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प्रदेश भर में फार्मासिस्टों ने किया प्रदर्शन, सरकार के साथ वार्ता विफल

यूपी में मंगलवार को फार्मासिस्टों ने काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. फार्मासिस्ट एसोसिएशन का कहना है कि अस्पताल में काम कर रहे सभी कर्मचारी मुख्यमंत्री द्वारा घोषित 25 प्रतिशत अतिरिक्त भत्ता पाने के हकदार हैं.

फार्मासिस्टों का प्रदर्शन
फार्मासिस्टों का प्रदर्शन
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Published : May 25, 2021, 4:51 PM IST

Updated : May 25, 2021, 5:57 PM IST

लखनऊ: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के आह्वान पर चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के सभी फार्मासिस्टों ने प्रदेश भर में सभी चिकित्सा संस्थानों और अस्पतालों में मंगलवार को काला फीता बांधकर प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने शासनादेश की प्रतियां जलाईं. फार्मासिस्ट सभी कर्मचारियों को 25 प्रतिशत प्रोत्साहन भत्ता दिए जाने और कोविड-19 से मरने पर सभी के परिजनों को 50 लाख की अनुग्रह राशि दिए जाने की मांग कर रहे हैं.

फार्मासिस्टों का प्रदर्शन.

फार्मासिस्टों ने जलाईं आदेश की प्रतियां
राजधानी के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में फार्मासिस्टों ने आदेश की प्रतियां जलाईं. सिविल अस्पताल, केजीएमयू, बलरामपुर अस्पताल, सरोजनी नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ-साथ राजधानी के सभी अस्पतालों में शासनादेश की प्रतियां जलाने के बाद मुख्य सचिव को संबोधित ज्ञापन संस्थान प्रभारियों को सौंपे गए. फार्मासिस्ट फेडरेशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि प्रदेश भर में सभी स्वास्थ्य केंद्रों, अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में शासनादेश की प्रतियां जलाकर विरोध जताया गया.


शासनादेश को संशोधित करे सरकार
स्वास्थ्य महानिदेशक को दिए गए ज्ञापन में फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने कहा है कि कोविड-19 अथवा नॉन कोविड अस्पतालों में काम कर रहे सभी कर्मचारी मुख्यमंत्री द्वारा घोषित 25 प्रतिशत अतिरिक्त भत्ता पाने के हकदार हैं. इसके लिए शासनादेश में तुरंत संशोधन किया जाना चाहिए. एक्स-रे टेक्नीशियन एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव आरके शुक्ला ने भी स्वास्थ्य महानिदेशक को ज्ञापन देकर शासनादेश में संशोधन किए जाने की मांग की. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर सभी जिला अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और विशिष्ट संस्थानों में कार्यक्रम सम्पन्न हुआ. सभी जनपदों से प्राप्त सूचना के अनुसार हर जनपद के प्रशासन द्वारा सुरक्षा बल का प्रयोग कर आंदोलन रोकने का प्रयास किया गया, लखनऊ के भी सभी अस्पतालों में पीएसी लगा दी गई. इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने प्रशासन द्वारा आंदोलन को कुचलने की कोशिश की निंदा करते हुए इसे अलोकतांत्रिक बताया.

विफल रही वार्ता, सरकार ने मांगा सुझाव

आज सुबह 10 बजे से अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक के हस्तक्षेप के बाद अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा के साथ परिषद के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की वार्ता संपन्न हुई. इसमें अध्यक्ष सुरेश रावत, महामंत्री अतुल मिश्रा, प्रवक्ता अशोक कुमार, केजीएमयूके अध्यक्ष प्रदीप गंगवार शामिल थे. वार्ता में परिषद ने मांग की कि चिकित्सा स्वास्थ्य, शिक्षा एवं परिवार कल्याण, एनएचएम के सभी कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि एवं सभी कर्मचारियों की मृत्यु उपरांत उनके आश्रितों को 50 लाख रुपये अनुग्रह राशि दी जाए, लेकिन शासन के अधिकारियों ने इसे असंभव बताते हुए सुझाव मांगा.

बैठक में यह भी रखी गई मांग

बैठक में कर्मचारी प्रतिनिधियों ने कहा कि यदि अभी यह संभव न हो तो तत्काल कर्मचारियों का रुका हुआ महंगाई भत्ता, नगर प्रतिकर भत्ता, परिवार नियोजन भत्ता सहित अन्य भत्ते तत्काल बहाल किए जाएं. परिषद के अध्यक्ष सुरेश और महामंत्री अतुल मिश्रा ने दावा किया कि सभी 75 जिलों में आंदोलन सफल रहा.

राजधानी में जगह-जगह हुआ प्रदर्शन

परिषद शाखा लखनऊ के अध्यक्ष सुभाष श्रीवास्तव ने बताया कि लखनऊ के सिविल चिकित्सालय में परिषद के प्रमुख उपाध्यक्ष सुनील यादव, महेंद्र पांडेय अध्यक्ष एसपीएम कर्मचारी एसोसिएशन, अखिलेश श्रीवास्तव और विवेक तिवारी के नेतृत्व में सभी संवर्ग के कर्मचारियों ने काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन किया.

