लखनऊ: उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव व चौरी-चौरा शताब्दी समारोह के तहत अमृत रंग महोत्सव के तीसरे दिन संगीत नाटक अकादमी का अमृत रंग महोत्सव नाट्य का मंचन हुआ. थिएटर ग्रुप द कल्चर फैक्ट्री की ओर से नाटक ‘दूर तक यादें वतन आईं थीं समझाने को’ का मंचन हुआ. नाटक में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान बिस्मिल, उनके गुरु गेंदालाल दीक्षित और अन्य क्रांतिकारियों के विचारों को बखूबी पेश किया गया.
अमृत रंग महोत्सव के तीसरे दिन हुई प्रस्तुति में बतौर अतिथि पर्यटन संस्कृति मंत्री मुकेश मेश्राम होमगार्ड्स के अपर मुख्य सचिव अनिल कुमार, समाजसेवी राजेश जायसवाल और अकादमी सचिव तरूण राज मौजूद थे. कार्यक्रम का उद्घाटन अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन कर किया. महोत्सव के तीसरे दिन युवा रंगकर्मियों ने नाट्य प्रस्तुति की. जिसमें बिस्मिल और उनके अन्य साथियों के व्यक्तित्व व योगदान को दिखाया. बिस्मिल और उनके क्रांतिकारी साथियों के अनछुए पलों को पेश किया गया.
नाटक में भगत सिंह अपने गुरु क्रांतिकारी गेंदालाल दीक्षित के बारे में बताते हैं. आगे नाटक में दिखाया जाता है कि बिस्मिल कैसे शाहजहांपुर से निकलकर देश की रक्षा को समर्पित रहे. इसके साथ ही नाटक में आगे दिखाया गया कि ऐतिहासिक काकोरी घटना के बाद कैसे भगत सिंह और गणेश शंकर विद्यार्थी ने क्रांतिकारियों के मुकदमे लड़े. उन्हें ब्रिटिश राज से मुक्ति के लिए क्या संघर्ष किये. आंदोलन की इस यात्रा में आगे भगत सिंह को फांसी हो जाती है.
नाटक का मंचन संगीता जायसवाल के लेखन व शुभम तिवारी के निर्देशन में हुआ. नाटक में पल्लवी सिंह, ममता शुक्ला, शुभम सिंह चौहान, सचिन जायसवाल, अमित, उदय, आशुतोष, अमन सिंह, धनंजय यादव, शोभित श्रीवास्तव, आदर्श, शिवम, सौरभ शुक्ला, अभिषेक और रविंद्र यादव थे. कार्यक्रम के संयोजक संगीत नाटक अकादमी के कार्यक्रम प्रबंधक नवीन श्रीवास्तव ने और संचालन नवल शुक्ल ने किया.
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