लखनऊ: रेलवे बोर्ड ने घाटे में चल रही ट्रेनों को फायदे के ट्रैक पर दौड़ाने के लिए कई चेयर कार ट्रेनों के किराए में 25 फीसदी तक कटौती करने की घोषणा की थी. इसके लिए रेलवे अधिकारियों को ट्रेनों की एक माह की सीटों की समीक्षा करने के बाद इस आदेश को लागू करने के निर्देश दिए थे, लेकिन ट्रेनों का 25 फीसदी किराया कम नहीं हो पाया. वजह है कि तमाम ट्रेनों में काफी कम संख्या में सीटें बुक हो रही हैं.
गोरखपुर से लखनऊ आने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस की एक माह की बुकिंग 75 प्रतिशत निकली है. यह समीक्षा पूर्वोत्तर रेलवे ने की है. अब लखनऊ से गोरखपुर जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस की समीक्षा उत्तर रेलवे को करना है. रेलवे के आठ जुलाई के आदेश का लाभ 50 प्रतिशत से अधिक बुकिंग होने के कारण एसी डबल डेकर और शताब्दी एक्सप्रेस में भी यात्रियों को नहीं मिल पा रहा है. शताब्दी एक्सप्रेस, एसी डबल डेकर और वंदे भारत एक्सप्रेस सहित चेयरकार श्रेणी की ट्रेनों को लीन सीजन में कम यात्री मिल पाते हैं.
रेलवे बोर्ड ने आठ जुलाई को ऐसी ट्रेनों को घाटे से उबारने के लिए आदेश दिया था. आदेश के तहत पिछले 30 दिनों तक 50 प्रतिशत से अधिक सीटें खाली रहने पर उस ट्रेन का किराया जोनल स्तर पर रेलवे को 25 फीसद तक कम करना था. फिलहाल ट्रेन के किराए में कटौती का प्लान स्थगित (Plan to reduce train fare by 25 percent postponed) कर दिया गया है.
एसी डबल डेकर में इन दिनों 80 फीसद तक सीटें उपलब्ध हैं. लखनऊ-गोरखपुर वंदे भारत में 60 प्रतिशत सीटें खाली हैं. पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह का कहना है कि रेल आरक्षण की बुकिंग की समीक्षा अलग-अलग जोनल रेलवे करता है. यह पुरानी व्यवस्था है. उन्होंने बताया कि गोरखपुर से लखनऊ जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस की समीक्षा पूर्वोत्तर रेलवे जोनल मुख्यालय ने की है, इस ट्रेन में पिछले 30 दिनों में 75 प्रतिशत बुकिंग मिली है. अब उत्तर रेलवे कोलखनऊ से गोरखपुर जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस की बुकिंग की समीक्षा करना है. डबल डेकर और शताब्दी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों पर भी यही नियम लागू होता है.
बता दें कि सात जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर से लखनऊ के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी. नौ जुलाई से ट्रेन का कमर्शियल रंग शुरू किया गया था. वंदे भारत एक्सप्रेस को गोरखपुर से लखनऊ के लिए तो सवारी मिल नहीं हैं, लेकिन लखनऊ से गोरखपुर के लिए ट्रेन को उम्मीद के मुताबिक यात्री नहीं मिल रहे हैं. अधिकारी उम्मीद जाता रहे हैं कि जब अयोध्या में राम मंदिर का शुभारंभ हो जाएगा तो यह ट्रेन भरकर चलेगी.
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