ETV Bharat / state

कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए पीडियाट्रिशियन को सरकार देगी ट्रेनिंग

author img

By

Published : Jun 29, 2021, 12:52 PM IST

कोरोना की तीसरी लहर (Third wave) से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने अभी से एहतियात बरतने शुरू कर दिए हैं. इसको लेकर शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की सीएचसी और पीएचसी में तैनात पीडियाट्रिशियन और हेल्थ केयर वर्कर्स की ट्रेनिंग पहली जुलाई से शुरु होगी.

कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए पीडियाट्रिशियन को सरकार देगी ट्रेनिंकोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए पीडियाट्रिशियन को सरकार देगी ट्रेनिंग... ग...
कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए पीडियाट्रिशियन को सरकार देगी ट्रेनिंग...

लखनऊ: कोरोना की तीसरी लहर ( Third wave) में एक्सपर्ट द्वारा बच्चों पर ज्यादा असर की आशंका के बीच स्वास्थ्य विभाग लगातार अपने स्तर से तैयारियां कर रहा है. इसके तहत प्रदेश के हर जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की सीएचसी और पीएचसी में तैनात पीडियाट्रिशियन और हेल्थ केयर वर्कर्स की ट्रेनिंग पहली जुलाई से शुरु होगी. कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई. जहां एक्सपर्ट द्वारा बच्चों के इलाज से संबंधित बारीकियां, जिसमें सामान्य वार्ड व आईसीयू में देखभाल के बारें में बताया जाएगा. राजधानी के सभी अस्पताल में पीडियाट्रिशियन वार्ड को अच्छी तरह से तैयार कर लिया गया है.

एक्सपर्ट देंगे ट्रेनिंग
राजधानी में स्वास्थ्य विभाग ने ट्रेनिंग की जिम्मेदारी लोकबंधु अस्पताल को दी है. साथ ही ट्रेनिंग देने के लिए पूरा प्लान तैयार कर लिया गया है. जिसके तहत डॉक्टर्स, नर्स, टेक्नीशियन व अन्य को चरणबद्ध तरीके से ट्रेनिंग दी जाएगी. एमएस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि ट्रेनिंग से जुड़ी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. यहां जिले भर के डॉक्टर और हेल्थ वर्कर्स को ट्रेनिंग देने का काम किया जाएगा. इसके लिए केजीएमयू, पीजीआई व लोहिया संस्थान के पीडियाट्रिशियन की मदद ली जाएगी. जहां ट्रेनिंग में जिले भर के अस्पतालों के डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ के अलावा मोहनलालगंज, गोसाईगंज, चिनहट और मलिहाबाद सीएचसी आदि की टीम शामिल रहेगी. यहां पांच-पांच बेड के एन-आईसीयू व पी-आईसीयू बनाए जा रहे हैं. ऐसे में सभी को ट्रेनिंग देने का काम किया जाएगा.

इससे पहले कभी नहीं की गई इतनी तैयारी
एमएस डॉक्टर अजय त्रिपाठी ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सरकार काफी ज्यादा संजीदा है. साथ ही इससे पहले कभी भी पीडियाट्रिशियन को किसी बीमारी के लिए ट्रेनिंग नहीं दी गई. अस्पतालों में पहली बार ऐसा हो रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जिले के सभी शहरीय व ग्रमीण क्षेत्र के सीएचसी व पीएचसी के कर्मचारी पीडियाट्रिशियन की ट्रेनिंग दी जाएगी. ताकि कोरोना से बच्चों को बचाने में डॉक्टर तैयार रहें.

इसे भी पढ़ें-डेल्टा प्लस का खतरा: 3 हजार लोग रडार पर, 10 फीसद सैंपल का जीनोम सिक्वेंसिंग

1 जुलाई से शुरू होगी ट्रेनिंग
जिले के सभी अस्पतालों के पीडियाट्रिशियन डॉक्टर को 1 जुलाई से ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसमें यह बताया और सिखाया जाएगा कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए किस तरह से बच्चों का ख्याल रखा जाए, आईसीयू में कैसे बच्चे को देखरेख की जाए. वैसे तो कोरोना से निपटने के लिए सरकार ने मेडिकल किट देने की योजना बनाई है, जो कि जुलाई से शुरू होगी. वहीं राज्य सरकार ने मेडिकल किट निगरानी समितियों को सौंप दी है. अब उनके द्वारा सभी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यकता को देखते हुए बच्चों को मेडिकल किट दी जाएगी.

