लखनऊ : आशियाना स्थित लोकबंधु अस्पताल में भी जल्द डायलिसिस की सुविधा शुरू होगी है. अस्पताल में डायलिसिस यूनिट शुरू करने की मंजूरी मिल गई है. इसके तहत अब मरीजों की निःशुल्क डायलिसिस होगी. स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से अस्पताल में यूनिट स्थापित की जा रही है. डायलिसिस की सुविधा मिलने वाला लोकबंधु शहर का दूसरा सरकारी अस्पताल होगा.
अगले सप्ताह से उपकरण लगने होंगे शुरू
सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल के अनुसार, यूनिट के लिए फंड रोटरी क्लब मुहैया करवा रहा है. अस्पताल में अगले सप्ताह से उपकरण लगने शुरू हो जाएंगे. इसके बाद यूनिट संचालन के लिए डॉक्टरों को प्रशिक्षण दिलवाया जाएगा. अब तक शहर के गिने चुने सरकारी संस्थानों में ही डायलिसिस की सुविधा है. एक और जगह सुविधा से मरीजों को काफी राहत होगी. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी के अनुसार, डायलिसिस की सुविधा नहीं होने से मरीजों को रेफर करना पड़ता है. यूनिट शुरू होने से मरीजों को सुविधा होगी.
बलरामपुर अस्पताल में यूनिट होती है संचालित
प्रदेश में बीते जून से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप (पीपीपी) मॉडल पर डायलिसिस यूनिट का संचालन किया जा रहा है. गुर्दे के गंभीर मरीजों को उनके जिले में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि मरीजों को डायलिसिस के लिए दूसरे जिलों तक दौड़ न लगानी पड़े. मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. ऐसे में रोगियों को डायलिसिस की सुविधा मुहैया कराकर राहत प्रदान की जा रही है. स्वास्थ्य निदेशालय की डीजी हेल्थ डॉ. लिली सिंह ने बताया कि 'मरीजों की संख्या बढ़ने की दशा में आठ जनपदों में हीमोडायलिसिस बेड बढ़ाये जा रहे हैं.'
डायलिसिस यूनिट में होंगे 109 बेड
बता दें कि कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, अम्बेडकर नगर, हाथरस, फिरोजाबाद, गाजीपुर, महाराजगंज व लखीमपुर खीरी जिला चिकित्सालय में 71 बेड पर मरीजों की डायलिसिस हो रही है. एक बेड पर एक दिन में तीन से चार मरीजों की डायलिसिस हो रही है. मरीजों का दबाव लगातार बढ़ रहा है. इन जनपदों में करीब 38 बेड बढ़ाए जा रहे हैं. डायलिसिस यूनिट में कुल 109 बेड होंगे. उन्होंने कहा कि गुर्दा मरीजों के बेहतर इलाज के लिए लगातार कदम उठाये जा रहे हैं. जल्द से जल्द आठ जनपदों की डायलिसिस यूनिट में बेड बढ़ाने के निर्देश दिये गये हैं, ताकि अधिक से अधिक मरीजों को इलाज उपलब्ध कराया जा सके. डायलिसिस यूनिट में पर्याप्त सफाई, आरओ सिस्टम को दुरुस्त रखनें का निर्देश दिया गया है.
40 से 50 मरीजों का होता है डायलिसिस
बलरामपुर अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ. एएन उस्मानी ने बताया कि 'पीपीपी मॉडल के तहत खुले डायलिसिस यूनिट का लाभ मरीजों को मिल रहा है. डायलिसिस यूनिट में रोजाना 40 से 50 मरीजों का डायलिसिस होता है. डायलिसिस के लिए अस्पताल में कोई शुल्क नहीं लगता है. अस्पताल में सभी सुविधा निशुल्क उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि गुर्दे से पीड़ित मरीजों की संख्या इन दिनों अस्पताल की ओपीडी में काफी आ रही हैं, अगर किसी मरीज की डायलिसिस शुरू हो जाती है तो वह ताउम्र होती है.'