आजमगढ़: जिले की पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 190 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस मामले में कुल 169 बैंक खातों में लगभग 2 करोड़ रुपये फ्रीज किए गए हैं. इसके अतिरिक्त 3.40 लाख रुपये नगद, 51 मोबाइल फोन, 6 लैपटॉप, 61 एटीएम कार्ड, 56 बैंक पासबुक, 19 सिमकार्ड, 7 चेक बुक, 3 आधार कार्ड और 1 जियो फाइबर राउटर भी बरामद किए हैं.
पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने बताया कि 25 नवंबर को थाना साइबर क्राइम की पुलिस टीम ने प्रतिबंधित ऑनलाइन ऐप के जरिए ठगी करने वाले इस गिरोह का पर्दाफाश किया. गिरोह के सदस्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, मेटा और टेलीग्राम पर विज्ञापन देकर लोगों को फंसाते थे.
एसपी हेमराज मीना ने बताया कि गिरोह के सदस्य पीड़ितों को पैसे दोगुने या तिगुने करने का लालच देकर उनकी लॉगिन आईडी बनाते और ऑनलाइन गेम्स के जरिए उनके खातों से पैसे निकालकर फर्जी खातों में ट्रांसफर करते थे. पीड़ितों की आईडी ब्लॉक कर दी जाती थी. इस संगठित गिरोह में भारत के अलावा श्रीलंका और यूएई के सदस्य भी शामिल थे. गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में उत्तर प्रदेश से 6, बिहार से 2, उड़ीसा से 2 और मध्य प्रदेश का एक अभियुक्त शामिल है.
इन अभियुक्तों के खिलाफ देश के विभिन्न राज्यों में 70 साइबर ठगी के मामले दर्ज हैं. इनकी गिरफ्तारी 25 नवंबर को नगर कोतवाली के रैदोपुर क्षेत्र में एक मॉल के सामने स्थित एक मकान से की गई. थाना साइबर क्राइम प्रभारी और उनकी टीम ने मुखबिर की सूचना पर दबिश देकर 11 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया. वहीं दो अभियुक्त फरार हैं.
एसपी हेमराज मीना ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि वे आजमगढ़ में दो यूनिट चला रहे थे, जिनमें कुल 13 सदस्य सक्रिय रूप से कार्यरत थे. ये लोग सरकार द्वारा प्रतिबंधित एप का उपयोग कर ठगी करते थे. व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए पीड़ितों से संपर्क किया जाता था. गैंग द्वारा अर्जित धनराशि को फर्जी खातों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साझेदारों के साथ बांटा जाता था.