लखनऊ : प्राविधिक शिक्षा परिषद के तहत चलने वाले फार्मेसी कॉलेज में स्पेशल काउंसिलिंग के बाद भी 50% से अधिक सीटें अभी तक खाली हैं. कॉलेज की डिमांड पर परिषद ने 16 दिसंबर से 31 दिसंबर तक काउंसिलिंग का एक और मौका दिया था. इसके बाद भी प्रदेश के फार्मेसी कॉलेज में सीटे भरने की संख्या में कोई बढ़ोतरी नहीं हो पाई है. आलम यह है कि कई फार्मेसी कॉलेजों में अभी तक 30% की सीटों पर ही प्रवेश हो सका है.
सुप्रीम कोर्ट गए थे 200 से अधिक कॉलेज : प्राविधिक शिक्षा परिषद में इस साल जुलाई में काउंसिलिंग के दौरान करीब 400 से अधिक नए फार्मेसी कॉलेज को संबद्धता प्रदान की थी. हालांकि जब तक काउंसिलिंग की प्रक्रिया समाप्त होती करीब 200 से अधिक कॉलेजों को उनके कॉलेज कोड अलॉट नहीं हो पाए थे. ऐसे में काउंसिलिंग के दौरान इन कॉलेजों में एक भी बच्चे अलॉटमेंट नहीं हो पाया. ऐसे में यह कॉलेज दोबारा से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए. जहां पर कोर्ट ने प्राविधिक शिक्षा परिषद को फटकार लगाते हुए इन कॉलेजों को काउंसिलिंग कराने का आदेश दिया था. कोर्ट की फटकार के बाद परिषद में 16 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच काउंसिलिंग कराई गई. प्राविधिक शिक्षा परिषद के सूत्रों का कहना है कि काउंसिलिंग में मात्र पांच प्रतिशत सीटों पर ही बच्चों का एडमिशन हो पाया है.
पॉलिटेक्निक में करीब 60% से अधिक सीटों पर प्रवेश नहीं : इस पूरे मामले पर कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि पॉलिटेक्निक काउंसिलिंग प्रक्रिया में इस बार काफी देरी होने के कारण न केवल फार्मेसी बल्कि पॉलिटेक्निक के विभिन्न कोर्सों में एडमिशन नहीं हो पाए हैं. संयुक्त प्रवेश परीक्षा के सचिव एसके श्रीवास्तव का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर जिन कॉलेजों को राहत दी गई थी उनके लिए 31 दिसंबर तक काउंसिलिंग कराई जा चुकी है. जो भी बच्चे काउंसिलिंग के शामिल हुए हैं उन्हें प्रवेश दे दिया गया है जो सीटें खाली बची हैं उन पर निर्णय लेने के लिए शासन को पत्र भेजा गया है. हालांकि इस पूरे प्रक्रिया पर कॉलेज के प्रबंधकों का कहना है कि दिसंबर में काउंसिलिंग कराने पर बच्चे कहां से आएंगे या समझ के परे हैं. बहरहाल प्राविधिक शिक्षा परिषद आठ जनवरी से अपने नए सत्र के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है.
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