लखनऊ: कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का इलाज काफी कठिन और लंबा चलता है. कई बार कैंसर का पता तब चलता है, जब कैंसर अपनी लास्ट स्टेज में पहुंच चुका होता है. राजधानी में कैंसर के इलाज के लिए बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं. चक गजरिया स्थित सुपर स्पेशलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड हॉस्पिटल में कैंसर के मरीजों को बेहतर व सरल इलाज उपलब्ध कराने के लिए पूरी टीम प्रयासरत है.
एक छत के नीचे मिलता है पूरा इलाज
राजधानी लखनऊ स्थित सुपर स्पेशलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड हॉस्पिटल में एक ही छत के नीचे कैंसर का पूरा ट्रीटमेंट मिलता है. कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी, रेडियोथैरेपी, कीमोथेरेपी का सहारा लिया जाता है. कैंसर इंस्टिट्यूट में यह तीनों सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिसके लिए अस्पताल में एक्सपर्ट व संसाधन मौजूद हैं.
डिजीज मैनेजमेंट ग्रुप से तुरंत मरीज को मिलता है इलाज
कैंसर इंस्टिट्यूट में कैंसर के मरीजों को तुरंत इलाज उपलब्ध कराने के लिए एक नया तरीका अपनाया गया है, जिसको डिजीज मैनेजमेंट ग्रुप कहा जाता है. सुपर स्पेशलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड हॉस्पिटल के डायरेक्टर शालीन कुमार ने बताया कि कैंसर के पेशेंट को तुरंत इलाज मिल सके, इसके लिए ओपीडी में तीन डॉक्टरों का पैनल बनाया गया है. इस पैनल में सर्जरी, मेडिकल व रेडिएशन डिपार्टमेंट के डॉक्टर मौजूद रहते हैं. मरीज को देखने के बाद तुरंत यह तय किया जाता है कि उसे सर्जरी के लिए आगे बढ़ाना है या मेडिकल या रेडिएशन के लिए आगे बढ़ाना है. उदाहरण के तौर पर यदि किसी व्यक्ति के अंदर मुंह, कान व गले का कैंसर है तो उसके लिए ओपीडी में सर्जिकल ऑकोलॉजिस्ट, मेडिकल ऑकोलॉजिस्ट व रेडिएशन ऑकोलॉजिस्ट मौजूद रहेंगे. साथ ही मरीज की स्थिति को देखने के बाद यह तय होगा कि उसका इलाज किस विभाग के अंतर्गत किया जाएगा.
कुछ ही घंटों में कैंसर की होती है पुष्टि
सामान्य अस्पतालों में कैंसर के लक्षण के मरीज के पहुंचने पर जांच कराने में लगभग एक सप्ताह का समय लगता है, लेकिन सुपर स्पेशलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड हॉस्पिटल में तुरंत इलाज मिलता है. इस अस्पताल में प्रारंभिक जांच में यह पता चल जाता है कि मरीज को कैंसर की समस्या है या नहीं, यदि कैंसर की समस्या होती है तो तुरंत अस्पताल में इलाज शुरू कर दिया जाता है.
पेलेटिव केयर के दर्द को किया जाता है कम
कैंसर के मरीज को काफी तेज दर्द होता है, इस दर्द को कम करने के लिए सुपर स्पेशलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड हॉस्पिटल में पेलेटिव केयर की व्यवस्था की गई है. पेलेटिव केयर के तहत मरीज को तुरंत राहत पहुंचाई जाती है. इसके तहत मरीज के दर्द को कम किया जाता है. साथ ही उसके खाने-पीने व आराम करने का इंतजाम भी किया जाता है.
अस्पताल में मौजूद है यह संसाधन
सुपर स्पेशलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड हॉस्पिटल को 850 करोड़ की लागत से बनाया गया है. यहां पर लगभग 100 करोड़ की लागत से संसाधन जुटाए गए हैं. वर्तमान स्थिति की बात करें तो कैंसर के इलाज में प्रभावी रेडियोथैरेपी के लिए अस्पताल में एक लीनर एक्सीलेटर मौजूद है. वर्तमान में एक ऑपरेशन थिएटर का प्रयोग किया जा रहा है. जिसमें प्रतिदिन तीन ऑपरेशन किए जाते हैं. प्रतिदिन 40 मरीजों की रेडियोथैरेपी की जाती है. अस्पताल में कीमोथेरेपी के लिए भी संसाधन मौजूद हैं.
अस्पताल की क्षमता
राजधानी लखनऊ के सुपर स्पेशलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड हॉस्पिटल की क्षमता की बात करें तो भविष्य में अस्पताल में 24 ऑपरेशन थिएटर स्थापित किए जाएंगे. अस्पताल में 24 ऑपरेशन थिएटर की क्षमता है. अस्पताल 750 बेड की क्षमता रखता है. आने वाले दिनों में यहां पर 6 लीनर एस्केलेटर इंस्टॉल किए जाएंगे.
अस्पताल में रजिस्ट्रेशन कराने का समय
अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सके, इसका पूरा ध्यान रखा गया है. इसके लिए एक मैनेजमेंट तैयार किया गया है. यदि कोई पेशेंट अस्पताल में पहुंचता है और उसे डॉक्टर को दिखाना है तो उससे पहले रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है. बता दें कि सर्दी के मौसम में सुबह 8 बजे से लेकर 12 बजे तक रजिस्ट्रेशन किया जाता है. वहीं गर्मी के मौसम में सुबह 7 बजे से 11 बजे तक रजिस्ट्रेशन किया जाता है. रजिस्ट्रेशन कराने के बाद मरीज 3 डॉक्टरों के पैनल के बाद सलाह के लिए पहुंचता है.