लखनऊ: लॉकडाउन के समय आम जनता को समस्या का सामना न करना पड़े इसके लिए शासन द्वारा प्रशासन को सख्त निर्देश दिए गए हैं. आवश्यक सामग्री जैसे राशन लोगों तक घर-घर पहुंचाने के लिए भी निर्देशित किया गया है. ऐसे में तहसील प्रशासन का एक भयावह चेहरा सामने आया है. 2 दिनों से भूखे करीब आधा दर्जन परिवार के लोग जब अपनी शिकायत लेकर तहसील प्रशासन पहुंचे तो एक-एक लंच का पैकेट पकड़ाकर उन्हें चलता कर दिया.
लॉकडाउन में मोहनलालगंज तहसील प्रशासन का एक भयावह चेहरा सामने आया है. तहसील के ठीक पीछे बसे मऊ गांव में करीब आधा दर्जन लोग पिछले 2 दिनों से भूखे हैं. राशन खत्म होने के कारण उनके घर का चूल्हा तक नहीं जला. ऐसे में परिवार के सदस्य जब तहसील प्रशासन अपनी मजबूरी लेकर पहुंचे तो तहसील प्रशासन के अधिकारियों ने उनकी बात को नजरअंदाज करते हुए उन्हें एक-एक पैकेट लंच पकड़ा दिया और उन्हें चलता कर दिया.
ऐसे में देखने वाली बात होगी जहां एक तरफ शासन और प्रशासन दोनों ही हर व्यक्ति तक सुविधाएं पहुंचाने की बात कर रहा है. वहीं सत्ता के शीर्ष कहे जाने वाले लखनऊ में जब यह हाल है तो बाकी प्रदेश में क्या होगा.
लखनऊ: राशन मुहैया न होने की शिकायत लेकर तहसील पहुंचे लोग, प्रशासन ने लंच का पैकेट देकर किया चलता
यूपी के लखनऊ में मऊ गांव के लोगों को दो दिन से खाने को कुछ नहीं मिला. इसकी शिकायत लेकर गांव के लोग मोहनलालगंज तहसील पहुंचे. तहसील प्रशासन ने सभी को एक-एक लंच का पैकेट देकर चलता कर दिया.
लखनऊ: लॉकडाउन के समय आम जनता को समस्या का सामना न करना पड़े इसके लिए शासन द्वारा प्रशासन को सख्त निर्देश दिए गए हैं. आवश्यक सामग्री जैसे राशन लोगों तक घर-घर पहुंचाने के लिए भी निर्देशित किया गया है. ऐसे में तहसील प्रशासन का एक भयावह चेहरा सामने आया है. 2 दिनों से भूखे करीब आधा दर्जन परिवार के लोग जब अपनी शिकायत लेकर तहसील प्रशासन पहुंचे तो एक-एक लंच का पैकेट पकड़ाकर उन्हें चलता कर दिया.
लॉकडाउन में मोहनलालगंज तहसील प्रशासन का एक भयावह चेहरा सामने आया है. तहसील के ठीक पीछे बसे मऊ गांव में करीब आधा दर्जन लोग पिछले 2 दिनों से भूखे हैं. राशन खत्म होने के कारण उनके घर का चूल्हा तक नहीं जला. ऐसे में परिवार के सदस्य जब तहसील प्रशासन अपनी मजबूरी लेकर पहुंचे तो तहसील प्रशासन के अधिकारियों ने उनकी बात को नजरअंदाज करते हुए उन्हें एक-एक पैकेट लंच पकड़ा दिया और उन्हें चलता कर दिया.
ऐसे में देखने वाली बात होगी जहां एक तरफ शासन और प्रशासन दोनों ही हर व्यक्ति तक सुविधाएं पहुंचाने की बात कर रहा है. वहीं सत्ता के शीर्ष कहे जाने वाले लखनऊ में जब यह हाल है तो बाकी प्रदेश में क्या होगा.