लखनऊ: उत्तर प्रदेश में किसानों की राजनीति करने वाली पार्टी राष्ट्रीय लोकदल को इस बार यूपी के विधानसभा चुनावों में किसानों का साथ मिलने की पूरी उम्मीद है. पार्टी को लग रहा है कि यूपी में खोई हुई सियासी जमीन किसानों के सहारे हासिल कर लेगी, लेकिन रालोद की इस उम्मीद पर कहीं सरकार की एक योजना पानी न फेर दे. दरअसल, केंद्र सरकार किसानों को खुश करने के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना को दोगुना करने पर विचार कर रही है. ऐसे में अब किसानों को साल में ₹6000 के बजाय ₹12000 मिलेंगे तो किसान फिर से यूपी में बीजेपी का साथ दे सकते हैं. सरकार का ये मास्टर स्ट्रोक रालोद को बड़ा झटका दे सकता है.
किसान न पहुंचाएं नुकसान इसलिए सरकार का ये प्लान
पिछले लगभग 10 माह से तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान धरने पर बैठे हुए हैं. किसानों के सहारे राजनीतिक दल अपनी सियासत चमकाने में जुटे हुए हैं. इनमें चाहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों के हक की बात करने वाली राष्ट्रीय लोकदल हो या फिर अन्य राजनीतिक दल. सभी किसानों को अपना समर्थन देकर सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने का दबाव बना रहे हैं. राजनीतिक दलों को लग रहा है कि इससे किसान उन्हें समर्थन देगा और यूपी की सत्ता पर उनकी विजय पताका फहराएगी. किसानों पर हो रही सियासत को लेकर भारतीय जनता पार्टी भी पूरी तरह सजग है. उसे भी लग रहा है कि अगर किसान भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर अन्य पार्टी को समर्थन देते हैं तो निश्चित तौर पर इससे आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को नुकसान पहुंचेगा. यही सोचकर अब केंद्र सरकार किसानों के लिए एक मास्टर स्ट्रोक खेलने की तैयारी कर रही है. केंद्र सरकार किसानों की किसान सम्मान निधि में दोगुना बढ़ोतरी का प्लान बना रही है. अभी तक किसानों को ₹6000 वार्षिक मिलते हैं तो उन्हें ₹12000 करने की तैयारी है.
किसानों से उम्मीद लगाए हैं रालोद-सपा
राष्ट्रीय लोकदल के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन ऑक्सीजन देने वाला साबित हो सकता है. अगर किसान रालोद के साथ गए तो इसका फायदा समाजवादी पार्टी को भी हो सकता है, क्योंकि इस बार उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. शायद यही वजह है कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को किसान की वजह से नुकसान न हो जाए तो केंद्र सरकार ऐसी योजना लागू कर किसानों को अपनी तरफ मोड़ सकती है जिससे रालोद की मंशा पर पानी फिर सकता है.
नहीं होगा किसी भी मास्टर स्ट्रोक का असर
केंद्र सरकार के इस कदम पर राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेंद्रनाथ त्रिवेदी का कहना है कि अब किसानों के लिए चाहे कोई भी चाल भारतीय जनता पार्टी की सरकार चल ले, लेकिन किसान समझ चुका है कि यह चुनावी दांव है. किसी भी कीमत पर किसान अब भारतीय जनता पार्टी के बहकावे में आने वाला नहीं है. भारतीय जनता पार्टी अब प्लान बना रही है लेकिन किसानों ने भारतीय जनता पार्टी से दूरी रखने का प्लान पहले ही बना लिया है. ऐसे में कोई भी मास्टर स्ट्रोक काम आने वाला नहीं है.
मिल सकता है बीजेपी का समर्थन, फिर सकता है अन्य दलों की उम्मीदों पर पानी
वरिष्ठ पत्रकार अशोक मिश्रा कहते हैं कि केंद्र सरकार ने अगर किसानों के हित में यह मास्टर स्ट्रोक खेला तो निश्चित तौर पर उत्तर प्रदेश में ऐसे किसानों की संख्या बहुत ज्यादा है जो सरकार की इस योजना से लाभान्वित होंगे. इसका आगामी यूपी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को फायदा भी मिल सकता है. किसान भारतीय जनता पार्टी को समर्थन कर सकते हैं और जो राजनीतिक दल किसानों के सहारे अपनी चुनावी वैतरणी पार करने की उम्मीद लगाए बैठे हैं. उनकी उम्मीदों को झटका लग सकता है. हालांकि यह पूरी तरह से किसान के दिमाग पर ही निर्भर करेगा कि वह किसे समर्थन करेगा.
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