लखनऊ: राजधानी के ग्रामीण थाना मलिहाबाद की पुलिस ने ग्राम विकास अधिकारी आलोक चौधरी को हिरासत में लिया है. आलोक चौधरी बीकेटी ब्लॉक के 4 ग्राम पंचायतों के ग्राम सचिव के पद पर तैनात रह चुके हैं. वहीं मलिहाबाद ब्लॉक में ग्राम मुड़ियारा में सरकारी कार्य में लाखों के गबन के यह आरोपी भी हैं. सरकारी कार्य में रुपये के दुरुपयोग में काफी दिनों से आरोपी थे. इस मामले में मलिहाबाद थाने पर 2014 में मुकदमा दर्ज हुआ था. ग्राम विकास अधिकारी आलोक चौधरी ने न्यायालय से अरेस्टिंग स्टे ले रखा था. लेकिन आज न्यायालय का स्टे खत्म होते मलिहाबाद पुलिस ने हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ कर रही है.
लाखों रुपये गबन का आरोप
ग्राम विकास अधिकारी आलोक चौधरी बीकेटी ब्लॉक के 4 ग्राम पंचायतों के ग्राम सचिव के पद पर तैनात रह चुके हैं. बताया गया है कि उनके द्वारा सरकारी कार्यों में लाखों रुपये का गबन करने का आरोप लगा था. इस मामले में मलिहाबाद थाने में केस दर्ज किया गया था. लेकिन इन सभी आरोपों से बचने के लिए आलोक चौधरी ने न्यायालय की शरण में जाकर अरेस्ट स्टे लिया हुआ था. साथ ही न्यायालय ने आदेश दिया था कि उनके द्वारा पुलिस की विवेचना में सहयोग भी किया जाएगा और बिना पुलिस को सूचित किये लखनऊ से बाहर नहीं जा सकते हैं. 2014 में कोर्ट द्वारा दिए गए अरेस्टिंग स्टे की समय सीमा समाप्त होते ही मलिहाबाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ग्राम विकास अधिकारी आलोक चौधरी को हिरासत में ले लिया है, जिससे अन्य अधिकारियों में भी खलबली मच गई है. फिलहाल पुलिस अभी हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ कर रही है.
मलिहाबाद इंस्पेक्टर चिरंजीव मोहन ने बताया है कि ग्राम विकास अधिकारी पद पर तैनात रह चुके आलोक चौधरी पर सरकारी कार्यों में लाखों रुपये का दुरुपयोग कर गबन करने का आरोप लगा था. इस मामले में मलिहाबाद थाने में साल 2014 में केस दर्ज कर विवेचना की जा रही थी. वहीं आरोपी द्वारा कोर्ट से अरेस्ट स्टे लिया जा चुका था. लेकिन अरेस्ट स्टे खत्म होते ही उनको हिरासत में लेकर गबन के मामले पर पूछताछ की जा रही है.