लखनऊ: राजधानी के राजाजीपुरम स्थित रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय में काफी समय से प्लास्टिक सर्जरी व बर्न यूनिट का निर्माण कार्य चल रहा है. यह दोनों यूनिट मार्च से शुरू हो जाएंगी. इसके शुरू होने के बाद लाखों लोगों को काफी राहत मिलेगी. वहीं चिकित्सालय में हार्ट यूनिट कभी निर्माण कार्य चल रहा है. दोनों ही विभागों में ओपीडी के साथ मरीजों को भर्ती करने के लिए 10-10 बेड की भी व्यवस्था रहेगी.
मरीजों को मिलेगी सुविधा
रानी लक्ष्मीबाई चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. एके आर्या ने बताया कि मरीजों को यूनिट के बनने के बाद काफी राहत मिलेगी. इस यूनिट में मरीजों को दूसरी मंजिल तक पहुंचने के लिए रैप व लिफ्ट की सुविधा दी जाएगी. करीब 4 करोड़ की लागत से यहां बर्न यूनिट व प्लास्टिक सर्जरी वार्ड के लिए दो मंजिला इमारत का निर्माण कार्य चल रहा है. उम्मीद है कि फरवरी के अंतिम सप्ताह तक इसे अस्पताल के सुपुर्द कर दिया जाएगा.
चिकित्सालय में 110 बेड
बता दें रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय में मौजूदा समय में 110 बेड हैं. चिकित्सालय में होम्योपैथिक, एलोपैथिक व आयुर्वेदिक इलाज की सुविधा है. यहां डॉट्स, सर्जरी, मेडिसिन, आर्थो, बाल रोग, महिला, दंत व नेत्र विभाग के साथ साथ सभी प्रकार की जांच व इलाज की सुविधा है. चिकित्सालय में राजाजीपुरम, आलमबाग, पारा, आलमनगर, खाला बाजार, सहादतगंज, कैंपबेल रोड समेत ग्रामीण इलाकों से लाखों मरीज अस्पताल में पहुंचते हैं.
चिकित्सालय में 37 डॉक्टर
मिली जानकारी के अनुसार, चिकित्सालय में 37 डॉक्टर हैं. इनकी ड्यूटी 8-8 घंटे की लगाई जाती है. चिकित्सालय में मौजूदा वक्त में 50 वार्ड बॉय व 22 नर्स हैं. अस्पताल में कई वर्षों से ईएनटी (नाक, कान, गला) व स्किन के डॉक्टरों की कमी है. सीएमएस डॉ. एके आर्या ने बताया कि 4 साल पहले ईएनटी के डॉ. अहमद हसन व स्किन की डॉ. वर्षा थीं. इनके जाने के बाद किसी डॉक्टर की नियुक्ति नहीं हुई. वहीं डॉक्टर केए सिद्दिकी (सीनियर कंसलटेंट पैथोलॉजी), डॉक्टर बीएन गुप्ता (सीनियर कंसलटेंट ऑर्थोपेडिक) का रिटायरमेंट इसी माह है.