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इलाज न मिलने से पीजीआई कर्मचारी की मौत, PGI आउटसोर्स संघ में आक्रोश - लखनऊ पीजीआई की लापरवाही

लखनऊ के पीजीआई में ड्यूटी कर रहे युवक की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई. तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे पीजीआई लेकर पहुंचे, जहां मरीज को भर्ती नहीं किया गया. सिविल अस्पताल ले जाते समय एंबुलेंस में ही संजीव ने दम तोड़ दिया.

इलाज न मिलने से पीजीआई कर्मचारी की मौत
इलाज न मिलने से पीजीआई कर्मचारी की मौत
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Published : Apr 5, 2021, 9:11 PM IST

लखनऊ : पीजीआई के कोविड अस्पताल में ड्यूटी कर रहे युवक की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई. मामले में पीजीआई की भी लापवाही सामने आई है. हाथरस के सासनी निवासी संजीव कुमार राजधानी में रायबरेली रोड पर रहता था. यहीं से वह पीजीआई में बतौर पेशेंट हेल्पर में नौकरी के लिए जाता था. भाई नितेश के मुताबिक संजीव सीसीएम विभाग में तैनात था. 28 मार्च से उसे पीजीआई के कोविड अस्पताल में ड्यूटी पर लगाया गया था. परिजनों के मुताबिक रविवार को ड्यूटी के दौरान ही संजीव को सीने में तेज दर्द हुआ. उसने वहां के स्टाफ से तबीयत खराब होने की बात कही. इसके बाद उसे घर भेज दिया गया.

इलाज न मिलने हुई मौत

घर पर तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे पीजीआई लेकर पहुंचे, जहां मरीज को भर्ती नहीं किया गया. पीजीआई में भर्ती न करने पर परिजन मरीज को लेकर सिविल अस्पताल के लिए रवाना हो गए, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही एंबुलेंस में संजीव ने दम तोड़ दिया. कर्मी को भर्ती न करने पर पीजीआई आउटसोर्स संघ में आक्रोश है. उन्होंने कहा कि संस्थान में कर्मियों के साथ दोहरा रवैया अपनाया जाता है. आउटसोर्स कर्मचारियों से काम तो हर जगह लिया जाता है, लेकिन सुविधाएं देने के नाम पर निजी कंपनी का कर्मी बताकर पल्ला झाड़ लिया जाता है. वहीं पीजीआई पीआरओ कुसुम ने मामले पर बात करने से ही इनकार कर दिया.

लखनऊ : पीजीआई के कोविड अस्पताल में ड्यूटी कर रहे युवक की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई. मामले में पीजीआई की भी लापवाही सामने आई है. हाथरस के सासनी निवासी संजीव कुमार राजधानी में रायबरेली रोड पर रहता था. यहीं से वह पीजीआई में बतौर पेशेंट हेल्पर में नौकरी के लिए जाता था. भाई नितेश के मुताबिक संजीव सीसीएम विभाग में तैनात था. 28 मार्च से उसे पीजीआई के कोविड अस्पताल में ड्यूटी पर लगाया गया था. परिजनों के मुताबिक रविवार को ड्यूटी के दौरान ही संजीव को सीने में तेज दर्द हुआ. उसने वहां के स्टाफ से तबीयत खराब होने की बात कही. इसके बाद उसे घर भेज दिया गया.

इलाज न मिलने हुई मौत

घर पर तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे पीजीआई लेकर पहुंचे, जहां मरीज को भर्ती नहीं किया गया. पीजीआई में भर्ती न करने पर परिजन मरीज को लेकर सिविल अस्पताल के लिए रवाना हो गए, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही एंबुलेंस में संजीव ने दम तोड़ दिया. कर्मी को भर्ती न करने पर पीजीआई आउटसोर्स संघ में आक्रोश है. उन्होंने कहा कि संस्थान में कर्मियों के साथ दोहरा रवैया अपनाया जाता है. आउटसोर्स कर्मचारियों से काम तो हर जगह लिया जाता है, लेकिन सुविधाएं देने के नाम पर निजी कंपनी का कर्मी बताकर पल्ला झाड़ लिया जाता है. वहीं पीजीआई पीआरओ कुसुम ने मामले पर बात करने से ही इनकार कर दिया.

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