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लखनऊ: कमिश्नरी सिस्टम को लेकर लोगों की अलग-अलग राय

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सुधारने के लिए प्रदेश सरकार ने लखनऊ और नोएडा में कमिश्नरी सिस्टम लागू कर दिया है. इस सिस्टम को लागू होने से पुलिस विभाग की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी.

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लखनऊ और नोएडा में कमिश्नरी सिस्टम लागू.
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Published : Jan 13, 2020, 4:39 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की बेपटरी कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ और नोएडा में कमिश्नरी सिस्टम लागू कर दिया है. कमिश्नरी सिस्टम के तहत पुलिस विभाग की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. साथ ही पुलिस विभाग को मजिस्ट्रियल पावर भी दे दी जाएंगी. राजधानी लखनऊ में कमिश्नरी सिस्टम लागू हो जाने के बाद लोगों की अलग-अलग राय है.

कमिश्नरी सिस्टम को लेकर लोगों की अलग-अलग राय.

कुछ लोग जहां इसे कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए बड़ा कदम बता रहे हैं तो वहीं दूसरी और कुछ लोगों का कहना है पुलिस की ताकत बढ़ा देने से कोई खास बदलाव नहीं होने वाला है. बल्कि जब इस तरह से एक ही विभाग को तमाम ताकते दे दी जाएंगी तो पुलिस विभाग के बेलगाम होने का खतरा रहेगा.

कमिश्नरी सिस्टम लागू होने से कोई ज्यादा बदलाव नहीं होने वाला: शिया धर्मगुरु युसूफ अब्बास
शिया धर्मगुरु युसूफ अब्बास ने ईटीवी से बातचीत में बताया की कमिश्नर सिस्टम भले ही राजधानी लखनऊ में लागू कर दिया गया हो, लेकिन इससे जो सिस्टम चल रहा था वह भी प्रभावी था. कमिश्नरी सिस्टम लागू होने से कोई बहुत ज्यादा बदलाव नहीं होने वाला है. अभी लोगों को इसे समझने में काफी समय लग जाएगा. अभी तक जब पुलिस से कोई समस्या होती थी तो आदमी डीएम और कमिश्नर के पास पहुंचता था. वहीं अगर जिला प्रशासन से कोई समस्या होती थी तो पुलिस के पास पहुंचते थे बेहतर तालमेल के साथ काम हो रहा था.

कमिश्नरी सिस्टम लागू होने से बेहतर होगी कानून व्यवस्था: अधिवक्ता डीके श्रीवास्तव
वरिष्ठ अधिवक्ता डीके श्रीवास्तव ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि पुलिस के अधिकार बढ़ने से कानून व्यवस्था बेहतर होगी. अभी तक पुरानी प्रणाली के तहत लॉ एंड ऑर्डर से जुड़े फैसले लेने के लिए पुलिस विभाग को जिला प्रशासन के अधिकारियों पर निर्भर रहना होता था, लेकिन अब वह स्वयं यह निर्णय ले सकेंगे, जिससे कानून व्यवस्था बेहतर होगी. इस सबके बीच यह बात देखने वाली है की कमिश्नर सिस्टम के तहत किन अधिकारियों को तैनात किया जाता है. बहुत कुछ अधिकारी की कार्यशैली पर निर्भर करता है.

पुलिस कमिश्नर सिस्टम से पुलिस के पास बढ़ेगी यह ताकतें

  • लॉ एंड ऑर्डर मैनेज करने के लिए जिला प्रशासन के एसडीएम और एडीएम को दी गई एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रियल पावर पुलिस को मिल जाएगी.
  • पुलिस स्वयं गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, रासुका लगाने में सक्षम होगी यह कार्रवाई करने के लिए पुलिस को जिला अधिकारी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी.
  • सीआरपीसी की धारा 107-16, धारा 144, धारा 109, धारा 110, धारा 145 के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी भी पुलिस के पास आ जाएगी, ऐसे में पुलिस स्वयं इन धाराओं पर कार्रवाई कर सकेगी.
  • अभी तक होटल, बार, हथियार के लाइसेंस जिला प्रशासन की ओर से जारी किए जाते हैं, लेकिन कमिश्नरी सिस्टम लागू हो जाने के बाद होटल, बार, असलहे के लाइसेंस पुलिस विभाग की ओर से जारी होंगे.
  • जिला प्रशासन द्वारा धरना और प्रदर्शन की अनुमति दी जाती था अब कमिश्नरी सिस्टम लागू हो जाने के बाद प्रदर्शन और धरने की अनुमति पुलिस विभाग की ओर से जारी की जाएगी.
  • दंगों के दौरान लाठीचार्ज का निर्णय लेने का अधिकार भी पुलिस विभाग का होगा. पुलिस विभाग को लाठीचार्ज के लिए पुलिस विभाग से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी.
  • जमीनों से संबंधित विवाद के निपटारे के लिए भी पुलिस लेखपाल को निर्देश दे सकेगी, जिससे जमीन संबंधित विवादों को समय से निपटाया जा सके.

