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संविदा आउटसोर्सिंग के लिए जल्द तैयार हो स्थायी नीति - संविदा आउटसोर्सिंग के लिए स्थायी नीति

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मुख्यमंत्री से संविदा आउटसोर्सिंग के लिए स्थायी नीति बनाने और समान कार्य के लिए समान वेतन की व्यवस्था लागू करने की मांग की है.

संविदा आउटसोर्सिंग के लिए जल्द तैयार हो स्थायी नीति
संविदा आउटसोर्सिंग के लिए जल्द तैयार हो स्थायी नीति
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Published : Apr 29, 2021, 4:35 AM IST

लखनऊ : राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने संविदा आउटसोर्सिंग के लिए स्थायी नीति जल्द तैयार करने व इसे लागू करने की मांग की है. कहा है कि संविदा कर्मियों के लिए समान कार्य-समान वेतन का सिद्धांत अपनाया जाना चाहिए

दो साल बाद भी नहीं लागू हो सकी नीति

परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने कहा कि 14 फरवरी 2019 को अपर मुख्य सचिव कार्मिक की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया एक माह अंदर नीति पर मंत्रिपरिषद से निर्णय लिया जाएगा. लेकिन दो वर्ष से अधिक बीतने के बाद भी संविदा कर्मियों एवं आउटसोर्सिंग कर्मियों के लिए बनाई गई नीति पर निर्णय नहीं हो पाया है.

यह भी पढ़ें : राजधानी में तैयार हो रहा DRDO का अस्थाई अस्पताल, जल्द होगा शुरू

नहीं हो रहा समान कार्य, समान वेतन के सिद्धांत का अनुपालन

उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी तक समान कार्य समान वेतन के सिद्धांत का पालन नहीं हो रहा है. इससे कर्मियों का लगातार शोषण भी हो रहा है. विभिन्न भागों में बिना कारण बताए आउटसोर्सिंग कर्मियों को व संविदा कर्मियों को सेवा से बाहर किया जा रहा है.

परिषद के संगठन प्रमुख केके सचान, अध्यक्ष सुरेश, वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश चंद्र मिश्रा, उपाध्यक्ष सुनील यादव व प्रवक्ता अशोक कुमार ने मुख्यमंत्री से संविदा व आउटसोर्सिंग से नियुक्त कर्मचारियों के लिए स्थायी नीति बनाने व समान कार्य के लिए समान वेतन की व्यवस्था प्रदेश में भी लागू करने की मांग की है.

लखनऊ : राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने संविदा आउटसोर्सिंग के लिए स्थायी नीति जल्द तैयार करने व इसे लागू करने की मांग की है. कहा है कि संविदा कर्मियों के लिए समान कार्य-समान वेतन का सिद्धांत अपनाया जाना चाहिए

दो साल बाद भी नहीं लागू हो सकी नीति

परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने कहा कि 14 फरवरी 2019 को अपर मुख्य सचिव कार्मिक की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया एक माह अंदर नीति पर मंत्रिपरिषद से निर्णय लिया जाएगा. लेकिन दो वर्ष से अधिक बीतने के बाद भी संविदा कर्मियों एवं आउटसोर्सिंग कर्मियों के लिए बनाई गई नीति पर निर्णय नहीं हो पाया है.

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नहीं हो रहा समान कार्य, समान वेतन के सिद्धांत का अनुपालन

उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी तक समान कार्य समान वेतन के सिद्धांत का पालन नहीं हो रहा है. इससे कर्मियों का लगातार शोषण भी हो रहा है. विभिन्न भागों में बिना कारण बताए आउटसोर्सिंग कर्मियों को व संविदा कर्मियों को सेवा से बाहर किया जा रहा है.

परिषद के संगठन प्रमुख केके सचान, अध्यक्ष सुरेश, वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश चंद्र मिश्रा, उपाध्यक्ष सुनील यादव व प्रवक्ता अशोक कुमार ने मुख्यमंत्री से संविदा व आउटसोर्सिंग से नियुक्त कर्मचारियों के लिए स्थायी नीति बनाने व समान कार्य के लिए समान वेतन की व्यवस्था प्रदेश में भी लागू करने की मांग की है.

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