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लखनऊ: प्रॉपर्टी डीलर हमले का पुलिस ने किया खुलासा, आरोपी की गिरफ्तारी पर उठे सवाल - पीजीआई थाना क्षेत्र

यूपी की राजधानी लखनऊ में एक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के मालिक सुनील सिंह पर हमला हुआ था. हमले की जांच करते हुए पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जहां पुलिस इस कार्रवाई को अपना गुड वर्क बता रही है. वहीं दूसरी ओर पुलिस के इस गुड वर्क पर सवाल खड़े हो गए हैं.

प्रॉपर्टी डीलर हमला
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Published : Aug 7, 2019, 8:25 PM IST

लखनऊ: पीजीआई थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अंसल एपीआई में प्रॉपर्टी डीलर सुनील सिंह को बदमाशों ने गोली मारकर घायल कर दिया था. बुधवार को लखनऊ क्राइम ब्रांच ने इस गोली कांड का खुलासा करते हुए साजिशकर्ता के साथ दो शूटरों को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पैसे के लेन-देन में उनके पुराने साथी ने सुनील सिंह पर फायरिंग करवाई थी. वहीं पुलिस ने यह भी बताया कि अभी हमारी गिरफ्त से दो आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है.

पुलिस ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार.


वहीं पुलिस के इस खुलासे पर आरोपी के भाई ने कई सवाल खड़े किए हैं. आरोपी के भाई ने एसएसपी कार्यालय पहुंचकर राजधानी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि मेरा भाई अमरेंद्र सिंह पूरी तरह से निर्दोष है. पुलिस ने बेवजह उसकी गिरफ्तारी की है.

भाई के मुताबिक उस वक्त अमरेंद्र सिंह घटनास्थल पर नहीं था बल्कि वह बालामऊ में था. वह घटना के दूसरे दिन लखनऊ स्थित आईआईएम रोड मड़ियाहूं इलाके में अपने घर आया था. अमरेंद्र के भाई ने बताया कि बीती रात 12:00 बजे अमरेंद्र की गिरफ्तारी की गई थी. पुलिस ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी पीजीआई के उतरेठिया से की गई है.

बता दें कि पुलिस ने पीजीआई में हुए गोलीकांड की सीसीटीवी फुटेज जारी कर आरोपियों की गिरफ्तारी में जनता से सहायता मांगी थी. पुलिस ने सीसीटीवी के आधार पर बदमाशों की फोटो जारी की थी, लेकिन आज गिरफ्तारी के बाद आरोपियों का फोटो बदल गया है. इस दौरान एसएसपी लखनऊ का कहना है कि आरोपियों का गलत फोटो जारी हो गया था. अब सवाल यह उठता है कि आखिर कैसे जिम्मेदार अधिकारी किसी घटना से जुड़ी गलत फोटो जारी कर सकते हैं.

देखने वाली बात यह है कि पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी वास्तविकता में इस हत्याकांड के आरोपी है या फिर इस मामले की साजिश पर पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है. बताते चलें कि इससे पूर्व में भी राजधानी पुलिस ने गोमती नगर गोलीकांड में गिरफ्तार बदमाशों को बावरिया गैंग का सदस्य बताया था. इसके बाद एसटीएफ ने बावरिया गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार किया था तब राजधानी पुलिस की पोल खुली थी.

लखनऊ: पीजीआई थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अंसल एपीआई में प्रॉपर्टी डीलर सुनील सिंह को बदमाशों ने गोली मारकर घायल कर दिया था. बुधवार को लखनऊ क्राइम ब्रांच ने इस गोली कांड का खुलासा करते हुए साजिशकर्ता के साथ दो शूटरों को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पैसे के लेन-देन में उनके पुराने साथी ने सुनील सिंह पर फायरिंग करवाई थी. वहीं पुलिस ने यह भी बताया कि अभी हमारी गिरफ्त से दो आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है.

पुलिस ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार.


वहीं पुलिस के इस खुलासे पर आरोपी के भाई ने कई सवाल खड़े किए हैं. आरोपी के भाई ने एसएसपी कार्यालय पहुंचकर राजधानी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि मेरा भाई अमरेंद्र सिंह पूरी तरह से निर्दोष है. पुलिस ने बेवजह उसकी गिरफ्तारी की है.

भाई के मुताबिक उस वक्त अमरेंद्र सिंह घटनास्थल पर नहीं था बल्कि वह बालामऊ में था. वह घटना के दूसरे दिन लखनऊ स्थित आईआईएम रोड मड़ियाहूं इलाके में अपने घर आया था. अमरेंद्र के भाई ने बताया कि बीती रात 12:00 बजे अमरेंद्र की गिरफ्तारी की गई थी. पुलिस ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी पीजीआई के उतरेठिया से की गई है.

बता दें कि पुलिस ने पीजीआई में हुए गोलीकांड की सीसीटीवी फुटेज जारी कर आरोपियों की गिरफ्तारी में जनता से सहायता मांगी थी. पुलिस ने सीसीटीवी के आधार पर बदमाशों की फोटो जारी की थी, लेकिन आज गिरफ्तारी के बाद आरोपियों का फोटो बदल गया है. इस दौरान एसएसपी लखनऊ का कहना है कि आरोपियों का गलत फोटो जारी हो गया था. अब सवाल यह उठता है कि आखिर कैसे जिम्मेदार अधिकारी किसी घटना से जुड़ी गलत फोटो जारी कर सकते हैं.

