लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस केवल अपराधियों को ही पकड़ने का काम नहीं करती है, बल्कि अन्य किसी भी प्रकार की विपदा आने पर लोगों को सहारा देने की भी जिम्मेदारी बखूबी निभा देती है. इसी कारण कई मामलों में पुलिस के प्रति लोगों का नजरिया भी बदल रहा है. ऐसा ही वाकया कृष्णानगर थाना क्षेत्र में देखने को मिला. कृष्णानगर थाने के कोतवाल विक्रम सिंह की एक पहल लोगों में चर्चा की विषय बनी हुई है.
मामले के अनुसार 14 अक्टूबर शनिवार रात राजेश साहू ने अपनी 65 वर्षीय मां मीनू देवी को अधिक शुगर होने के कारण इलाज के लिए लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां इलाज के दौरान मीनू की मौत हो गई. बताते हैं कि मां की मृत्यु की जानकारी होते ही राजेश मां के शव को छोड़कर फरार हो गया. इसकी जानकारी पुलिस को मिली तो थाना कृष्णनगर के कोतवाल विक्रम सिंह वहां पहुंचे और पोस्टमार्टम कराने के बाद अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी भी निभाई.
पुलिस के अनुसार राजधानी लखनऊ एलडीए कॉलोनी निवासी मीनू देवी (65) को उनका पुत्र राजेश साहू इलाज के लिए आशियाना थाना क्षेत्र में स्थित लोक बंधु हॉस्पिटल ले गया था. जहां शनिवार को मीनू की मौत हो गई. इसके बाद राजेश बिना किसी को बताए हॉस्पिटल से रफूचक्कर हो गया. सूचना मिलने पर राजेश साहू को ढूंढने का प्रयास किया गया, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका. 72 इंतजार करने के बाद कृष्णानगर कोतवाली प्रभारी विक्रम सिंह ने टीम के साथ मिलकर मीनू देवी का हिंदू रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार कराया. पुलिस टीम में उपनिरीक्षक नईम अहमद, उप निरीक्षक उमेश कुमार सिंह, उप निरीक्षक नीरज द्विवेदी, उप निरीक्षक शैलेंद्र सिंह सेंगर, उप निरीक्षक आशीष कुमार बालियान, कांस्टेबल अमित कुमार तथा महिला कांस्टेबल पूनम शामिल रहीं.
यह भी पढ़ें : बुजुर्ग दंपत्ति के टूटते रिश्ते को बचाया
लॉकडाउन: मसीहा बन लोगों की सहायता कर रही लखनऊ पुलिस, हो रही तारीफ