लखनऊ : आलमनगर स्टेशन पर सीमेंट साइडिंग के चलते काफी प्रदूषण फैलता है. जिससे इस क्षेत्र के चार किलोमीटर दायरे के लोग प्रदूषण से प्रभावित हो रहे हैं. उन्हें विभिन्न तरह की बीमारियां हो रही हैं. इसे लेकर क्षेत्रवासियों में काफी नाराजगी है. आलमनगर स्टेशन का कायाकल्प हो रहा है. जिससे प्रदूषण का स्तर और बढ़ गया है. क्षेत्रवासियों ने डीआरएम से शिकायत की है. साथ ही एक याचिका भी दायर की गई है. रेलवे प्रशासन का कहना है कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए स्टेशन के आसपास बड़ी संख्या में पौधे लगाए जाएंगे.
लखनऊ के आलमनगर स्टेशन को सेटेलाइट स्टेशन (satellite station) के रूप में विकसित किया जा रहा है. यहां पर नई इमारत तैयार हो रही है. नए प्लेटफार्म बनाए जा रहे हैं. यात्रियों की अन्य सुविधाओं को लेकर रेलवे प्रशासन काम करा रहा है, लेकिन आलमनगर क्षेत्र के निवासियों की एक बड़ी समस्या स्टेशन के पास स्थित सीमेंट साइडिंग (cement siding) है. यहां पर बड़ी मात्रा में सीमेंट उतारा जाता है. जिससे प्रदूषण की गंभीर समस्या पैदा हो गई है.
क्षेत्रवासियों का कहना है कि हर तीसरे से चौथे घर में यहां पर लोग अस्थमा से बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. सीमेंट साइडिंग से फैलने वाले प्रदूषण की समस्या को लेकर क्षेत्रवासियों ने देश के रक्षा मंत्री व लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह को भी अवगत कराया है. पूर्व विधायक स्व. सुरेश श्रीवास्तव ने भी इस समस्या को लेकर रेलवे बोर्ड को पत्र लिखा था. क्षेत्रवासियों ने लखनऊ मंडल के मंडल रेल प्रबंधक सुरेश कुमार सपरा से भी शिकायत की है. दरअसल आलमनगर स्टेशन के आसपास बड़ी संख्या में अब आबादी बस गई है. जब यहां पर घर नहीं बने थे तो रेलवे ने सीमेंट साइडिंग बना दी और माल गाड़ियों से बड़ी मात्रा में यहां पर सीमेंट उतारा जाने लगा. अब यही सीमेंट यहां के लोगों के लिए बीमारी का कारण बन गया है.
आलमनगर क्षेत्र में रहने वाले सुरेंद्र पाल वर्मा का कहना है कि यहां से सीमेंट साइडिंग को रेलवे तत्काल खत्म करे. चार किलोमीटर के दायरे में आने वाले लोगों को बीमारियां हो रही हैं. हर घर में लोग अस्थमा का शिकार हो रहे हैं. पहले रेलवे ने चारबाग में सीमेंट उतारने की व्यवस्था की. फिर वहां आबादी बढ़ी तो ऐशबाग में और जब ऐशबाग में आबादी बढ़ी तो आलमनगर में सीमेंट साइडिंग बना दी. अब जब आलमनगर में भी इतनी घनी आबादी हो गई है तो रेलवे को कहीं और सीमेंट साइडिंग की व्यवस्था करनी चाहिए. उनका कहना है कि इसे लेकर क्षेत्रवासियों की तरफ से रक्षा मंत्री को अवगत कराया गया है. डीआरएम को भी जानकारी दी गई है. समस्या को लेकर एक जनहित याचिका भी दाखिल की गई है.
मंडल रेल प्रबंधक, उत्तर रेलवे सुरेश कुमार सपरा का कहना है कि रेलवे प्रशासन क्षेत्रवासियों की समस्या पर मंथन कर रहा है. पर्यावरण की जो भी गाइडलाइन हैं उन्हें फॉलो किया जाएगा. इसे लेकर प्लान किया जा रहा है. एनजीटी के जो भी निर्देश हैं उनका बेहतरी से रेलवे प्रशासन पालन करेगा. सीमेंट साइडिंग की समस्या है तो इसे लेकर भी योजना बनाई जा रही है. मियावाकी पद्धति से यहां पर बड़ी संख्या में पौधे लगाए जाएंगे. जिससे प्रदूषण की समस्या खत्म हो सके और पर्यावरण बेहतर हो सके.
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