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सरकारी जन औषधि केंद्रों पर ताला, प्राइवेट दुकानों से जुड़ेंगे पीएम मोदी

देशभर में इस समय जन औषधि दिवस समारोह मनाया जा रहा है. रविवार को प्रधानमंत्री मोदी जेनेरिक दवाओं के महत्व के बारे में बताएंगे. इस दौरान वह जन औषधि केंद्रों से लाइव जुड़ेंगे, लेकिन प्रदेश में सरकारी दवा दुकानों पर ताला लगा है. ऐसे में लाइव जुड़ने के लिए प्रशासन ने प्राइवेट केंद्रों पर तैयारी की है.

जन औषधि केंद्र
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Published : Mar 6, 2021, 2:02 PM IST

लखनऊः देश में जन औषधि समारोह मनाया जा रहा है. रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जन औषधि केंद्रों से लाइव जुड़ेंगे. राष्ट्र को जेनेरिक दवाओं के महत्व की जानकारी देंगे. वहीं लखनऊ की सरकारी दवा दुकानों पर ताला लगा हुआ है. इलाज के लिए अस्पताल आए मरीज दर-दर भटकने को मजबूर हैं. यहां के केंद्रों पर पसरा सन्नाटा देशव्यापी समारोह को फीका कर रहा है.

सरकारी जन औषधि केंद्रों पर ताला.

सरकारी जन औषधि केंद्रों पर लगे ताले
राजधानी में 102 जन औषधि केंद्र खोले गए हैं, इनमें से 12 सरकारी अस्पतालों में खोले गए हैं. सरकारी अस्पतालों में औषधि केंद्रों के संचालन के लिए सरकार ने निजी वेंडर से करार किया, लेकिन दवा उपलब्धता की समस्या समेत कई शिकायतों को लेकर वेंडर से करार निरस्त कर दिया गया. वहीं अब वेंडर और सरकार के बीच का मसला सुलट गया है, लेकिन ड्रग लाइसेंस निरस्त होने से सरकारी अस्पतालों की दुकानों में ताला लगा हुआ है.

प्राइवेट जनऔषधि केंद्रों से लाइव जुड़ेंगे पीएम
दिसंबर महीने से शासन और वेंडर के बीच चल रही उठापटक में मरीज पिस रहे हैं. उन्हें सस्ती दवा नहीं मिल पा रही है. यह हाल तब है जब देशभर में 1 मार्च से जन औषधि समारोह मनाया जा रहा है. 7 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न सिर्फ नए केंद्रों का लोकार्पण करेंगे, बल्कि जन औषधि की दुकानों से लाइव जुड़ेंगे. इस दौरान कुछ जगह पीएम कर्मियों और लाभार्थियों से वार्ता कर सकते हैं. साथ ही जेनेरिक दवाओं के महत्व को भी बताएंगे. लखनऊ में सरकारी केंद्रों पर ताला लगा होने से पीजीआई रोड, राजाजीपुरम, जानकीपुरम और सदर के प्राइवेट जन औषधि केंद्रों पर प्रधानमंत्री के लाइव प्रसारण की व्यवस्था की गई है.

यह भी पढ़ेंः-जन औषधि दिवस 2021ः जेनेरिक दवाओं का महत्व बताएंगे प्रधानमंत्री

1400 दवा, 500 सर्जिकल उत्पादों का दावा
प्रधानमंत्री जन औषधि योजना वर्ष 2015 में शुरू हुई थी. इस दौरान 800 दवा और अन्य उत्पाद मुहैया कराने का दावा किया गया था. इसमें 650 दवाएं और 150 सर्जिकल सामान शामिल किया गया. वहीं वर्ष 2020 से पेटेंट से बाहर आईं नई दवाएं शामिल की गईं. इसमें 1400 दवाएं और 500 सर्जिकल व अन्य समान लिस्ट में शामिल किया गए. केंद्रों पर दवा की आपूर्ति केंद्र सरकार के उपक्रम बीपीपीआई द्वारा की जाती है.

इन अस्पतालों के केंद्रों पर ताला
केजीएमयू, बलरामपुर अस्पताल, सिविल अस्पताल, ठाकुरगंज संयुक्त अस्पताल, आरएलबी अस्पताल, लोकबंधु राजनारायण अस्पताल, बीआरडी अस्पताल, आरएसएम अस्पताल के जनऔषधि केंद्रों पर ताला लगा है. वहीं मोहनलाल गंज और गोसाईगंज सीएचसी का भी जनऔषधि केंद्र बंद है. शहर में 80 निजी औषधि केंद्र संचालित हैं. राजधानी के सरकारी और निजी केंद्रों पर हर माह 90 लाख के करीब दवा बिक्री होती थी. इन स्टोरों पर 50 से 90 फीसद तक बाजार दर से सस्ती दवा का दावा है.

प्रदेशभर में 960 जन औषधि केंद्र
राज्य में 960 जन औषधि केंद्र हैं. यह सरकारी अस्पताल और निजी क्षेत्रों में खोले गए हैं. इन केंद्रों पर इस बार औषधि दिवस 'सेवा भी-रोजगार भी' विषय पर मनाया जा रहा है. लोगों में रविवार को प्रधान मंत्री का संबोधन सुनने की उत्सुकता है.