इसे भी पढ़ें:- आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बस खाई में गिरी, दो की मौत

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की बेपटरी कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ और नोएडा में कमिश्नरी सिस्टम लागू कर दिया है. कमिश्नरी सिस्टम के तहत पुलिस विभाग की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. साथ ही पुलिस विभाग को मजिस्ट्रियल पावर भी दे दी जाएंगी. राजधानी लखनऊ में कमिश्नरी सिस्टम लागू हो जाने के बाद लोगों की अलग-अलग राय है.

कमिश्नरी सिस्टम को लेकर लोगों की अलग-अलग राय.

कुछ लोग जहां इसे कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए बड़ा कदम बता रहे हैं तो वहीं दूसरी और कुछ लोगों का कहना है पुलिस की ताकत बढ़ा देने से कोई खास बदलाव नहीं होने वाला है. बल्कि जब इस तरह से एक ही विभाग को तमाम ताकते दे दी जाएंगी तो पुलिस विभाग के बेलगाम होने का खतरा रहेगा.

कमिश्नरी सिस्टम लागू होने से कोई ज्यादा बदलाव नहीं होने वाला: शिया धर्मगुरु युसूफ अब्बास
शिया धर्मगुरु युसूफ अब्बास ने ईटीवी से बातचीत में बताया की कमिश्नर सिस्टम भले ही राजधानी लखनऊ में लागू कर दिया गया हो, लेकिन इससे जो सिस्टम चल रहा था वह भी प्रभावी था. कमिश्नरी सिस्टम लागू होने से कोई बहुत ज्यादा बदलाव नहीं होने वाला है. अभी लोगों को इसे समझने में काफी समय लग जाएगा. अभी तक जब पुलिस से कोई समस्या होती थी तो आदमी डीएम और कमिश्नर के पास पहुंचता था. वहीं अगर जिला प्रशासन से कोई समस्या होती थी तो पुलिस के पास पहुंचते थे बेहतर तालमेल के साथ काम हो रहा था.

कमिश्नरी सिस्टम लागू होने से बेहतर होगी कानून व्यवस्था: अधिवक्ता डीके श्रीवास्तव
वरिष्ठ अधिवक्ता डीके श्रीवास्तव ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि पुलिस के अधिकार बढ़ने से कानून व्यवस्था बेहतर होगी. अभी तक पुरानी प्रणाली के तहत लॉ एंड ऑर्डर से जुड़े फैसले लेने के लिए पुलिस विभाग को जिला प्रशासन के अधिकारियों पर निर्भर रहना होता था, लेकिन अब वह स्वयं यह निर्णय ले सकेंगे, जिससे कानून व्यवस्था बेहतर होगी. इस सबके बीच यह बात देखने वाली है की कमिश्नर सिस्टम के तहत किन अधिकारियों को तैनात किया जाता है. बहुत कुछ अधिकारी की कार्यशैली पर निर्भर करता है.

पुलिस कमिश्नर सिस्टम से पुलिस के पास बढ़ेगी यह ताकतें

  • लॉ एंड ऑर्डर मैनेज करने के लिए जिला प्रशासन के एसडीएम और एडीएम को दी गई एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रियल पावर पुलिस को मिल जाएगी.
  • पुलिस स्वयं गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, रासुका लगाने में सक्षम होगी यह कार्रवाई करने के लिए पुलिस को जिला अधिकारी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी.
  • सीआरपीसी की धारा 107-16, धारा 144, धारा 109, धारा 110, धारा 145 के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी भी पुलिस के पास आ जाएगी, ऐसे में पुलिस स्वयं इन धाराओं पर कार्रवाई कर सकेगी.
  • अभी तक होटल, बार, हथियार के लाइसेंस जिला प्रशासन की ओर से जारी किए जाते हैं, लेकिन कमिश्नरी सिस्टम लागू हो जाने के बाद होटल, बार, असलहे के लाइसेंस पुलिस विभाग की ओर से जारी होंगे.
  • जिला प्रशासन द्वारा धरना और प्रदर्शन की अनुमति दी जाती था अब कमिश्नरी सिस्टम लागू हो जाने के बाद प्रदर्शन और धरने की अनुमति पुलिस विभाग की ओर से जारी की जाएगी.
  • दंगों के दौरान लाठीचार्ज का निर्णय लेने का अधिकार भी पुलिस विभाग का होगा. पुलिस विभाग को लाठीचार्ज के लिए पुलिस विभाग से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी.
  • जमीनों से संबंधित विवाद के निपटारे के लिए भी पुलिस लेखपाल को निर्देश दे सकेगी, जिससे जमीन संबंधित विवादों को समय से निपटाया जा सके.

