लखनऊ: 21 जून यानी शुक्रवार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पूरे विश्व में उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. शरीर और मन को स्वस्थ बनाने के लिए आज विश्वभर में योग को काफी सराहा जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने भी आज रांची में योगाभ्यास किया है.
जिन लोगों में योग के फायदों के प्रति जागरूकता का आभाव है, उनके लिए सरकार के ओर से भी कई स्तरों पर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. आइए जानते हैं विश्व योग दिवस के बारे में.
योग के लिए अंतरराष्ट्रीय स्थिति:
11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित करते हुए प्रस्ताव पारित किया गया. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की स्थापना का मसौदा भारत द्वारा प्रस्तावित किया गया था और एक रिकॉर्ड 175 सदस्य राज्यों द्वारा समर्थन किया गया था. प्रस्ताव को पहली बार प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने महासभा के 69वें सत्र के उद्घाटन के दौरान अपने संबोधन में पेश किया था.
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई पहल:
सांस्कृतिक संबंधों के लिए अंतरराष्ट्रीय परिषद के विभाग भारत के बाहरी सांस्कृतिक संबंधों से संबंधित नीतियों और कार्यक्रमों के निर्माण और कार्यान्वयन में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं.
- अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए वेब पोर्टल का शुभारंभ.
- योग गीत.
- खेल मंत्रालय द्वारा खेल अनुशासन के रूप में मान्यता प्राप्त योग.
- अंतरराष्ट्रीय योग उत्सव.
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य संपादक का सम्मेलन "समग्र स्वास्थ्य के लिए योग - हाल के शोध".
- विश्वविद्यालयों में योग शिक्षा पर समिति.
- स्कूल पाठ्यक्रम में योग.
- योग का मोबाइल ऐप मनाते हुए.
- टूरिस्ट वीजा और ई-टूरिस्ट वीजा में शामिल शॉर्ट टर्म योगा प्रोग्राम.
- विशेष कार्यक्रमों के तहत ग्रामीण महिलाओं को योग प्रशिक्षण.
- योग अनुसंधान और इसके अनुप्रयोगों में फ्रंटियर्स पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन.
योग का महत्व:
योग कोई धर्म नहीं है. यह जीने का एक तरीका है, जिसका उद्देश्य 'स्वस्थ शरीर में स्वस्थ दिमाग' है. मनुष्य एक शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक प्राणी है. योग तीनों के संतुलित विकास को बढ़ावा देने में मदद करता है. शारीरिक व्यायाम के अन्य रूप, जैसे एरोबिक्स इत्यादि केवल शरीर को मजबूती प्रदान करते हैं.