लखनऊ: मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने व गर्भवती व जन्म लेने वाला हर शिशु पूरी तरह सुरक्षित रहे. इसके लिए सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर गुरुवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया जाता है. इसमें उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान की जाती है ताकि उन्हें बेहतर इलाज मुहैया कराया जा सके.
प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य के नोडल अधिकारी व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आरवी सिंह के ने बताया कि गर्भवती व जन्म लेने वाला हर शिशु पूरी तरह सुरक्षित रहे. इसके लिए गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला के स्वास्थ्य की जांच जरूरी है. इससे उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान हो जाती है. समय पर इलाज से सुरक्षित प्रसव कराया जा सकता है. इसके मद्देनजर हर माह की नौ तारीख को सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया जाता है.
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इसके तहत दूसरे और तीसरे तिमाही की गर्भवती का प्रशिक्षित डॉक्टर जांच करते हैं. केंद्रों पर गर्भवती के खून, सिफलिस, यूरीन, डायबिटीज, एचआईवी की जांच की जाती है. उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को बड़े हॉस्पिटल में जरूरत के हिसाब से रेफर किया जा सके.
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के जिला समन्वयक सुधीर वर्मा ने बताया कि पहली बार गर्भवती महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य देखभाल व उचित पोषण प्रदान करने के 5000 रुपये तीन किस्तों दिए जाएंगे.
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