लखनऊः फास्टैग के जरिए ऑनलाइन पेमेंट के माध्यम से टैक्स की वसूली की जाती है. बिना लाइन में लगे लोग टोल टैक्स को पार कर जाते हैं, लेकिन तकनीकी समस्याओं के चलते आज भी टोल टैक्स पर जनता जाम के झाम को झेलने के लिए मजबूर हो रही है.
15 दिसंबर से देशभर के टोल टैक्स पर फास्टैग सुविधा को अनिवार्य रूप से शुरू किया गया है. आम जनता को इस सुविधा का कितना फायदा मिल रहा है यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम राजधानी लखनऊ को रायबरेली से जोड़ने वाले नेशनल हाईवे 30 पर बने टोल टैक्स पहुंची.
ये बोले टोल टैक्स मैनेजर
टोल टैक्स मैनेजर कुलदीप भाटी ने बताया कि फास्टैग लागू होने के बाद से जनता को काफी सहूलियत मिल रही है. शुरुआती दौर में तो लोगों को इसकी जानकारी नहीं थी. टोलकर्मियों ने लोगों को जागरूक किया. लोगों को समाचार पत्रों के माध्यम से भी इसकी जानकारी मिली. जिसके बाद लोगों ने अपनी गाड़ियों में टैगिंग करवाई.
एक तरफ जहां आम जनता को इसकी सुविधाएं मिल रही हैं, वहीं दूसरी तरफ टोल टैक्सकर्मियों को भी काफी आराम मिला है क्योंकि उन्हें पैसे का लेन-देन कम करना पड़ता है. ऑनलाइन माध्यम से ही पैसा टोल को पार करने वाली गाड़ी का कट जाता है.
लोगों के लिए परेशानी का सबब
इस बाबत जब टोल से गुजर रहे लोगों से बात की तो उनका कहना था कि तकनीकी समस्याओं के चलते उनको परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ट्रक चालक निशांत सिंह कहते हैं कि फास्टैग होने के बावजूद भी टोल टैक्स पार करने के लिए लंबी लाइनें लगानी पड़ रही हैं. कई बार तो गाड़ी का नंबर भी स्कैन नहीं हो पाता है. तकनीकी समस्याओं के चलते लोग आज भी टोल टैक्स के जाम में फंसते हुए नजर आ रहे हैं.