लखनऊ: पूरे शहर में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. यहां तक की अधिकांश इलाकों में तो आवागमन तक बंद कर दिया गया है. इतनी खतरनाक स्थिति होने के बावजूद लोग लापरवाही बरत रहे हैं. शारीरिक दूरी का पालन करना तो दूर लोग मास्क तक नहीं लगा रहे हैं. वहीं पुलिस भी सड़कों पर मुश्तैद नहीं दिख रही. संक्रमण रोकने के लिए शुरु किया गया नाइट कर्फ्यू भी असरदार नहीं दिख रहा. पिछले साल की तुलना में इस बार पुलिस की सख्ती नजर नहीं आ रही है. रात में न तो चेकिंग पॉइंट पर पुलिस नजर आ रही है और न ही लोगों को रोका जा रहा है.
साल 2020 में जब कोरोना संक्रमण ने पांव पसारने शुरु किए थे, तब पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू की गई थी. कम संसाधनों के बीच पुलिस के सामने संक्रमण को फैलने से रोकना बड़ी चुनौती थी. हालांकि पुलिस ने गंभीरता दिखाई और सख्ती से शारिरिक दूरी का पालन कराना सुनिश्चित कराया. यही वजह है कि पिछले साल कोरोना का संक्रमण ज्यादा विस्तार नहीं ले सका. अब जब लखनऊ में रिकॉर्ड तोड़ मरीज सामने आ रहे हैं तो सख्ती के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है.
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कहां है कंटेंटमेंट जोन
पुलिस प्रशासन को यह पता ही नहीं कि किस घर में संक्रमित लोग रह रहे हैं. कंटेंटमेंट जोन के नाम पर पुलिस प्रशासन की तैयारी सवालों के घेरे में हैं. लोग संक्रमित होकर घर में आइसोलेट हो रहे हैं. इंदिरानगर, आशियाना, तकरोही, मडियांव, गुडंबा, अलीगंज, आलमबाग, कृष्णानगर समेत शहर के कई इलाके ऐसे हैं. जहां लोग संक्रमित हैं और उन इलाकों में कंटेंटमेंट जोन नदारद हैं. न तो उन इलाकों को सील किया गया है और न ही लोग यह जान पा रहे हैं कि किस घर में संक्रमित लोग रह रहे हैं.