लखनऊ : लखनऊ विकास प्राधिकरण के राजधानी में हजारों फ्लैट बनकर तैयार हैं, लेकिन इन फ्लैटों को खरीदार नहीं मिल रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, ग्राहक एलडीए के द्वारा बनाए गए फ्लैटों में कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं. इसका प्रमुख कारण सुविधाओं को लेकर तथा प्राइवेट बिल्डर द्वारा बनाए गए फ्लैटों की कीमत को लेकर भी है. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इस स्थिति से निकलने के लिए फ्लैट को बेचने की जिम्मेदारी अपने अभियंताओं को सौंपी है.
फ्लैट में सुविधाओं का अभाव
एक समय एलडीए द्वारा बनाए गए भवनों के लिए मारामारी होती थी, वहीं अब एलडीए द्वारा बनाए गए फ्लैटों के खरीदार भी नहीं मिल पा रहे हैं. इसका मुख्य कारण फ्लैट की अधिक कीमत तथा सुविधाओं का अभाव है. लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा शारदा नगर योजना में रतन लोक नामक अपार्टमेंट बनाया था, जिसकी बुकिंग वर्ष 2018 से प्रारंभ की थी. फ्लैट लगभग बनकर तैयार है, लेकिन अभी तक लखनऊ विकास प्राधिकरण को ग्राहक न मिल पाने के कारण उक्त फ्लैट खाली पड़े हुए हैं.
अपार्टमेंट परिसर में स्थित है मजार
रतन लोक अपार्टमेंट परिसर में पुरानी मजार स्थित है, जिसको भी रतन लोक परिसर के अंदर मर्ज किया गया है, जिसकी वजह से भी कुछ लोग इस अपार्टमेंट में फ्लैट खरीदने से कतरा रहे हैं. लोगों को अंदेशा है कि अपार्टमेंट परिसर में मजार होने से कभी भी एलडीए व मजार प्रबंधकों के बीच विवाद हो सकता है. ऐसे में आवंटी ही परेशान होता है. पूर्व में ऐसे कई मामले हो चुके हैं, जिसको लेकर ग्राहक अब सतर्क हो गया है.
कीमतों में अंतर
2 बीएचके का फ्लैट 900 स्क्वायर फीट के एरिया में प्राइवेट बिल्डर जहां 30 से 35 लाख में ग्राहकों को उपलब्ध करा रहे हैं वही लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा टू बीएचके फ्लैट की कीमत 38 लाख रुपये रखी गई है, जिसके कारण ग्राहकों को एलडीए की स्कीम में दिलचस्पी नहीं दिख रही है. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अपने फ्लैटों को बेचने के लिए प्राधिकरण के अभियंताओं को जिम्मेदारी दी है. प्राधिकरण के अभियंता इन फ्लैट को बेचने के लिए क्या उपाय करते हैं, जिससे ग्राहक लखनऊ विकास प्राधिकरण की योजनाओं के प्रति आकर्षित हो, यह तो भविष्य की गर्त में छिपा है.