लखनऊ: पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अयूब ने जेल से रिहाई के बाद भाजपा सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा तो असहमति की आवाज का गला दबाकर लोकतंत्र को कमजोर करने की है, लेकिन भारतीय संविधान के आगे मजबूर हैं.
डॉ. अयूब ने कहा कि राजनीतिक दुर्भावना के चलते उन्हें जेल भेजा गया था, लेकिन अदालत के सामने सरकार की कोई दलील नहीं टिक पाई. डाॅ. अयूब ने कहा कि पीस पार्टी हमेशा शांति न्याय एवं भाईचारे की विचारधारा पर काम करती रही है और आगे भी करती रहेगी. पार्टी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संवैधानिक संघर्ष करती रही है. पार्टी किसानों, मजदूरों, बुनकरों, महिलाओं और युवाओं की लड़ाई लड़ती आई है. हम राजनीतिक दुर्भावना से की गई कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं.
उर्दू अखबारों में छपवाया था विवादित विज्ञापन
दरअसल, पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉ. अयूब पर लखनऊ के उर्दू अखबारों में विवादित विज्ञापन छपवाने के आरोप लगे थे, जिसके बाद हजरतगंज थाने में उनके खिलाफ धार्मिक भावना भड़काने, सेवन क्रिमिनल लॉ और आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी. हजरतगंज पुलिस ने डॉ. अयूब को एक अगस्त को उनके गोरखपुर स्थित बड़हलगंज के जोहरा अस्पताल से गिरफ्तार किया था. वहां से पुलिस उन्हें लखनऊ लेकर पहुंची थी, जहां कोर्ट में पेशी के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था.