लखनऊ: यातायात नियमों को सुगम बनाने के लिए उत्तरप्रदेश पुलिस बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन पुराने लखनऊ में ये दावे खोखले साबित हो रहे हैं. क्योंकि चौक थाना क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज से लेकर बाजारखाला तक आए दिन राहगीरों को भयंकर जाम का सामना करना पड़ता है. यहां तक की आपातकालीन सेवाओं की गाड़ियों को भी इस इलाके में लगे जाम का दंश झेलना पड़ रहा है, जो इन दिनों कोरोना संक्रमण को देखते हुए भी काफी घातक साबित हो सकता है.
राजधानी लखनऊ के पुराने इलाके में अतिक्रमण और बेतरतीब पार्किंग के चलते मेडिकल कॉलेज को जोड़ने वाली मुख्य सड़क अक्सर जाम रहती है. बाजारखला से चौक तक हो रहे पुल के निर्माण की आड़ में दुकानदारों ने सड़क पर कब्जा कर जहां राहगीरों की मुश्किलें बढ़ा दी है, वहीं निर्माणाधीन पुल के नीचे अवैध दुकानें लगाकर अपने साथ ग्रहकों की जान भी जोखिम में डाल दी है.
आपातकालीन सेवाओं को भी गुजरने में होती दिक्कत
लखनऊ के चौक इलाके में अव्यवस्थित यातायात के कारण आपातकालीन सेवाओं को भी कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ता है. एम्बुलेंस हो या अग्निशमन की गाड़ियां यदि इमरजेंसी में इन आपातकालीन गाड़ियों को इस क्षेत्र से गुजरना होता है तो बेतरतीब जाम से जूझना पड़ता है, दो से तीन किलोमीटर की दूरी तय करने पर भी इस इलाकों में एक से डेढ़ घंटे का समय लग जाना आम बात हो गई है, जिससे आपातकालीन सेवाओं पर भी गहरा असर पड़ता है. चौक इलाके में मेडकिल कॉलेज के साथ कई बड़े अस्पताल स्तिथ हैं, जहां जाने के लिए लोगों को नक्खास से होकर गुजरना पड़ता है. लेकिन अक्सर लगे जाम के कारण गाड़ियां घंटों तक बेतरतीब जाम में फंसी रहती हैं, जिसकी वजह से कई बार मरीजों की जान पर भी आफत बन पड़ती है.
इलाके में जाम की समस्या
लखनऊ का अत्यधिक भीड़भाड़ वाला इलाका नक्खास माना जाता है. यहां पर बड़ी संख्या में पटरी दुकानदारों के अलावा साप्ताहिक बाजार भी लगती है और एक बड़ी संख्या में यहां पर इलाकाई लोगों के साथ दूरदराज के लोग भी खरीदारी करने आते हैं, लेकिन पार्किंग की कोई व्यवस्था न होने के कारण इस इलाके में गाड़िया अक्सर सड़क किनारे ही लगी रहती हैं और फुटपाथ के दुकानदार भी सड़कों पर अपनी छोटी छोटी दुकानें लगाकर कारोबार करते हैं, जिसके कारण यातयात प्रभावित होता है. क्योंकि राहगीरों और वाहनों के चलने के लिए बहुत कम ही सड़क पर जगह बचती है और इधर उधर अवैध तरीके से ठेले और बेतरतीब खड़ी वाहनों से यातयात बुरी तरह प्रभावित रहता है. लखनऊ के अन्य इलाकों में मौजूद रहने वाली ट्रैफिक पुलिस पुराने लखनऊ के इस इलाके में नदारद रहती है और न ही कोई ट्रैफिक सिग्नल इन इलाकों में अब तक लगाए गए हैं, जिससे नियमानुसार वाहनों को गति मिल सके.