वेंडर के खिलाफ शिकायत का मामला निस्तारित हो गया है. अभी जन औषधि केंद्रों का ड्रग लाइसेंस निरस्त है. ऐसे में विशेष सचिव के यहां सुनवाई लगी है. लाइसेंस बहाली को लेकर वहां से ही निर्णय होगा.
-संगीता सिंह, सीईओ (स्टेट हेल्थ एजेंसी-साची)

लखनऊः देश में जन औषधि समारोह मनाया जा रहा है. रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जन औषधि केंद्रों से लाइव जुड़ेंगे. राष्ट्र को जेनेरिक दवाओं के महत्व की जानकारी देंगे. वहीं लखनऊ की सरकारी दवा दुकानों पर ताला लगा हुआ है. इलाज के लिए अस्पताल आए मरीज दर-दर भटकने को मजबूर हैं. यहां के केंद्रों पर पसरा सन्नाटा देशव्यापी समारोह को फीका कर रहा है.

सरकारी जन औषधि केंद्रों पर ताला.

सरकारी जन औषधि केंद्रों पर लगे ताले
राजधानी में 102 जन औषधि केंद्र खोले गए हैं, इनमें से 12 सरकारी अस्पतालों में खोले गए हैं. सरकारी अस्पतालों में औषधि केंद्रों के संचालन के लिए सरकार ने निजी वेंडर से करार किया, लेकिन दवा उपलब्धता की समस्या समेत कई शिकायतों को लेकर वेंडर से करार निरस्त कर दिया गया. वहीं अब वेंडर और सरकार के बीच का मसला सुलट गया है, लेकिन ड्रग लाइसेंस निरस्त होने से सरकारी अस्पतालों की दुकानों में ताला लगा हुआ है.

प्राइवेट जनऔषधि केंद्रों से लाइव जुड़ेंगे पीएम
दिसंबर महीने से शासन और वेंडर के बीच चल रही उठापटक में मरीज पिस रहे हैं. उन्हें सस्ती दवा नहीं मिल पा रही है. यह हाल तब है जब देशभर में 1 मार्च से जन औषधि समारोह मनाया जा रहा है. 7 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न सिर्फ नए केंद्रों का लोकार्पण करेंगे, बल्कि जन औषधि की दुकानों से लाइव जुड़ेंगे. इस दौरान कुछ जगह पीएम कर्मियों और लाभार्थियों से वार्ता कर सकते हैं. साथ ही जेनेरिक दवाओं के महत्व को भी बताएंगे. लखनऊ में सरकारी केंद्रों पर ताला लगा होने से पीजीआई रोड, राजाजीपुरम, जानकीपुरम और सदर के प्राइवेट जन औषधि केंद्रों पर प्रधानमंत्री के लाइव प्रसारण की व्यवस्था की गई है.

यह भी पढ़ेंः-जन औषधि दिवस 2021ः जेनेरिक दवाओं का महत्व बताएंगे प्रधानमंत्री

1400 दवा, 500 सर्जिकल उत्पादों का दावा
प्रधानमंत्री जन औषधि योजना वर्ष 2015 में शुरू हुई थी. इस दौरान 800 दवा और अन्य उत्पाद मुहैया कराने का दावा किया गया था. इसमें 650 दवाएं और 150 सर्जिकल सामान शामिल किया गया. वहीं वर्ष 2020 से पेटेंट से बाहर आईं नई दवाएं शामिल की गईं. इसमें 1400 दवाएं और 500 सर्जिकल व अन्य समान लिस्ट में शामिल किया गए. केंद्रों पर दवा की आपूर्ति केंद्र सरकार के उपक्रम बीपीपीआई द्वारा की जाती है.

इन अस्पतालों के केंद्रों पर ताला
केजीएमयू, बलरामपुर अस्पताल, सिविल अस्पताल, ठाकुरगंज संयुक्त अस्पताल, आरएलबी अस्पताल, लोकबंधु राजनारायण अस्पताल, बीआरडी अस्पताल, आरएसएम अस्पताल के जनऔषधि केंद्रों पर ताला लगा है. वहीं मोहनलाल गंज और गोसाईगंज सीएचसी का भी जनऔषधि केंद्र बंद है. शहर में 80 निजी औषधि केंद्र संचालित हैं. राजधानी के सरकारी और निजी केंद्रों पर हर माह 90 लाख के करीब दवा बिक्री होती थी. इन स्टोरों पर 50 से 90 फीसद तक बाजार दर से सस्ती दवा का दावा है.

प्रदेशभर में 960 जन औषधि केंद्र
राज्य में 960 जन औषधि केंद्र हैं. यह सरकारी अस्पताल और निजी क्षेत्रों में खोले गए हैं. इन केंद्रों पर इस बार औषधि दिवस 'सेवा भी-रोजगार भी' विषय पर मनाया जा रहा है. लोगों में रविवार को प्रधान मंत्री का संबोधन सुनने की उत्सुकता है.

वेंडर के खिलाफ शिकायत का मामला निस्तारित हो गया है. अभी जन औषधि केंद्रों का ड्रग लाइसेंस निरस्त है. ऐसे में विशेष सचिव के यहां सुनवाई लगी है. लाइसेंस बहाली को लेकर वहां से ही निर्णय होगा.
-संगीता सिंह, सीईओ (स्टेट हेल्थ एजेंसी-साची)

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