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पुलिस की बड़ी कार्रवाई, छापेमारी कर अवैध शराब की फैक्ट्री का किया भंडाफोड़

जहरीली शराब को लेकर चन्दौली में आबकारी विभाग जागा है और पुलिस के साथ ही आबकारी विभाग की सयुक्त टीम ने अपमिश्रित शराब की बड़ी फैक्ट्री पकड़ी है. पुलिस का दावा है कि आबकारी विभाग को मुखबिर खाश से सूचना मिली थी की रेमा गांव में अवैध और अमिश्रित शराब बनाये जाने का खेल रच रहा है. जिसके बाद अलीनगर पुलिस के साथ मिलकर चार आरोपियों को मौके से गिरफ्तार किया है.

पुलिस की बड़ी कार्रवाई
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Published : Jun 11, 2021, 5:39 AM IST

चंदौली: अलीगढ़ में जहरीली शराब से हुए नरंसहार के बाद शासन स्तर बड़ी कार्यवाही हुई है. जिसके बाद चन्दौली में आबकारी विभाग जागा और पुलिस और आबकारी विभाग की सयुक्त टीम ने अपमिश्रित शराब की बड़ी फैक्ट्री पकड़ी है. पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिसकी निशानदेही पर भारी मात्रा में अपमिश्रित शराब स्प्रीट गाजीपुर डिस्टलरी ब्रांड के बोतल नकली रैपर और क्यूआरकोड भी बरामद किए है.

ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाई थी झोले में शराब

बता दें कि ईटीवी भारत ने कुछ दिनों पहले एक वायरल वीडियो दिखाया था. जिसमें एक युवक शराब झोले में बेचते हुए दिख रहा था. इस खबर को प्रमुखता से दिखाए जाने के बाद आबकारी विभाग के मुखबिर एकाएक जाग गए और उन्होंने उसी इलाके में भारी मात्रा में मिलावटी देशी शराब बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने दावा किया है की पुलिस और आबकारी विभाग की सयुक्त कार्यवाही करते हुए अलीनगर के रेमा गांव से पुलिस ने चार ड्रम स्प्रिट, गैलन में अपमिश्रित शराब, चार पेटी तैयार माल के अलावा क्यूआरकोड, गाजीपुर की देशी शराब की फैक्ट्री के ब्रांड के रैपर और ढक्कन बरामद किए है. पुलिस ने मौके से 2 चार पहिया वाहन भी सीज किये हैं.

मुखबिर की सूचना पर 4 गिरफ्तार

पुलिस का दावा है कि आबकारी विभाग को मुखबिर खाश से सूचना मिली थी की रेमा गांव में अवैध और अमिश्रित शराब बनाये जाने का खेल रच रहा है. जिसके बाद अलीनगर पुलिस के साथ मिलकर चार आरोपियों को मौके से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों के नाम संतोष यादव, ब्रजेश यादव और विनोद यादव है. जो रेमा गाव के ही रहने वाले है. जबकि चौथा आरोपी अजीत है जो चन्दौली के लीलापुर का रहने वाला है.


पुलिस की पूछताछ में इन अभियुक्तों ने बताया है कि सभी बेरोजगार हैं, और मोटी कमाई के लिए यह काम करते थे. इनके कब्जे से चार पेटियो में कुल 177 सीसी में नाजायज अपमिश्रित देशी शराब व अन्य उपकरण बरामद हुए है. पुलिस का यह भी दावा है कि शराब की दुकान बंद होने के बाद झोले में रखकर इस शराब को बेचते थे. साथ ही बिहार और आसपास के जिलों में भी इस शराब की सप्लाई होती थी.

पुलिस का वर्कआउट खड़े कर रहा सवाल

बहरहाल, पुलिस इसे अपना गुड वर्क बता रही है. लेकिन कोरोना काल मे जब जहरीली शराब ने सूबे में हाहाकार मचाया है. इस दौरान भारी मात्रा में मिलावटी शराब के साथ अवैध फैक्ट्री का भंडाफोड़ यह बताता है कि यंहा सबकुछ ठीक नही चल रहा. खासकर तब जबकि यह गांव अवैध शराब के कारोबार के लिए बदनाम रहा है.

चंदौली: अलीगढ़ में जहरीली शराब से हुए नरंसहार के बाद शासन स्तर बड़ी कार्यवाही हुई है. जिसके बाद चन्दौली में आबकारी विभाग जागा और पुलिस और आबकारी विभाग की सयुक्त टीम ने अपमिश्रित शराब की बड़ी फैक्ट्री पकड़ी है. पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिसकी निशानदेही पर भारी मात्रा में अपमिश्रित शराब स्प्रीट गाजीपुर डिस्टलरी ब्रांड के बोतल नकली रैपर और क्यूआरकोड भी बरामद किए है.

ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाई थी झोले में शराब

बता दें कि ईटीवी भारत ने कुछ दिनों पहले एक वायरल वीडियो दिखाया था. जिसमें एक युवक शराब झोले में बेचते हुए दिख रहा था. इस खबर को प्रमुखता से दिखाए जाने के बाद आबकारी विभाग के मुखबिर एकाएक जाग गए और उन्होंने उसी इलाके में भारी मात्रा में मिलावटी देशी शराब बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने दावा किया है की पुलिस और आबकारी विभाग की सयुक्त कार्यवाही करते हुए अलीनगर के रेमा गांव से पुलिस ने चार ड्रम स्प्रिट, गैलन में अपमिश्रित शराब, चार पेटी तैयार माल के अलावा क्यूआरकोड, गाजीपुर की देशी शराब की फैक्ट्री के ब्रांड के रैपर और ढक्कन बरामद किए है. पुलिस ने मौके से 2 चार पहिया वाहन भी सीज किये हैं.

मुखबिर की सूचना पर 4 गिरफ्तार

पुलिस का दावा है कि आबकारी विभाग को मुखबिर खाश से सूचना मिली थी की रेमा गांव में अवैध और अमिश्रित शराब बनाये जाने का खेल रच रहा है. जिसके बाद अलीनगर पुलिस के साथ मिलकर चार आरोपियों को मौके से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों के नाम संतोष यादव, ब्रजेश यादव और विनोद यादव है. जो रेमा गाव के ही रहने वाले है. जबकि चौथा आरोपी अजीत है जो चन्दौली के लीलापुर का रहने वाला है.


पुलिस की पूछताछ में इन अभियुक्तों ने बताया है कि सभी बेरोजगार हैं, और मोटी कमाई के लिए यह काम करते थे. इनके कब्जे से चार पेटियो में कुल 177 सीसी में नाजायज अपमिश्रित देशी शराब व अन्य उपकरण बरामद हुए है. पुलिस का यह भी दावा है कि शराब की दुकान बंद होने के बाद झोले में रखकर इस शराब को बेचते थे. साथ ही बिहार और आसपास के जिलों में भी इस शराब की सप्लाई होती थी.

पुलिस का वर्कआउट खड़े कर रहा सवाल

बहरहाल, पुलिस इसे अपना गुड वर्क बता रही है. लेकिन कोरोना काल मे जब जहरीली शराब ने सूबे में हाहाकार मचाया है. इस दौरान भारी मात्रा में मिलावटी शराब के साथ अवैध फैक्ट्री का भंडाफोड़ यह बताता है कि यंहा सबकुछ ठीक नही चल रहा. खासकर तब जबकि यह गांव अवैध शराब के कारोबार के लिए बदनाम रहा है.

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