देखने वाली बात यह है कि पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी वास्तविकता में इस हत्याकांड के आरोपी है या फिर इस मामले की साजिश पर पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है. बताते चलें कि इससे पूर्व में भी राजधानी पुलिस ने गोमती नगर गोलीकांड में गिरफ्तार बदमाशों को बावरिया गैंग का सदस्य बताया था. इसके बाद एसटीएफ ने बावरिया गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार किया था तब राजधानी पुलिस की पोल खुली थी.

Intro:अपडेट- अपनी ही बातों में फस कर लगातार फजीहत कराती नजर आ रही है लखनऊ पुलिस पहले पीजीआई की वारदात में तीन शूटरों की फोटो वायरल करने के बाद आज उन्हीं को बताया हजरतगंज में बाहुबली मुख्तार अंसारी के प्रतिनिधि पर हमले का आरोपी। पुलिस द्वारा हजरतगंज मामले में आज वायरल की गई फोटो में है तीन संदिग्ध जबकि वादी वा स्थानीय लोगों के मुताबिक दो शूटर थे। वहीं हजरतगंज में घटना को सफेद अपाचे से दिया गया था वारदात को अंजाम और आज पुलिस द्वारा जारी की गई फोटो में है काली बाइक से 3 लोग। जहां एक तरफ राजधानी के पीजीआई थाने के अंतर्गत आने वाले अंसल एपीआई में हुए सुनील सिंह पर जानलेवा हमले के मामले में पुलिस ने बदमाशों के फोटो को वायरल किया था वहीं दूसरी तरफ आज गिरफ्तारी के बाद अपराधियों की सूरते कुछ और ही नजर आई। आज क्राइम ब्रांच और पीजीआई पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए बदमाशों का नहीं था पूर्व में जारी सीसीटीवी फोटो। राजधानी लखनऊ की पुलिस की कार्यवाही सवालों के घेरे में है पिछले दिनों राजधानी लखनऊ के अनशन में एक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के मालिक सुनील सिंह पर हमला हुआ था हमले की जांच करते हुए पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जहां पुलिस इस कार्यवाही को अपना गुड वर्क बता रही है वहीं दूसरी ओर पुलिस के इस गुड वर्क पर सवाल खड़े हो गए हैं गिरफ्तार किए गए एक आरोपी के भाई ने आरोप लगाए हैं कि पुलिस ने नाजायज उसके भाई को इस मामले में फंसाया है जबकि जिस दिन या घटना हुई उसका भाई मौके पर मौजूद ही नहीं था जिसके सबूत देने की विवाह बात कर रहा है हालांकि पुलिस के आला अधिकारी इस मामले पर अब तक कुछ बोलने को तैयार नहीं है.


Body:राजधानी लखनऊ के पीजीआई थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अंसल एपीआई में प्रॉपर्टी डीलर सुनील सिंह को गोली मारकर अपराधी घायल कर मौके से फरार हो गए थे। वहीं आज बुधवार को एक तरफ लखनऊ क्राइम ब्रांच ने गोली कांड का खुलासा करते हुए साजिशकर्ता के साथ दो शूटरों को गिरफ्तार किया है जिसके बाद पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पैसे के लेन-देन में पुराने साथी ने सुनील सिंह पर फायरिंग करवाई थी। साथ ही पुलिस ने बताया कि अभी हमारी गिरफ्त में से दो आरोपी फरार हैं जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है वहीं पुलिस के इस खुलासे पर आरोपी के भाई ने कई सवाल खड़े किए हैं। जहां एक तरफ पुलिस प्रॉपर्टी डीलर सुनील सिंह पर हुई फायरिंग का खुलासा करते हुए साजिशकर्ता और शूटर को गिरफ्तार करने का दावा कर रही है वहीं दूसरी ओर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए आरोपी के भाई ने एसएसपी कैंप कार्यालय पहुंचकर राजधानी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि मेरा भाई अमरेंद्र सिंह पूरी तरह से निर्दोष है जिसकी पुलिस ने बेवजह गिरफ्तारी की है भाई के मुताबिक उस वक्त अमरेंद्र सिंह घटनास्थल पर नहीं था बल्कि वह बालामऊ में था और वहां घटना के दूसरे दिन लखनऊ स्थित आई आई एम रोड मड़ियाहूं इलाके में अपने घर आया था। अमरेंद्र के भाई ने बताया कि बीती रात 12:00 बजे अमरेंद्र कि गिरफ्तारी की गई थी और पुलिस ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी पीजीआई के उतराठिया से की गई है। बता दे कि पुलिस ने पीजीआई में हुए गोलीकांड की सीसीटीवी फुटेज जारी कर आरोपियों की गिरफ्तारी में जनता से सहायता मांगी थी पुलिस ने सीसीटीवी के आधार पर बदमाशों की फोटो जारी की थी लेकिन आज गिरफ्तारी के बाद आरोपियों का फोटो बदल गया है। इस दौरान एसएसपी लखनऊ का कहना है कि 20 वर्ष आरोपियों का गलत फोटो जारी हो गया था अब सवाल यह उठता है कि आखिर कैसे जिम्मेदार अधिकारी किसी घटना से जुड़ी गलत फोटो जारी कर सकते हैं। बाइट- कलानिधि नैथानी एसएसपी लखनऊ बाइट- आरोपी का भाई


Conclusion:देखने वाली बात यह है कि पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी वास्तविकता में इस हत्याकांड के आरोपी है या फिर इस मामले की साजिश पर पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है बताते चले कि इससे पूर्व में भी राजधानी पुलिस ने गोमती नगर गोलीकांड में गिरफ्तार बदमाशों को बावरिया गैंग का सदस्य बताया था जिसके बाद एसटीएफ ने बावरिया गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार किया था तब राजधानी पुलिस की पोल खुली थी। योगेश मिश्रा लखनऊ 7054179998
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