लखनऊ: राजधानी के ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बेहाल है. काकोरी इलाके में स्थित फतेहगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जिसका लैब पिछले 8 सालों से नहीं खुला है. वजह यह है कि यहां तैनात लैब असिस्टेंट का पिछले 8 सालों से कहीं अता पता नहीं है. अब पीएचसी के अधीक्षक ने इसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को चिट्ठी लिखी है.
नहीं हो पा रही है मरीजों की टेस्टिंग
पीएचसी के अधीक्षक ने सीएमओ लखनऊ को चिट्ठी में लिखा कि पीएचसी में तैनात लैब असिस्टेंट सुनीता स्वास्थ्य भवन में संबद्ध हैं. जिसकी वजह से यहां आने वाले मरीजों की टेस्टिंग और सैंपलिंग नहीं हो पा रही है. लैब बंद होने से ग्रामीणों के काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. चिकित्सा अधीक्षक ने चिट्ठी में सुनीता की संबद्धता खत्म करने की मांग की है. बता दें कि चिकित्सा अधीक्षक इसके पहले भी कई बार सीएमओ को चिट्ठी लिख चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
2 फरवरी 2021 को उन्नाव के बीजेपी विधायक पंकज गुप्ता ने अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य से लेकर डीजी हेल्थ को इस मामले में पत्र लिखा था.
4 साल पहले सौंपी गई थी जांच रिपोर्ट
सीएचसी अधीक्षक ने 19 अक्टूबर 2020 को भी सीएमओ लखनऊ को लैब असिस्टेंट की संबद्धता खत्म करने के लिए पत्र लिखा था. सांसद-विधायक की चिट्ठी के बाद फतेहगंज पीएचसी की बदहाली को लेकर जांच कमेटी भी गठित की गई. ज्वॉइंट डायरेक्टर डॉ. बीके वर्मा ने 2 फरवरी 2021 को जांच रिपोर्ट भी सौंपी. कमेटी की जांच में पाया गया कि फतेहगंज पीएचसी की लैब असिस्टेंट 4 सालों से स्वास्थ्य भवन में संबद्ध हैं, जिसके बाद जांच कमेटी ने संबद्धता खत्म करने और पीएचसी पर लैब असिस्टेंट की तैनाती सुनिश्चित करने की भी सिफारिश की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई.
छठवीं चिट्ठी भी डीजी हेल्थ को नहीं मिली
पीएचसी पर लैब असिस्टेंट की तैनाती के लिए सीएमओ को भेजी गई यह छठवीं चिट्ठी है. इस पर डीजी हेल्थ डीएस नेगी ने बताया कि अब तक अधीक्षक की यह चिट्ठी उनके सामने नहीं आई है. हालांकि डीजी हेल्थ को इससे पहले 5 दिसंबर को भी सीएमओ लखनऊ ने लैब असिस्टेंट की सम्बद्धता खत्म करने की चिट्ठी लिखी थी, जिस पर कोई फैसला नहीं हुआ.