इन अस्पतालों में तैयारी फुल

  • लोकबंधु हॉस्पिटल में 100 बेड के पीडियाट्रिक एवं मेटरनिटी वार्ड की व्यवस्था हो गई है. इसमें 30 पीआईसीयू/एनआईसीयू बेड और 70 ऑक्सीजनयुक्त बेड हैं.
  • केजीएमयू में 100 बेड का पीडियाट्रिक वार्ड बन रहा है. इसमें 50 बेड पीआईसीयू/एनआईसीयू और बाकी ऑक्सीजनयुक्त बेड होंगे.
  • एसजीपीजीआई में 50 पीआईसीयू/एनआईसीयू बेड का पीडियाट्रिक वॉर्ड बन रहा है.
  • आरएमएल में 50 बेड के पीडियाट्रिक वॉर्ड की व्यवस्था की जा रही है. इसमें 30 बेड पीआईसीयू/एनआईसीयू और 20 ऑक्सीजनयुक्त बेड होंगे.
  • एरा मेडिकल कॉलेज में 100 बेड का पीडियाट्रिक वार्ड बनेगा. इसमें 30 पीआईसीयू/एनआईसीयू बेड होंगे.
  • इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज में 50 बेड का पीडियाट्रिक वार्ड बनेगा. 25 बेड पीआईसीयू/एनआईसीयू और 25 ऑक्सीजनयुक्त बेड होंगे.
  • टीएसएम हॉस्पिटल में 8 पीआईसीयू/एनआईसीयू बेड की व्यवस्था है. इसे बढ़ाकर 20 किया जाएगा. वहीं, 30 ऑक्सीजनयुक्त बेड का पीडियाट्रिक वॉर्ड बनाया जा रहा है.
  • बलरामपुर अस्पताल में 50 बेड के पीडियाट्रिक वॉर्ड की व्यवस्था की जा रही है. इसमें 20 पीआईसीयू/एनआईसीयू और 30 ऑक्सीजनयुक्त बेड होंगे.

लखनऊ: कोरोना की तीसरी लहर ( Third wave) में एक्सपर्ट द्वारा बच्चों पर ज्यादा असर की आशंका के बीच स्वास्थ्य विभाग लगातार अपने स्तर से तैयारियां कर रहा है. इसके तहत प्रदेश के हर जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की सीएचसी और पीएचसी में तैनात पीडियाट्रिशियन और हेल्थ केयर वर्कर्स की ट्रेनिंग पहली जुलाई से शुरु होगी. कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई. जहां एक्सपर्ट द्वारा बच्चों के इलाज से संबंधित बारीकियां, जिसमें सामान्य वार्ड व आईसीयू में देखभाल के बारें में बताया जाएगा. राजधानी के सभी अस्पताल में पीडियाट्रिशियन वार्ड को अच्छी तरह से तैयार कर लिया गया है.

एक्सपर्ट देंगे ट्रेनिंग
राजधानी में स्वास्थ्य विभाग ने ट्रेनिंग की जिम्मेदारी लोकबंधु अस्पताल को दी है. साथ ही ट्रेनिंग देने के लिए पूरा प्लान तैयार कर लिया गया है. जिसके तहत डॉक्टर्स, नर्स, टेक्नीशियन व अन्य को चरणबद्ध तरीके से ट्रेनिंग दी जाएगी. एमएस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि ट्रेनिंग से जुड़ी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. यहां जिले भर के डॉक्टर और हेल्थ वर्कर्स को ट्रेनिंग देने का काम किया जाएगा. इसके लिए केजीएमयू, पीजीआई व लोहिया संस्थान के पीडियाट्रिशियन की मदद ली जाएगी. जहां ट्रेनिंग में जिले भर के अस्पतालों के डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ के अलावा मोहनलालगंज, गोसाईगंज, चिनहट और मलिहाबाद सीएचसी आदि की टीम शामिल रहेगी. यहां पांच-पांच बेड के एन-आईसीयू व पी-आईसीयू बनाए जा रहे हैं. ऐसे में सभी को ट्रेनिंग देने का काम किया जाएगा.