लखनऊ के इस इलाके में जाम से परेशान लोग, इमरजेंसी सेवाओं पर भी असर
राजधानी लखनऊ में इन दिनों ट्रैफिक जाम की समस्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. इससे यात्रियों के साथ साथ ही इमरजेंसी सेवाओं पर भी असर पड़ रहा है.
लखनऊ: यातायात नियमों को सुगम बनाने के लिए उत्तरप्रदेश पुलिस बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन पुराने लखनऊ में ये दावे खोखले साबित हो रहे हैं. क्योंकि चौक थाना क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज से लेकर बाजारखाला तक आए दिन राहगीरों को भयंकर जाम का सामना करना पड़ता है. यहां तक की आपातकालीन सेवाओं की गाड़ियों को भी इस इलाके में लगे जाम का दंश झेलना पड़ रहा है, जो इन दिनों कोरोना संक्रमण को देखते हुए भी काफी घातक साबित हो सकता है.
राजधानी लखनऊ के पुराने इलाके में अतिक्रमण और बेतरतीब पार्किंग के चलते मेडिकल कॉलेज को जोड़ने वाली मुख्य सड़क अक्सर जाम रहती है. बाजारखला से चौक तक हो रहे पुल के निर्माण की आड़ में दुकानदारों ने सड़क पर कब्जा कर जहां राहगीरों की मुश्किलें बढ़ा दी है, वहीं निर्माणाधीन पुल के नीचे अवैध दुकानें लगाकर अपने साथ ग्रहकों की जान भी जोखिम में डाल दी है.
आपातकालीन सेवाओं को भी गुजरने में होती दिक्कत
लखनऊ के चौक इलाके में अव्यवस्थित यातायात के कारण आपातकालीन सेवाओं को भी कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ता है. एम्बुलेंस हो या अग्निशमन की गाड़ियां यदि इमरजेंसी में इन आपातकालीन गाड़ियों को इस क्षेत्र से गुजरना होता है तो बेतरतीब जाम से जूझना पड़ता है, दो से तीन किलोमीटर की दूरी तय करने पर भी इस इलाकों में एक से डेढ़ घंटे का समय लग जाना आम बात हो गई है, जिससे आपातकालीन सेवाओं पर भी गहरा असर पड़ता है. चौक इलाके में मेडकिल कॉलेज के साथ कई बड़े अस्पताल स्तिथ हैं, जहां जाने के लिए लोगों को नक्खास से होकर गुजरना पड़ता है. लेकिन अक्सर लगे जाम के कारण गाड़ियां घंटों तक बेतरतीब जाम में फंसी रहती हैं, जिसकी वजह से कई बार मरीजों की जान पर भी आफत बन पड़ती है.
इलाके में जाम की समस्या
लखनऊ का अत्यधिक भीड़भाड़ वाला इलाका नक्खास माना जाता है. यहां पर बड़ी संख्या में पटरी दुकानदारों के अलावा साप्ताहिक बाजार भी लगती है और एक बड़ी संख्या में यहां पर इलाकाई लोगों के साथ दूरदराज के लोग भी खरीदारी करने आते हैं, लेकिन पार्किंग की कोई व्यवस्था न होने के कारण इस इलाके में गाड़िया अक्सर सड़क किनारे ही लगी रहती हैं और फुटपाथ के दुकानदार भी सड़कों पर अपनी छोटी छोटी दुकानें लगाकर कारोबार करते हैं, जिसके कारण यातयात प्रभावित होता है. क्योंकि राहगीरों और वाहनों के चलने के लिए बहुत कम ही सड़क पर जगह बचती है और इधर उधर अवैध तरीके से ठेले और बेतरतीब खड़ी वाहनों से यातयात बुरी तरह प्रभावित रहता है. लखनऊ के अन्य इलाकों में मौजूद रहने वाली ट्रैफिक पुलिस पुराने लखनऊ के इस इलाके में नदारद रहती है और न ही कोई ट्रैफिक सिग्नल इन इलाकों में अब तक लगाए गए हैं, जिससे नियमानुसार वाहनों को गति मिल सके.