लखनऊ: पीजीआई थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अंसल एपीआई में प्रॉपर्टी डीलर सुनील सिंह को बदमाशों ने गोली मारकर घायल कर दिया था. बुधवार को लखनऊ क्राइम ब्रांच ने इस गोली कांड का खुलासा करते हुए साजिशकर्ता के साथ दो शूटरों को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पैसे के लेन-देन में उनके पुराने साथी ने सुनील सिंह पर फायरिंग करवाई थी. वहीं पुलिस ने यह भी बताया कि अभी हमारी गिरफ्त से दो आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है.
वहीं पुलिस के इस खुलासे पर आरोपी के भाई ने कई सवाल खड़े किए हैं. आरोपी के भाई ने एसएसपी कार्यालय पहुंचकर राजधानी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि मेरा भाई अमरेंद्र सिंह पूरी तरह से निर्दोष है. पुलिस ने बेवजह उसकी गिरफ्तारी की है.
भाई के मुताबिक उस वक्त अमरेंद्र सिंह घटनास्थल पर नहीं था बल्कि वह बालामऊ में था. वह घटना के दूसरे दिन लखनऊ स्थित आईआईएम रोड मड़ियाहूं इलाके में अपने घर आया था. अमरेंद्र के भाई ने बताया कि बीती रात 12:00 बजे अमरेंद्र की गिरफ्तारी की गई थी. पुलिस ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी पीजीआई के उतरेठिया से की गई है.
बता दें कि पुलिस ने पीजीआई में हुए गोलीकांड की सीसीटीवी फुटेज जारी कर आरोपियों की गिरफ्तारी में जनता से सहायता मांगी थी. पुलिस ने सीसीटीवी के आधार पर बदमाशों की फोटो जारी की थी, लेकिन आज गिरफ्तारी के बाद आरोपियों का फोटो बदल गया है. इस दौरान एसएसपी लखनऊ का कहना है कि आरोपियों का गलत फोटो जारी हो गया था. अब सवाल यह उठता है कि आखिर कैसे जिम्मेदार अधिकारी किसी घटना से जुड़ी गलत फोटो जारी कर सकते हैं.
देखने वाली बात यह है कि पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी वास्तविकता में इस हत्याकांड के आरोपी है या फिर इस मामले की साजिश पर पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है. बताते चलें कि इससे पूर्व में भी राजधानी पुलिस ने गोमती नगर गोलीकांड में गिरफ्तार बदमाशों को बावरिया गैंग का सदस्य बताया था. इसके बाद एसटीएफ ने बावरिया गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार किया था तब राजधानी पुलिस की पोल खुली थी.