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Pro. Vinay Pathak case: सीबीआई को जांच देने को वादी ने दी चुनौती

कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक के खिलाफ इंदिरा नगर थाने में दर्ज वसूली व भ्रष्टाचार मामले की जांच सीबीआई से कराने के राज्य सरकार के फैसले को वादी डेविड मारियो डेनिस ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चुनौती दी है.

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Pro. Vinay Pathak case: सीबीआई को जांच देने को वादी ने दी चुनौती
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Published : Jan 19, 2023, 9:49 PM IST

लखनऊ: कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक के खिलाफ इंदिरा नगर थाने में दर्ज वसूली व भ्रष्टाचार मामले की जांच सीबीआई से कराने के राज्य सरकार के फैसले को वादी डेविड मारियो डेनिस ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चुनौती दी है. याचिका पर सुनवाई करते हुए, न्यायालय ने सीबीआई व केंद्र सरकार के अधिवक्ताओं को याचिका पर आवश्यक निर्देश प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 31 जनवरी को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जौहरी की खंडपीठ ने डेविड मारियो डेनिस की याचिका पर पारित किया. इसके पूर्व 9 जनवरी को वादी ने अपनी याचिका सीबीआई जांच सम्बन्धी नोटिफिकेशन संलग्न न होने के कारण हतर याचिका दाखिल करने की अनुमति के साथ वापस ले ली थी. वर्तमान याचिका में भी वादी ने मामले की जांच सीबीआई से कराने के फैसले को चुनौती दी है. कहा गया है कि एसटीएफ ने मामले की जांच लगभग पूरी कर ली थी व चार्ज शीट दाखिल करने वाली थी लेकिन अचानक से जांच सीबीआई को दे कर मामले के अभियुक्तों प्रो. विनय पाठक व उसके सहयोगी अजय मिश्रा के मदद का प्रयास किया जा रहा है. बहस के दौरान यह भी दलील दी गई कि जांच सीबीआई को स्थानांतरित करने में प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया.


वहीं याचिका का विरोध करते हुए, एडिश्नल सॉलिसीटर जनरल एसबी पांडेय का कहना है कि जांच ट्रांसफर करने में किसी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं हुई है. कहा गया कि वादी ने स्वयं पैसा देने की बात स्वीकारी है व इसकी पुलिस को सूचना भी काफी विलम्ब से दी जबकि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत उसे सात दिनों में सूचना देनी चाहिए थी. यह भी कहना है कि वादी के खिलाफ भी राजस्थान में एफआईआर दर्ज है.

लखनऊ: कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक के खिलाफ इंदिरा नगर थाने में दर्ज वसूली व भ्रष्टाचार मामले की जांच सीबीआई से कराने के राज्य सरकार के फैसले को वादी डेविड मारियो डेनिस ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चुनौती दी है. याचिका पर सुनवाई करते हुए, न्यायालय ने सीबीआई व केंद्र सरकार के अधिवक्ताओं को याचिका पर आवश्यक निर्देश प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 31 जनवरी को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जौहरी की खंडपीठ ने डेविड मारियो डेनिस की याचिका पर पारित किया. इसके पूर्व 9 जनवरी को वादी ने अपनी याचिका सीबीआई जांच सम्बन्धी नोटिफिकेशन संलग्न न होने के कारण हतर याचिका दाखिल करने की अनुमति के साथ वापस ले ली थी. वर्तमान याचिका में भी वादी ने मामले की जांच सीबीआई से कराने के फैसले को चुनौती दी है. कहा गया है कि एसटीएफ ने मामले की जांच लगभग पूरी कर ली थी व चार्ज शीट दाखिल करने वाली थी लेकिन अचानक से जांच सीबीआई को दे कर मामले के अभियुक्तों प्रो. विनय पाठक व उसके सहयोगी अजय मिश्रा के मदद का प्रयास किया जा रहा है. बहस के दौरान यह भी दलील दी गई कि जांच सीबीआई को स्थानांतरित करने में प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया.


वहीं याचिका का विरोध करते हुए, एडिश्नल सॉलिसीटर जनरल एसबी पांडेय का कहना है कि जांच ट्रांसफर करने में किसी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं हुई है. कहा गया कि वादी ने स्वयं पैसा देने की बात स्वीकारी है व इसकी पुलिस को सूचना भी काफी विलम्ब से दी जबकि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत उसे सात दिनों में सूचना देनी चाहिए थी. यह भी कहना है कि वादी के खिलाफ भी राजस्थान में एफआईआर दर्ज है.

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