बलरामपुर चिकित्सालय में जिला अध्यक्ष सुभाष श्रीवास्तव के नेतृत्व में कार्यक्रम संपन्न हुआ. इसमें संगठन प्रमुख केके सचान, मीडिया प्रभारी सुनील कुमार, महामंत्री श्रवण सचान, कोषाध्यक्ष डीपीए रजत, अध्यक्ष ऑप्टोमेट्रिस्ट एसो. सर्वेश पाटिल, महेंद्र सिंह, डेंटल हाइजिनिस्ट एसो राजीव तिवारी सहित सभी संवर्गों के कर्मचारी शामिल रहे. लोहिया चिकित्सालय में डीडी त्रिपाठी, अनिल चौधरी, राम मनोहर कुशवाहा के नेतृत्व में मेडिकल कॉलेज और अन्य सभी अस्पतालों प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी काला फीता बांधकर शासनादेश की प्रतियां जलाई गईं. सरोजिनी नगर में सतीश यादव के नेतृत्व में ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने प्रदर्शन किया

आयुष चिकित्सकों ने भी किया प्रदर्शन

मेन स्ट्रीम आयुष डॉक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले एनएचएम संविदा आयुष चिकित्सकों ने भी मंगलवार को काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया. साथ ही 50 लाख की कोविड बीमा राशि प्रोत्साहन भत्ता के साथ-साथ ट्रांसफर नीति घोषित किए जाने की मांग की. एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री निमेष शुक्ला के मुताबिक वेतन विसंगति दूर करने और मृतक आश्रितों की नियुक्ति भी हमारी मांगों में शामिल है.

आंदोलन तेज करने की चेतावनी
विरोध प्रदर्शन में आज प्रदेश के सभी फार्मासिस्ट प्रतिनिधियों तथा सभी विभागों व विशिष्ट संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भागीदारी की. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा और डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष संदीप बडोला ने चेतावनी दी कि मंगलवार को सिर्फ प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया गया. सरकार ने मांग नहीं मानी तो आंदोलन को तेज किया जा सकता है.

पढें-पार्थ सुसाइड केस: आरोपी पुष्पेंद्र की तलाश कर रही पुलिस, शैलजा संक्रमित

3 प्रतिशत कर्मचारियों को ही भत्ता देना चाहती है सरकार
फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि कोविड-19 में सरकारी कार्य सम्पादित करते हुए कई साथी संक्रमित हो चुके हैं. कई हम सबका साथ छोड़ चुके हैं. सरकार के द्वारा कई भत्ते बंद कर दिए गए हैं. वर्तमान समय में 25 प्रतिशत भत्ता दिए जाने का आदेश हुआ है. वह भी स्वास्थ्य विभाग के कुल कर्मचारियों का 3 कर्मचारी को ही मिलेगा.

लखनऊ: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के आह्वान पर चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के सभी फार्मासिस्टों ने प्रदेश भर में सभी चिकित्सा संस्थानों और अस्पतालों में मंगलवार को काला फीता बांधकर प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने शासनादेश की प्रतियां जलाईं. फार्मासिस्ट सभी कर्मचारियों को 25 प्रतिशत प्रोत्साहन भत्ता दिए जाने और कोविड-19 से मरने पर सभी के परिजनों को 50 लाख की अनुग्रह राशि दिए जाने की मांग कर रहे हैं.

फार्मासिस्टों का प्रदर्शन.

फार्मासिस्टों ने जलाईं आदेश की प्रतियां
राजधानी के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में फार्मासिस्टों ने आदेश की प्रतियां जलाईं. सिविल अस्पताल, केजीएमयू, बलरामपुर अस्पताल, सरोजनी नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ-साथ राजधानी के सभी अस्पतालों में शासनादेश की प्रतियां जलाने के बाद मुख्य सचिव को संबोधित ज्ञापन संस्थान प्रभारियों को सौंपे गए. फार्मासिस्ट फेडरेशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि प्रदेश भर में सभी स्वास्थ्य केंद्रों, अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में शासनादेश की प्रतियां जलाकर विरोध जताया गया.


शासनादेश को संशोधित करे सरकार
स्वास्थ्य महानिदेशक को दिए गए ज्ञापन में फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने कहा है कि कोविड-19 अथवा नॉन कोविड अस्पतालों में काम कर रहे सभी कर्मचारी मुख्यमंत्री द्वारा घोषित 25 प्रतिशत अतिरिक्त भत्ता पाने के हकदार हैं. इसके लिए शासनादेश में तुरंत संशोधन किया जाना चाहिए. एक्स-रे टेक्नीशियन एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव आरके शुक्ला ने भी स्वास्थ्य महानिदेशक को ज्ञापन देकर शासनादेश में संशोधन किए जाने की मांग की. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर सभी जिला अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और विशिष्ट संस्थानों में कार्यक्रम सम्पन्न हुआ. सभी जनपदों से प्राप्त सूचना के अनुसार हर जनपद के प्रशासन द्वारा सुरक्षा बल का प्रयोग कर आंदोलन रोकने का प्रयास किया गया, लखनऊ के भी सभी अस्पतालों में पीएसी लगा दी गई. इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने प्रशासन द्वारा आंदोलन को कुचलने की कोशिश की निंदा करते हुए इसे अलोकतांत्रिक बताया.

