लखनऊः उत्तर प्रदेश कांग्रेस की कैंपेन कमेटी के चेयरमैन और पूर्व सांसद पीएल पुनिया ने बसपा प्रमुख मायावती की तरफ से कांग्रेस के खिलाफ की गई अनर्गल टिप्पणी को गैरवाजिब और उनकी बौखलाहट बताया. उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी के नेतृत्व और उनकी विकास परक राजनीति से प्रदेश के दलित, पिछडे़, अति पिछड़े, अल्पसंख्यक, आदिवासी समाज में कांग्रेस का जनाधार बढ़ा है.
पूर्व सासंद पीएल पुनिया ने कहा कि तीन बार भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने वाली बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती आखिर पिछले पांच वर्षों से प्रदेश में हुए दलित उत्पीड़नों के खिलाफ एक भी शब्द क्यों नहीं बोला? हाथरस की दलित बेटी का उत्पीड़न का मामला रहा हो, उसकी नृशंस हत्या करके उत्तर प्रदेश की योगी पुलिस द्वारा उसके परिवार की मर्जी के खिलाफ रातों-रात दाह संस्कार करने का विषय रहा हो, मायावती को सीबीआई का डर सताता रहा और वह चुप्पी साधे बैठी रहीं. आज चुनाव के ऐन वक्त में बीजेपी प्रवक्ता के तौर पर दलित समाज को गुमराह करने का काम कर रहीं हैं.
पीएल पुनिया ने आगे कहा कि 'एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक योगी शासन के दौरान दलित उत्पीड़न में उत्तर प्रदेश समूचे देश में नंबर एक पर पहुंच गया है. लेकिन प्रदेश में बढ़ती दलित हत्याओं और बेटियों कर बलात्कार के खिलाफ मायावती एक भी शब्द योगी सरकार के खिलाफ नहीं निकाल पाईं. अभी हाल में आगरा में थाने के अंदर दलित नौजवान अरुण वाल्मीकि की हत्या का मामले सामने आया. तमाम दलित आदिवासी उत्पीड़न की घटनाओं के खिलाफ उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी द्वारा किए गए आंदोलन मीडिया की सुर्खियों में रहे, जिसे समूचे देश ने देखा है. प्रत्येक दलित उत्पीड़न के खिलाफ अकेले उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने ही पुरजोर आवाज उठाई और दोषियों को अंजाम तक पहुंचाया.
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पूर्व सांसद पीएल पुनिया ने कहा कि सड़कों पर उतरकर संघर्ष करने वाली कांग्रेस पार्टी पर अनर्गल टिप्पणी करने वाली मायावती की दलित विरोधी मानसिकता और राजनीतिक षड्यंत्रकारी सोच को आज पूरा अनुसूचित जाति- जनजाति समाज समझ चुका है. बहुजन समाज पार्टी बीजेपी की 'बी टीम' के रूप में लगातार काम कर रही हैं. चाहे गुजरात का पिछले तीनों विधानसभा चुनाव रहें हो, बिहार का पिछला विधानसभा चुनाव हो लगातार मायावती हर चुनाव में दलित और गरीब विरोधी भारतीय जनता पार्टी को चुनाव जिताने के लिए कांग्रेस पर ही हमलावर हो जाती हैं. उन्होंने कांग्रेस पर अनर्गल प्रलाप करके पिछले विधानसभा चुनाव में भी राजनीतिक षड्यंत्र के तहत बीजेपी को कवर फायर देने का काम किया था. इस बार प्रदेश का दलित समाज उनके झांसे में आने वाला नहीं है.