनाम घोषित है. इनके बीच एक महिला अपराधी भी है, जिसके ऊपर 5 लाख का इनाम घोषित है. उसे गिरफ्तार करने के लिए यूपी पुलिस और सीबीआई का पूरा अमला लगा हुआ है लेकिन ढूंढ नही पा रही है. आइए जानते है आखिर कौन है यूपी पुलिस की इकलौती 'मोस्ट वांटेड लेडी'.
5 लाख की इनामी है दीप्ति बहल
यूपी पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में 20वें नंबर पर एक नाम है 'दीप्ति बहल', (Most Wanted Lady Deepti Behl) जिसके ऊपर यूपी पुलिस ने 5 लाख का इनाम घोषित कर रखा है. मूल रूप से मेरठ में कंकरखेड़ा की रहने वाली दीप्ति बहल का वर्तमान ठिकाना था गाजियाबाद का रामेश्वर पार्क, लोनी स्थित तीन मंजिला इमारत, जहां आखिरी बार दीप्ति को देखा गया था. दीप्ति पर इनाम राशि की शुरुआत 50 हजार से शुरू हुई. लेकिन जब पुलिस उसे ढूंढने में नाकाम हुई तो इनाम बढ़ा कर 5 लाख तक कर दिया. इस आशा से कि अधिक इनाम के लालच में शायद कोई उसका पता बता दे. इनाम घोषित होने के 5 महीने बाद भी दीप्ति बहल का कोई भी अता पता नहीं है.
15 हजार करोड़ घोटाले की आरोपी है दीप्ति
दरअसल, दीप्ति बहल उस संजय भाटी की पत्नी है, जिसने साल 2010 में संजय भाटी ने गर्वित इनोवेटिव प्राइवेट लिमिटेड नाम से फर्जी कंपनी की शुरुआत की और 2018 में एक बाइक बोट स्कीम लॉन्च की थी. स्कीम के तहत बाइक टैक्सी शुरू की गई. इसके तहत एक व्यक्ति से एक मुश्त 62,200 रुपये का निवेश कराया गया. उसके एवज में एक साल तक 9765 रुपये देने का वादा किया गया था लेकिन एक भी निवेशक को पैसा नहीं दिया गया. कंपनी ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, जम्मू कश्मीर और हरियाणा समेत कई राज्यों में 2.25 लाख निवेशकों से 15 हजार करोड़ की ठगी की और संचालक फरार हुआ तो लोगों ने मुकदमे दर्ज कराने शुरू किए. इस मामले में यूपी एसटीएफ और इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EoW) ने जांच शुरू की तो गिरफ्तारियों का सिलसिला शुरू हुआ. कंपनी के डायरेक्टर संजय भाटी और बीएन तिवारी समेत 18 लोगों की गिरफ्तारी हुई. बावजूद इसके दीप्ति बहल का कुछ भी अता पता नहीं मिला.
ठगने की विद्या में माहिर है दीप्ति बहल
गर्वित इनोवेटिव प्राइवेट लिमिटेड (Garvit Innovative Private Limited) के डायरेक्टर संजय भाटी की पत्नी का बाइक बोट घोटाले में मुख्य किरदार रहा है. ढाई लाख निवेशकों का 15 हजार करोड़ ठगने वाली दीप्ति बहल कंपनी की पॉलिसी मेकर थी. बताया जाता है कि दीप्ति ही लोगों को बाइकबोट की स्कीम को बढ़ा चढ़ाकर अधिक लाभ का देने वाली मार्केटिंग प्लान बनाती थी. इसके लिए किन बॉलीवुड एक्टर को मार्केटिंग का हिस्सा बनाना है. किस-किस जिले को ठगने के लिए टारगेट करना है, इन सभी की प्लानिंग दीप्ति बहल अपनी निजी सचिव रीता चौधरी के साथ मिल कर ही करती थी.
50 हजार से 5 लाख के इनाम तक पहुंची मोस्ट वांटेड लेडी
यूपी पुलिस की मोस्ट वांटेड लेडी (Most Wanted Lady of UP Police) अपराधी दीप्ति बहल 106 मुकदमों में वांछित है. उसके खिलाफ 27 अगस्त 2019 को कोर्ट ने नॉन बेलेबल वॉरंट (NBW) भी जारी किया था. इसके बाद कुर्की की कार्रवाई भी की गई. हालांकि, इन आरोपियों ने सरेंडर नहीं किया, जिसके बाद पुलिस ने उसके ऊपर 50 हजार का इनाम घोषित किया. लेकिन जब बात नहीं बनी तो 24 जनवरी 2022 को दीप्ति पर इनाम बढ़ाने की सिफारिश सरकार को भेजी गई और मार्च 2022 को सरकार ने इसे मंजूर कर दिया और इनाम राशि 5 लाख कर दी.
मोस्ट वांटेड दीप्ति को नही ढूंढ पाई सीबीआई
बाइक बोट घोटाले में वांछित 5 लाख इनामी दीप्ति बहल की तलाश सिर्फ यूपी एसटीएफ और EOW ही नहीं बल्कि सीबीआई भी कर रही है. 21 अक्टूबर 2021 को सीबीआई की एंटी करप्शन ब्यूरो ने बाइक बोट के 15 हजार करोड़ स्कैम को लेकर एफआईआर दर्ज की थी. CBI के एएसपी कप्तान सिंह लोचब ने इस मुकदमे में 11 मामलों को मर्ज किया है, जिसमें सीएमडी संजय भाटी और दीप्ति बहल समेत 15 लोगों को नामजद किया था. उसके बाद से ही सीबीआई दीप्ति बहल की तलाश कर रही है.
जम्मू & कश्मीर कोर्ट ने जांच में देरी पर जताई थी नाराजगी
दीप्ति बहल की गिरफ्तारी न होने और बाइक बोट घोटाले की सीबीआई जांच में सुस्ती को लेकर 20 जुलाई 2022 को जम्मू कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट ने सुरेश कुमार भट्ट की याचिका की सुनावाई करते हुए नाराजगी जाहिर की थी. कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिए थे कि घोटाले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई अपनी जांच में तेजी लाए.
बाइक बोट स्कैम केस में अब तक क्या-क्या हुआ
- अब तक 26 आरोपी गिरफ्तार, 15 पर गैंगस्टर की कार्रवाई.
- ईडी 216 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच कर चुकी है.
- 116 मुकदमों की जांच EOW मेरठ को ट्रांसफर.
- दिल्ली पुलिस मानती है 42 हजार करोड़ का घोटाला.
- EOW मेरठ की जांच में शुरुआत में यह घोटाला 3500 करोड़ का था, EOW मेरठ की अब तक की जांच में 5000 करोड़ का घोटाला पुष्ट.
- CBI ने एफआईआर में यह घोटाला 15 हजार करोड़ का बताया है.