इससे पहले कभी नहीं की गई इतनी तैयारी
एमएस डॉक्टर अजय त्रिपाठी ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सरकार काफी ज्यादा संजीदा है. साथ ही इससे पहले कभी भी पीडियाट्रिशियन को किसी बीमारी के लिए ट्रेनिंग नहीं दी गई. अस्पतालों में पहली बार ऐसा हो रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जिले के सभी शहरीय व ग्रमीण क्षेत्र के सीएचसी व पीएचसी के कर्मचारी पीडियाट्रिशियन की ट्रेनिंग दी जाएगी. ताकि कोरोना से बच्चों को बचाने में डॉक्टर तैयार रहें.

इसे भी पढ़ें-डेल्टा प्लस का खतरा: 3 हजार लोग रडार पर, 10 फीसद सैंपल का जीनोम सिक्वेंसिंग

1 जुलाई से शुरू होगी ट्रेनिंग
जिले के सभी अस्पतालों के पीडियाट्रिशियन डॉक्टर को 1 जुलाई से ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसमें यह बताया और सिखाया जाएगा कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए किस तरह से बच्चों का ख्याल रखा जाए, आईसीयू में कैसे बच्चे को देखरेख की जाए. वैसे तो कोरोना से निपटने के लिए सरकार ने मेडिकल किट देने की योजना बनाई है, जो कि जुलाई से शुरू होगी. वहीं राज्य सरकार ने मेडिकल किट निगरानी समितियों को सौंप दी है. अब उनके द्वारा सभी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यकता को देखते हुए बच्चों को मेडिकल किट दी जाएगी.

इन अस्पतालों में तैयारी फुल

  • लोकबंधु हॉस्पिटल में 100 बेड के पीडियाट्रिक एवं मेटरनिटी वार्ड की व्यवस्था हो गई है. इसमें 30 पीआईसीयू/एनआईसीयू बेड और 70 ऑक्सीजनयुक्त बेड हैं.
  • केजीएमयू में 100 बेड का पीडियाट्रिक वार्ड बन रहा है. इसमें 50 बेड पीआईसीयू/एनआईसीयू और बाकी ऑक्सीजनयुक्त बेड होंगे.
  • एसजीपीजीआई में 50 पीआईसीयू/एनआईसीयू बेड का पीडियाट्रिक वॉर्ड बन रहा है.
  • आरएमएल में 50 बेड के पीडियाट्रिक वॉर्ड की व्यवस्था की जा रही है. इसमें 30 बेड पीआईसीयू/एनआईसीयू और 20 ऑक्सीजनयुक्त बेड होंगे.
  • एरा मेडिकल कॉलेज में 100 बेड का पीडियाट्रिक वार्ड बनेगा. इसमें 30 पीआईसीयू/एनआईसीयू बेड होंगे.
  • इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज में 50 बेड का पीडियाट्रिक वार्ड बनेगा. 25 बेड पीआईसीयू/एनआईसीयू और 25 ऑक्सीजनयुक्त बेड होंगे.
  • टीएसएम हॉस्पिटल में 8 पीआईसीयू/एनआईसीयू बेड की व्यवस्था है. इसे बढ़ाकर 20 किया जाएगा. वहीं, 30 ऑक्सीजनयुक्त बेड का पीडियाट्रिक वॉर्ड बनाया जा रहा है.
  • बलरामपुर अस्पताल में 50 बेड के पीडियाट्रिक वॉर्ड की व्यवस्था की जा रही है. इसमें 20 पीआईसीयू/एनआईसीयू और 30 ऑक्सीजनयुक्त बेड होंगे.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.