लखनऊ : राजधानी में सोमवार को कई अस्पतालों में कोवॉक्सिन वैक्सीन न होने के चलते लोगों को निराश होकर लौटना पड़ा. कोवॉक्सिन की दूसरी डोज लेने पहुंचे 100 से अधिक लोगों को मायूसी मिली.
इसके अलावा कई लोग कोविशील्ड लगवाने से कतराते रहे और पंजीकरण कराने के बाद भी टीका नहीं लगवाया. इसके चलते टीका उत्सव के पहले दिन टीकाकरण का ग्राफ उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा. 9023 लोगों ने ही वैक्सीन लगवाई.
कोवॉक्सिन की जगह कोविशील्ड वैक्सीन
सिविल अस्पताल, रानी लक्ष्मीबाई व लोकबंधु अस्पताल के साथ ही कई निजी सेंटरों पर कोवॉक्सिन लगाई जा रही थी. रविवार को यहां कोविशील्ड भेज दी गई. पहले तो स्वास्थ्य कर्मियों ने इसे लेने से मना कर दिया लेकिन अफसरों के दबाव में लेना पड़ा.
सिविल अस्पताल में महज 90 लोगों को ही यह टीका लगा जबकि रोजाना यहां 500 से 600 लोग टीका लगवा रहे थे.
इसी तरह लोकबंधु में 300 से 400 लोगों को टीका लग रहा था लेकिन 94 ने ही कोविशील्ड लगवाई. रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल में भी टीकाकरण 100 के अंदर ही रहा.
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कोविशील्ड लगवाने में लोगों में हिचक
अस्पताल प्रभारियों का कहना है कि लोग कोविशील्ड लगवाने में कम रुचि ले रहे हैं. टीकाकरण का ग्राफ अन्य दिनों की अपेक्षा बेहद कम रहा है. वहीं, दूसरी डोज लगवाने आए लोगों को लौटना पड़ा.
हालांकि जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एमके सिंह ने दावा किया कि वैक्सीन का कोई संकट नहीं है. रविवार को अफसरों के निर्देश पर सभी जगहों पर कोविशील्ड भेजी गई है.
45 साल से ऊपर के 5770 लोगों को लगी पहली डोज
कोरोना के खिलाफ जंग में रविवार को टीका उत्सव की शुरुआत हुई. पहले दिन 9023 लोगों को वैक्सीन लगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शक्तिभवन में टीकाकरण का जायजा लिया. टीका उत्सव 11 से 14 अप्रैल तक मनाया जाएगा. टीकाकरण में 53 हेल्थ केयर वर्कर को पहली तो 52 को वैक्सीन की दूसरी डोज लगी.
45 साल से ऊपर के 5770 लोगों ने पहली व 232 ने दूसरी डोज ली. 2368 ऐसे लोगों को भी वैैक्सीन की पहली डोज लगी जो 60 साल से ऊपर थे. 350 बुजुर्गों को दूसरी डोज लगी. वहीं, 111 फ्रंट लाइन वर्करों को पहली व 67 को दूसरी डोज लगी.