लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) के कार्यक्रम में नेशनल डॉक्टर्स डे (National Doctors' Day) के मौके देश के डॉक्टरों को संबोधित किया. डिजिटल इंडिया अभियान (Digital India Initiative) की छठी वर्षगांठ के मौके पर उन्होंने लाभार्थियों से बातचीत की. पीएम मोदी ने ई-संजीवनी एप के जरिए चिकित्सकीय परामर्श देने वाले केजीएमयू के डॉक्टर और बिहार के मरीज से भी अनुभव साझा किया.
ई-संजीवनी एप काफी लोकप्रिय
ई-संजीवनी केंद्र सरकार का एक एप है. यूपी में इसका नोडल सेंटर केजीएमयू है. यहां हर विभाग के डॉक्टरों की बारी-बारी से ड्यूटी लगती है. ऐसे में मरीज ऑनलाइन पर्चा, रिपोर्ट भेजकर डॉक्टर से घर बैठे परामर्श ले सकता है. यही नहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी डॉक्टर मरीज से जुडते हैं. कोरोना कॉल में ओपीडी बंद होने पर ई-संजीवनी एप काफी लोकप्रिय हुआ है. इसकी नोडल ऑफीसर डॉ. शीतल वर्मा ने राज्य की कई पीएचसी को भी ई-संजीवनी से जोड़ दिया है. इससे पीएचसी पर आने वाले मरीजों के लिए मेडिकल ऑफीसर सीधे केजीएमयू के विशेषज्ञों से जुडकर सलाह ले लेते हैं. ऐसे में मरीजों को बेवजह रेफर करने का झंझट नहीं रहता है. केजीएमयू में अब तक लाखों मरीजों का इस तकनीक से उपचार किया गया है.
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बिहार के शुभम से की बात
गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ई-संजीवनी एप पर मरीज देख रहे मानसिक रोग विभाग के डॉ. भूपेंद्र सिंह से बात की और उनसे एप की खूबियों के बारे में जाना. प्रधानमंत्री से बात होने पर डॉ. भूपेंद्र ने खुद का सौभाग्य बताया. पीएम मोदी ने ई-संजीवनी एप के जरिए अपनी दादी का इलाज करा रहे बिहार के निवासी शुभम से भी बात की. शुभम ने पीएम मोदी से कहा "दादी मां को लखनऊ तक ले जाना मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती थी, जिसे ई-संजीवनी डिजिटल ओपीडी ने एक पल में हल कर दिया. अब बुजुर्ग दादी मां को अस्पताल ले जाने की झंझट से छुटकारा मिला."
नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन पर चल रहा काम
प्रधानमंत्री ने डॉ. भूपेंद्र को डॉक्टर्स डे की शुभकामनाएं दीं. साथ ही उन्हें बताया कि डिजिटल सेवा ने कोरोना काल में अपनी उपयोगिता साबित की है. इससे सुगम और समय पर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध हो सकती है. ऐसे में नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन पर काम चल रहा है.