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लखनऊः पुलस्त एनकाउंटर मामले में पुलिस अफसरों ने जारी किया बयान

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के थाना आशियाना क्षेत्र में पुलिस मुठभेड़ में घायल पुलस्त तिवारी के मामले में पुलिस की तरफ से बयान जारी करके साफ किया गया है कि पुलस्त को उसके घर से नहीं बल्कि मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया गया है. वहीं अभियुक्त के परिजन पुलिस पर घर से उठाकर पैर में गोली मारने का आरोप लगा रहे हैं.

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कोतवाली आशियाना
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Published : Aug 22, 2020, 4:29 AM IST

लखनऊः आशियाना मुठभेड़ में घायल शातिर गैंगस्टर पुलस्त तिवारी एनकाउंटर मामले पर लगातार सवालिया निशान उठ रहे हैं. इसको लेकर पुलिस विभाग ने बयान जारी किया है. पुलिस अफसरों का कहना है कि 6:30 बजे पुलस्त तिवारी का जो सीसीटीवी फुटेज दिखाया जा रहा है, उसमें आरोपी अपने दोस्तों के साथ कहीं जा रहा था. सीसीटीवी फुटेज में बदमाश के साथ कोई भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं है. पुलस्त के साथ पुलिस की मुठभेड़ रात 8:30 बजे हुई है.

पुलिस के मुताबिक, पुलस्त तिवारी गाजीपुर थाना क्षेत्र के सर्वोदय नगर का शातिर गैंगस्टर है, जो थाना आशियाना के गैंगस्टर एक्ट में वांछित चल रहा था. इसके ऊपर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित है. 9 अगस्त को थाना आशियाना की पुलिस ने रात 8:30 बजे पुलस्त को मुठभेड़ में गोली लगने के बाद गिरफ्तार किया था. अभियुक्त पुलस्त तिवारी का राजधानी लखनऊ के कई थानों में आपराधिक इतिहास है.

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभियुक्त के परिजनों द्वारा पुलिस पर झूठा आरोप लगाया जा रहा है. पुलिस वाले 9 अगस्त को 6:30 बजे पुलस्त तिवारी को घर से उठाकर ले गए थे, ऐसा वीडियो वे पोस्ट कर रहे हैं, जबकि वीडियो में थाना आशियाना का कोई भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं है और न ही पुलिस की कोई गाड़ी है. परिजन अभियुक्त पुलस्त तिवारी को बचाने के लिए झूठे आरोप लगाकर पुलिस को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं.

बहरहाल लगातार परिजन पुलस्त तिवारी एनकाउंटर को लेकर सवालिया निशान खड़ा कर रहे हैं. वहीं पुलिस ने भी गुरुवार को इसका जवाब देते हुए साफ किया है कि पुलस्त को उसके घर से नहीं उठाया गया. पुलस्त अपने दोस्तों के साथ घर से गया था. रात 8:30 बजे थाना आशियाना में एनकाउंटर के दौरान वह दाएं पैर में गोली लगने से घायल हुआ है.

लखनऊः आशियाना मुठभेड़ में घायल शातिर गैंगस्टर पुलस्त तिवारी एनकाउंटर मामले पर लगातार सवालिया निशान उठ रहे हैं. इसको लेकर पुलिस विभाग ने बयान जारी किया है. पुलिस अफसरों का कहना है कि 6:30 बजे पुलस्त तिवारी का जो सीसीटीवी फुटेज दिखाया जा रहा है, उसमें आरोपी अपने दोस्तों के साथ कहीं जा रहा था. सीसीटीवी फुटेज में बदमाश के साथ कोई भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं है. पुलस्त के साथ पुलिस की मुठभेड़ रात 8:30 बजे हुई है.

पुलिस के मुताबिक, पुलस्त तिवारी गाजीपुर थाना क्षेत्र के सर्वोदय नगर का शातिर गैंगस्टर है, जो थाना आशियाना के गैंगस्टर एक्ट में वांछित चल रहा था. इसके ऊपर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित है. 9 अगस्त को थाना आशियाना की पुलिस ने रात 8:30 बजे पुलस्त को मुठभेड़ में गोली लगने के बाद गिरफ्तार किया था. अभियुक्त पुलस्त तिवारी का राजधानी लखनऊ के कई थानों में आपराधिक इतिहास है.

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभियुक्त के परिजनों द्वारा पुलिस पर झूठा आरोप लगाया जा रहा है. पुलिस वाले 9 अगस्त को 6:30 बजे पुलस्त तिवारी को घर से उठाकर ले गए थे, ऐसा वीडियो वे पोस्ट कर रहे हैं, जबकि वीडियो में थाना आशियाना का कोई भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं है और न ही पुलिस की कोई गाड़ी है. परिजन अभियुक्त पुलस्त तिवारी को बचाने के लिए झूठे आरोप लगाकर पुलिस को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं.

बहरहाल लगातार परिजन पुलस्त तिवारी एनकाउंटर को लेकर सवालिया निशान खड़ा कर रहे हैं. वहीं पुलिस ने भी गुरुवार को इसका जवाब देते हुए साफ किया है कि पुलस्त को उसके घर से नहीं उठाया गया. पुलस्त अपने दोस्तों के साथ घर से गया था. रात 8:30 बजे थाना आशियाना में एनकाउंटर के दौरान वह दाएं पैर में गोली लगने से घायल हुआ है.

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