लखनऊः केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में मरीजों को न भर्ती करने का मामला सामने आया है. मरीजों का कहना है कि सुबह से पचासों मरीज बिना इलाज के वापस लौट चुके हैं. ट्रामा सेंटर में मौजूद मरीजों का कहना है कि बार-बार पर्चा काउंटर का चक्कर लगा रहे, लेकिन पर्ची भी नहीं बनाया जा रहा हैं. तीमारदारों का कहना हैं कि अगर मरीजों को कुछ हो गया तो इसका जिममेदार सिर्फ अस्पताल प्रशासन ही होगा.
मरीज ने बयां की दांस्ता
निशातगंज निवासी किरण त्यागी ने बताया कि वह सुबह 12:00 बजे से केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में अपनी मम्मी को लेकर आए हैं. उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया. इमरजेंसी पर लाने के कारण RT-PCR TEST की नेगेटिव रिपोर्ट नहीं थी. इसके कारण अस्पताल के 10 चक्कर लगाने के बाद 5 घंटे में भी मरीज को भर्ती नहीं किया गया. न स्टाफ सुनने वाले हैं और न ही डॉक्टर. ऐसे में हम मरीज को लेकर जाएं तो जाएं कहां.
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नाली किनारे बिछाया चादर
फैजुल्लागंज से अपने पति का इलाज कराने आई महिला ने बताया कि अस्पताल में कोई स्टाफ या डॉक्टर मरीजों की सुध लेने के लिए एक बार बाहर तक नहीं आया. छोटे से बच्चे को लेकर अस्पताल की बिल्डिंग के किनारे नाली के पास चादर बिछाकर बैठी महिला ने बताया कि कोरोना का समय चल रहा है. क्या हमें कोरोना नहीं होगा. मरीज के लिए हम यहां पर बैठे हुए हैं, लेकिन क्या अस्पताल के डॉक्टर सूरदास हो गए हैं कि उन्हें मरीजों की परेशानी नहीं दिखाई दे रही.
मरीज बिना इलाज कराएं लौटें
सुबह 10 बजे से लेकर शाम के 5 बजे तक कम से कम 200 से ज्यादा लोग यहां पर इलाज कराने आए थे, लेकिन सिर्फ कुछ ही को अस्पताल में भर्ती किया गया. बाकी सभी को डॉक्टर्स एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल का चक्कर लगवा रहे हैं.
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ट्रामा के बेड फुल
केजीएमयू के प्रवक्ता डॉक्टर सुधीर सिंह का कहना है कि कोरोना के चलते अस्पताल में मरीज ज्यादा आ रहे हैं. इसके कारण हर एक मरीज को देख पाना डॉक्टर के बस की भी बात नहीं रही है. ट्रामा सेंटर के वार्ड के बेड फुल हो चुके हैं. जिसके कारण मरीज को भर्ती नहीं किया जा रहा है. यही कारण है कि पर्चा भी नहीं बनाया जा रहा है.