लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश के 2 और शहरों में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू कर सकती है. विधानसभा चुनाव से पहले जनता को राज्य के 2 और शहरों में कानून-व्यवस्था को व्यवस्थित करने को लेकर यह बड़ी सौगात देने की तैयारी की जा रही है. योगी सरकार जल्द ही कैबिनेट से 2 और शहरों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू किये जाने की मंजूरी दे सकती है.
शासन के उच्चस्तरीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीजीपी मुख्यालय ने वर्तमान समय में प्रदेश के जिन चार शहरों में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू है, उनके पुलिस कमिश्नर से रिपोर्ट मांगी गयी है. इसमें पुलिस कमिश्नर व्यवस्था लागू किये जाने के बाद से अपराध रोकने सहित अन्य तमाम पहलुओं पर रिपोर्ट मांगी गयी है. शासन के सूत्रों का कहना है कि प्रदेश सरकार प्रयागराज, गाजियाबाद, आगरा और मेरठ में से किन्हीं दो शहरों में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू करने को लेकर जल्द ही फैसला ले सकती है. ऐसे में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था में क्या सुधार हुआ है, इस बारे में रिपोर्ट तलब की गयी है.
डीजीपी मुख्यालय ने जो रिपोर्ट तलब की है उसमें मुख्य रूप से पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू किये जाने के बाद अपराध में सुधार, उसकी कमियों और क्या कुछ पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था में सुधार की गुंजाइश है, सहित तमाम अन्य बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी गयी है. जिन दो नये शहरों में पुलिस कमिश्नेरट प्रणाली लागू किया जाएगा, वहां इस रिपोर्ट के आधार पर कमियों को दूर किया जाएगा. इससे पुलिस आयुक्त प्रणाली को और भी अधिक व्यवस्थित तरीके से चलाया जा सकेगा.
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उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अधिक आबादी वाले शहरों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू किये जाने की बात पूर्व में कह चुके हैं. ऐसे में अब उत्तर प्रदेश के बड़े आबादी वाले दो और शहरों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू किये जाने की कवायद शुरू कर दी गयी है. राजधानी लखनऊ में 20 नवंबर को डीजीपी कांफ्रेंस भी होने वाली है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शिरकत करेंगे. ऐसे में इस डीजीपी कॉन्फ्रेंस से पहले पुलिस कमिश्नरेट की दो और शहरों में सौगात मिल सकती है. फिलहाल राज्य के लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, वाराणसी और कानपुर जिलों में फिलहाल पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू है.
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