इसे भी पढ़ें:- आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बस खाई में गिरी, दो की मौत

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की बेपटरी कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की राजधानी लखनऊ व नोएडा में कमिश्नरी सिस्टम लागू कर दिया है। कमिश्नरी सिस्टम के तहत पुलिस विभाग की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। पुलिस विभाग को मजिस्ट्रियल पावर भी दे दी जाएंगी। राजधानी लखनऊ में कमिश्नरी सिस्टम लागू हो जाने के बाद लोगों की अलग-अलग राय है। कुछ लोग जहां इसे कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए बड़ा कदम बता रहे हैं तो वहीं दूसरी और कुछ लोगों का कहना है किस तरह से पुलिस की ताकत बढ़ा देने से कोई खास बदलाव नहीं होने वाला है, बल्कि जब इस तरह से एक ही विभाग को तमाम ताकते दे दी जाएंगी तो पुलिस विभाग के बेलगाम होने का खतरा रहेगा।




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शिया धर्मगुरु युसूफ अब्बास ने ईटीवी से बातचीत में बताया की कमिश्नर सिस्टम भले ही राजधानी लखनऊ में लागू कर दिया गया हो लेकिन इससे जो सिस्टम चल रहा था वह भी प्रभावी था। कमिश्नरी सिस्टम लागू होने से कोई बहुत ज्यादा बदलाव नहीं होने वाला है। अभी लोगों को इसे समझने में काफी समय लग जाएगा। अभी तक जब पुलिस से कोई समस्या होती थी तो आदमी डीएम व कमिश्नर के पास पहुंचता था वहीं अगर जिला प्रशासन से कोई समस्या होती थी तो पुलिस के पास पहुंचते थे बेहतर तालमेल के साथ काम हो रहा था।

वरिष्ठ अधिवक्ता डीके श्रीवास्तव ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि पुलिस के अधिकार बढ़ने से कानून व्यवस्था बेहतर होगी। अभी तक पुरानी प्रणाली के तहत लॉ एंड ऑर्डर से जुड़े फैसले लेने के लिए पुलिस विभाग को जिला प्रशासन के अधिकारियों पर निर्भर रहना होता था लेकिन अब वह स्वयं यह निर्णय ले सकेंगे जिससे कानून व्यवस्था बेहतर होगी लेकिन इस सबके बीच यह बाह देखने वाली है की कमिश्नर सिस्टम के तहत किन अधिकारियों को तैनात किया जाता है बहुत कुछ अधिकारी की कार्यशैली पर निर्भर करता है।




Conclusion:पुलिस कमिश्नर सिस्टम से पुलिस के पास बढ़ेगी यह ताकते

- लॉ एंड ऑर्डर मैनेज करने के लिए जिला प्रशासन के एसडीएम व एडीएम को दी गई एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रियल पावर पुलिस को मिल जाएगी

- पुलिस स्वयं गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, रासुका लगाने में सक्षम होगी यह कार्यवाही करने के लिए पुलिस को जिला अधिकारी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी

- सीआरपीसी की धारा 107-16, धारा 144, धारा 109, धारा 110, धारा 145 के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी भी पुलिस के पास आ जाएगी। ऐसे में पुलिस स्वयं इन धाराओं पर कार्यवाही कर सकेगी।

- अभी तक होटल, बार, हथियार के लाइसेंस जिला प्रशासन की ओर से जारी किए जाते हैं। लेकिन कमिश्नरी सिस्टम लागू हो जाने के बाद होटल, बार, असलहे के लाइसेंस पुलिस विभाग की ओर से जारी होंगे

- जिला प्रशासन द्वारा धरना व प्रदर्शन की अनुमति दी जाती है। कमिश्नरी सिस्टम लागू हो जाने के बाद प्रदर्शन व धरने की अनुमति पुलिस विभाग की ओर से जारी की जाएगी।

- दंगों के दौरान लाठीचार्ज का निर्णय लेने का अधिकार भी पुलिस विभाग का होगा। पुलिस विभाग को लाठीचार्ज के लिए पुलिस विभाग से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी।

-जमीनों से संबंधित विवाद के निपटारे के लिए भी पुलिस लेखपाल को निर्देश दे सकेगी, जिससे जमीन संबंधित विवादों को समय से निपटाया जा सके।

(संवाददाता प्रशांत मिश्रा 90 2639 25 26)



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