विफल रही वार्ता, सरकार ने मांगा सुझाव

आज सुबह 10 बजे से अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक के हस्तक्षेप के बाद अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा के साथ परिषद के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की वार्ता संपन्न हुई. इसमें अध्यक्ष सुरेश रावत, महामंत्री अतुल मिश्रा, प्रवक्ता अशोक कुमार, केजीएमयूके अध्यक्ष प्रदीप गंगवार शामिल थे. वार्ता में परिषद ने मांग की कि चिकित्सा स्वास्थ्य, शिक्षा एवं परिवार कल्याण, एनएचएम के सभी कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि एवं सभी कर्मचारियों की मृत्यु उपरांत उनके आश्रितों को 50 लाख रुपये अनुग्रह राशि दी जाए, लेकिन शासन के अधिकारियों ने इसे असंभव बताते हुए सुझाव मांगा.

बैठक में यह भी रखी गई मांग

बैठक में कर्मचारी प्रतिनिधियों ने कहा कि यदि अभी यह संभव न हो तो तत्काल कर्मचारियों का रुका हुआ महंगाई भत्ता, नगर प्रतिकर भत्ता, परिवार नियोजन भत्ता सहित अन्य भत्ते तत्काल बहाल किए जाएं. परिषद के अध्यक्ष सुरेश और महामंत्री अतुल मिश्रा ने दावा किया कि सभी 75 जिलों में आंदोलन सफल रहा.

राजधानी में जगह-जगह हुआ प्रदर्शन

परिषद शाखा लखनऊ के अध्यक्ष सुभाष श्रीवास्तव ने बताया कि लखनऊ के सिविल चिकित्सालय में परिषद के प्रमुख उपाध्यक्ष सुनील यादव, महेंद्र पांडेय अध्यक्ष एसपीएम कर्मचारी एसोसिएशन, अखिलेश श्रीवास्तव और विवेक तिवारी के नेतृत्व में सभी संवर्ग के कर्मचारियों ने काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन किया.

बलरामपुर चिकित्सालय में जिला अध्यक्ष सुभाष श्रीवास्तव के नेतृत्व में कार्यक्रम संपन्न हुआ. इसमें संगठन प्रमुख केके सचान, मीडिया प्रभारी सुनील कुमार, महामंत्री श्रवण सचान, कोषाध्यक्ष डीपीए रजत, अध्यक्ष ऑप्टोमेट्रिस्ट एसो. सर्वेश पाटिल, महेंद्र सिंह, डेंटल हाइजिनिस्ट एसो राजीव तिवारी सहित सभी संवर्गों के कर्मचारी शामिल रहे. लोहिया चिकित्सालय में डीडी त्रिपाठी, अनिल चौधरी, राम मनोहर कुशवाहा के नेतृत्व में मेडिकल कॉलेज और अन्य सभी अस्पतालों प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी काला फीता बांधकर शासनादेश की प्रतियां जलाई गईं. सरोजिनी नगर में सतीश यादव के नेतृत्व में ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने प्रदर्शन किया

आयुष चिकित्सकों ने भी किया प्रदर्शन

मेन स्ट्रीम आयुष डॉक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले एनएचएम संविदा आयुष चिकित्सकों ने भी मंगलवार को काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया. साथ ही 50 लाख की कोविड बीमा राशि प्रोत्साहन भत्ता के साथ-साथ ट्रांसफर नीति घोषित किए जाने की मांग की. एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री निमेष शुक्ला के मुताबिक वेतन विसंगति दूर करने और मृतक आश्रितों की नियुक्ति भी हमारी मांगों में शामिल है.

आंदोलन तेज करने की चेतावनी
विरोध प्रदर्शन में आज प्रदेश के सभी फार्मासिस्ट प्रतिनिधियों तथा सभी विभागों व विशिष्ट संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भागीदारी की. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा और डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष संदीप बडोला ने चेतावनी दी कि मंगलवार को सिर्फ प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया गया. सरकार ने मांग नहीं मानी तो आंदोलन को तेज किया जा सकता है.

पढें-पार्थ सुसाइड केस: आरोपी पुष्पेंद्र की तलाश कर रही पुलिस, शैलजा संक्रमित

3 प्रतिशत कर्मचारियों को ही भत्ता देना चाहती है सरकार
फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि कोविड-19 में सरकारी कार्य सम्पादित करते हुए कई साथी संक्रमित हो चुके हैं. कई हम सबका साथ छोड़ चुके हैं. सरकार के द्वारा कई भत्ते बंद कर दिए गए हैं. वर्तमान समय में 25 प्रतिशत भत्ता दिए जाने का आदेश हुआ है. वह भी स्वास्थ्य विभाग के कुल कर्मचारियों का 3 कर्मचारी को ही मिलेगा.

Last Updated : May 25, 2021, 5:57 PM IST
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