लखनऊः उत्तर प्रदेश में स्टांप की कमी से वादों के निस्तारण में होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए यूपी स्टांप एवं पंजीयन विभाग 10 दिवसीय स्टांप अदालत की शुरुआत करने जा रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य स्टॉफ की कमी को दूर करना है, जिससे समय से वादों का निपटारा किया जा सके. इसके बाद अगले महीने से शुक्रवार और शनिवार को विशेष रूप से निस्तारण किया जाएगा. यह जानकारी स्टांप आयुक्त डॉक्टर रोशन जैकब ने दी.
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उत्तर प्रदेश स्टांप आयुक्त डॉक्टर रोशन जैकब ने इस संबंध में प्रदेश के सभी जिला अधिकारी अपर जिला अधिकारी एवं सहायक स्टांप आयुक्त को निर्देश जारी कर दिया है. इसके अनुसार भारतीय स्टांप अधिनियम 1899 की धारा-33, 47 ए (1) एवं 47 ए (3) के अंतर्गत न्यायालयों में स्टॉफ की कमी से लंबित वादों के शीघ्र निस्तारण के लिए (26 दिसंबर से 5 जनवरी) 10 दिन तक स्टांप अदालत लगाकर वादों का निपटारा किया जाएगा. इसके लिए प्रत्येक माह के शुक्रवार व शनिवार के दिन को निर्धारित किया गया है.
इस संबंध में स्टांप आयुक्त द्वारा आयुक्त न्यायालय से यह अपेक्षा रखी है कि वह स्टांप अदालत आयोजित होने के पूर्व ऐसे सभी वादों की सूची बना ले जिसमें पारस्परिक सहमति के आधार पर निर्णय किए जाने की संभावना हो, जिससे वादकारियों और अधिवक्ताओं को समय पूर्व सूचना मिल सके. राजस्व अधिकारियों, प्राधिकरण नगरीय निकायों एवं ग्राम सभाओं के जिला पंचायत राज्य अधिकारी द्वारा अदालत के बारे में इसका प्रचार-प्रसार किया जाए.
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