लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के खिलाफ भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद, स्वामी अग्निवेश और वजाहत हबीबुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. गौरतलब है कि पूरे देश में इस कानून को लेकर विरोध किया जा रहा है.
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Bhim Army Chief Chandrashekhar Azad, Swami Agnivesh and Wajahat Habibullah, former Chairperson of the National Minority Commission have filed a petition in the Supreme Court against the Citizenship (Amendment) Act, National Register of Citizens and National Population Register. pic.twitter.com/WpsgCI4FjV
— ANI (@ANI) January 22, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Bhim Army Chief Chandrashekhar Azad, Swami Agnivesh and Wajahat Habibullah, former Chairperson of the National Minority Commission have filed a petition in the Supreme Court against the Citizenship (Amendment) Act, National Register of Citizens and National Population Register. pic.twitter.com/WpsgCI4FjV
— ANI (@ANI) January 22, 2020Bhim Army Chief Chandrashekhar Azad, Swami Agnivesh and Wajahat Habibullah, former Chairperson of the National Minority Commission have filed a petition in the Supreme Court against the Citizenship (Amendment) Act, National Register of Citizens and National Population Register. pic.twitter.com/WpsgCI4FjV
— ANI (@ANI) January 22, 2020
वहीं, नागरिकता कानून के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह केंद्र का पक्ष सुने बिना सीएए पर कोई स्टे ऑर्डर नहीं देगा. नागरिकता कानून पर फिलहाल रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट नागरिकता कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन करेगा.
जहां एक तरफ देश का एक तबका नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध हो रहा है, वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी भी इस बात की पूरी कोशिश कर रही है कि वो किसी तरह से जनता को इस कानून के बारे में जागरूक कर सके. इसके लिए भाजपा लगातार रैलियां भी कर रही है. नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कल अमित शाह ने लखनऊ में विपक्ष पर जमकर हमला बोला और कहा कि कोई कितनी भी कोशिश कर ले यह कानून वापस नहीं लिया जाएगा.