ETV Bharat / state

लखनऊ: लोहिया संस्थान में फर्श पर तड़पता रहा मरीज, इंजेक्शन लगा किया बाहर - लोहिया संस्थान

राजधानी लखनऊ के लोहिया संस्थान में चिकित्सकों की लापरवाही का नया मामला सामने आया है. बुखार से पीड़ित मरीज को इंजेक्शन लगाकर चिकित्सकों ने बाहर कर दिया. इस दौरान गश खाकर फर्श पर मरीज पड़ा रहा और दर्द से तड़पता रहा.

लोहिया संस्थान
लोहिया संस्थान
author img

By

Published : Oct 23, 2020, 5:09 AM IST

लखनऊ: राजधानी लखनऊ के लोहिया संस्थान में गुरुवार को एक बार फिर से चिकित्सकों की संवेदनहीनता सामने आई है. लोहिया संस्थान में बुखारु से पीड़ित मरीज फर्श पर तड़पता रहा, जिसके बाद चिकित्सकों ने इंजेक्शन लगाकर उसे बाहर भेज दिया.

बता दें कि लोहिया संस्थान में चिकित्सकों की लापरवाही के तमाम मामले लगातार सामने आ रहे हैं. चाहे ड्यूटी में लापरवाही की बात हो व मरीजों को चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं देने में हर क्षेत्र में लोहिया संस्थान के चिकित्सकों व प्रशासन की बड़ी लापरवाही व संवेदनहीनता समय-समय पर देखने को मिल रही है. इसी कड़ी में गुरुवार को एक नया मामला सामने आया. संस्थान में फर्श पर बुखार से पीड़ित मरीज तड़पता रहा. इसके बाद चिकित्सकों ने सिर्फ एक इंजेक्शन लगाकर उसे अस्पताल से चलता कर दिया.

बिना बुखार उतरे ही डॉक्टरों ने किया बाहर
लोहिया संस्थान में चिकित्सकों की लापरवाही व संवेदनहीनता किस कदर गिरती जा रही है, जिसका अंदाजा इस घटनाक्रम से अंदाजा लगाया जा सकता है. इस पूरे मामले पर जब मरीज से बातचीत की गई तो उसने बताया कि डॉक्टरों ने उसे एक इंजेक्शन लगा कर बाहर कर दिया, लेकिन उसका बुखार उतरा तक नहीं. इस वजह से वह फर्श पर गश खाकर लेट गया. मरीज के बाहर पड़े होने की जानकारी जब लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ. वीके सिंह को मिली तो उन्होंने मरीज को तत्काल इलाज के लिए भर्ती कराया.

संस्थान मे कोरोना संक्रमण बढ़ाने का पूरा इंतजाम
इस पूरे घटनाक्रम के सामने आने के बाद जब हमने मरीज की पत्नी से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि गश खाकर गिरने के बाद उनके पति के कमर में चोट लग गई है. उनका कोविड-19 टेस्ट हुआ है, जिसकी अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है. यदि मरीज की रिपोर्ट कर पॉजिटिव आ जाती है तो उसके आसपास बैठे अन्य मरीज भी कोरोना की की चपेट में आ सकते हैं, लेकिन इसके बाद भी कोरोना के संक्रमण से बचाव की कोई भी व्यवस्था इस दौरान लोहिया संस्थान में नहीं दिखी. यहां तक कि लोहिया संस्थान में फीवर डेस्क व हेल्प डेस्क तक नहीं बनी है, जहां पर बुखार, जुखाम और खांसी वाले मरीजों को अलग से उपचार मिल सके और उनका कोरोना टेस्ट कर अन्य मरीजों को बचाया जा सके.

जिम्मेदार बोले, बेहतर करेंगे व्यवस्थाएं
इस पूरे मामले पर जब हमने लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ. वीके सिंह से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि पूरा मामला संज्ञान में है. यदि कहीं भी इस तरह की लापरवाही बरती गई है तो भविष्य में इस तरह की लापरवाही न हो इसको लेकर के व्यवस्था की जाएगी, जिससे कि कोरोना संक्रमण से भी अन्य लोगों को बचाया जा सके और अन्य सामान्य बीमारियों का इलाज भी दिया जा सके.

लखनऊ: राजधानी लखनऊ के लोहिया संस्थान में गुरुवार को एक बार फिर से चिकित्सकों की संवेदनहीनता सामने आई है. लोहिया संस्थान में बुखारु से पीड़ित मरीज फर्श पर तड़पता रहा, जिसके बाद चिकित्सकों ने इंजेक्शन लगाकर उसे बाहर भेज दिया.

बता दें कि लोहिया संस्थान में चिकित्सकों की लापरवाही के तमाम मामले लगातार सामने आ रहे हैं. चाहे ड्यूटी में लापरवाही की बात हो व मरीजों को चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं देने में हर क्षेत्र में लोहिया संस्थान के चिकित्सकों व प्रशासन की बड़ी लापरवाही व संवेदनहीनता समय-समय पर देखने को मिल रही है. इसी कड़ी में गुरुवार को एक नया मामला सामने आया. संस्थान में फर्श पर बुखार से पीड़ित मरीज तड़पता रहा. इसके बाद चिकित्सकों ने सिर्फ एक इंजेक्शन लगाकर उसे अस्पताल से चलता कर दिया.

बिना बुखार उतरे ही डॉक्टरों ने किया बाहर
लोहिया संस्थान में चिकित्सकों की लापरवाही व संवेदनहीनता किस कदर गिरती जा रही है, जिसका अंदाजा इस घटनाक्रम से अंदाजा लगाया जा सकता है. इस पूरे मामले पर जब मरीज से बातचीत की गई तो उसने बताया कि डॉक्टरों ने उसे एक इंजेक्शन लगा कर बाहर कर दिया, लेकिन उसका बुखार उतरा तक नहीं. इस वजह से वह फर्श पर गश खाकर लेट गया. मरीज के बाहर पड़े होने की जानकारी जब लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ. वीके सिंह को मिली तो उन्होंने मरीज को तत्काल इलाज के लिए भर्ती कराया.

संस्थान मे कोरोना संक्रमण बढ़ाने का पूरा इंतजाम
इस पूरे घटनाक्रम के सामने आने के बाद जब हमने मरीज की पत्नी से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि गश खाकर गिरने के बाद उनके पति के कमर में चोट लग गई है. उनका कोविड-19 टेस्ट हुआ है, जिसकी अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है. यदि मरीज की रिपोर्ट कर पॉजिटिव आ जाती है तो उसके आसपास बैठे अन्य मरीज भी कोरोना की की चपेट में आ सकते हैं, लेकिन इसके बाद भी कोरोना के संक्रमण से बचाव की कोई भी व्यवस्था इस दौरान लोहिया संस्थान में नहीं दिखी. यहां तक कि लोहिया संस्थान में फीवर डेस्क व हेल्प डेस्क तक नहीं बनी है, जहां पर बुखार, जुखाम और खांसी वाले मरीजों को अलग से उपचार मिल सके और उनका कोरोना टेस्ट कर अन्य मरीजों को बचाया जा सके.

जिम्मेदार बोले, बेहतर करेंगे व्यवस्थाएं
इस पूरे मामले पर जब हमने लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ. वीके सिंह से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि पूरा मामला संज्ञान में है. यदि कहीं भी इस तरह की लापरवाही बरती गई है तो भविष्य में इस तरह की लापरवाही न हो इसको लेकर के व्यवस्था की जाएगी, जिससे कि कोरोना संक्रमण से भी अन्य लोगों को बचाया जा सके और अन्य सामान्य बीमारियों का इलाज भी दिया जा सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.